वीओआई आफिस पर हड़तालियों का कब्जा : हड़ताली कर्मचारी हर हाल में बकाया भुगतान की मांग पर अड़े : चैनल लाइव कराने के लिए जैन टीवी के स्टूडियो पहुंचे वीओआई के वरिष्ठ : अतुल अग्रवाल और दिनेश कांडपाल को फोन पर मिली धमकी : वायस आफ इंडिया में कर्मचारियों के बवाल ने नया मोड़ ले लिया है। हड़ताली कर्मचारी अब दो हिस्सों में बंट चुके हैं। एक हिस्सा हर कीमत पर पुराने बकाये को निपटाने की मांग कर चैनल न चलाने देने पर अड़ा है तो दूसरा हिस्सा प्रबंधन के आश्वासन के बाद चैनल को लाइव करने में जुटा हुआ है। प्रबंधन की तमाम कोशिशों के बावजूद कई दर्जन कर्मचारी वीओआई के नोएडा स्थित आफिस में कामबंद हड़ताल जारी रखे हुए हैं।
चैनल का शटर गिरने के बाद प्रबंधन ने कुछ प्रोग्राम रिकार्ड कराके चैनल को दुबारा आन एयर तो करा लिया लेकिन आफिस कैंपस में हड़तालियों का कब्जा होने के कारण चैनल लाइव नहीं हो पा रहा है और नए कार्यक्रम व बुलेटिन नहीं दिखाए जा रहे हैं। अंततः प्रबंधन के लोगों ने नई रणनीति अख्तियार की है। वे अब जैन टीवी के स्टूडियो से वीओआई को लाइव करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जैन टीवी से तीन ओवी वैन किराए पर ले ली गई हैं और आज शाम तक चैनल लाइव हो जाएगा। जैन टीवी के स्टूडियो में कई लोग काम करने पहुंच गए हैं। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जिनका मानना है कि उन्हें अपने परिवार का पेट पालना है इसलिए कोई विकल्प न होने और प्रबंधन के आश्वासन के कारण वीओआई के साथ काम करते रहेंगे। वीओआई के आफिस में जो विद्रोही कर्मचारी डटे हुए हैं वे प्रबंधन के साथ काम करने वाले कर्मचारियों व वरिष्ठों को कर्मचारी विरोधी और दगाबाज बता रहे हैं।
वीओआई आफिस से भड़ास4मीडिया के पास आए एक फोन में एक हड़ताली मीडियाकर्मी ने नाम न प्रकाशित किए जाने की शर्त पर ताजी स्थिति के बारे में जो जानकारी दी, अपनी जो भावनाएं प्रकट की, वह इस प्रकार है- ‘तनख्वाह की मांग के लिए चैनल बंद किया गया और यह अभी तक बंद है। कुछ लोगों से कहकर, पुराने टेप डलवाकर चैनल चलाने की कोशिश की गई पर चैनल लाइव बिलकुल नहीं है। सभी कर्मचारी यूनाइट हैं। पिछले कई दिनों से चैनल का कोई मालिक हम लोगों के सामने नहीं आया है। हम लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है कि चैनल का मालिक कौन है। जो भी अपने को मालिक मानता हो, वो सामने आए और हम लोगों को बकाया पैसा दे दे। हम लोग पैसा मिलने पर ही हड़ताल खत्म करेंगे। मैंनेजमेंट चाहे तो निकाल दे लेकिन हम लोगों का जो भी बकाया है, उसका भुगतान करे। यही एकमात्र मांग है। टेक्नीकल और एडिटोरियल, दोनों डिपार्टमेंट इस आंदोलन में एकजुट हैं। कुछ लोग जिन्हें मैनेजमेंट से लाभ लेना है, उपयोगिता दिखाने के लिए खुद को कर्मचारियों की एकजुटता से अलग हटाकर प्रबंधन के साथ मिल गए हैं। ऐसा हर बार क्यों होता है कि हड़ताल और विरोध के बाद ही सेलरी मिलती है। इस बार भी जून की आधी सेलरी हड़ताल के बाद मिली। यह काम पहले नहीं हो सकता था? लेकिन अब हमारी मांग है कि जिसका जितना भी बकाया है, उसका पूरा भुगतान करो। ऐसा बीसीयों बार हो चुका है कि विरोध के लिए कर्मचारी एकजुट हुए तभी उनका आधा-अधूरा पेमेंट मिल सका। यहां इस कदर असंवेदनशीलता है कि कोई हालचाल तक नहीं लेता। कौन किस हालत में जी रहा है, इससे किसी को मतलब नहीं है। जो लोग आज प्रबंधन से जाकर मिल गए हैं, वे ही इस हड़ताल को शुरू कराने में सबसे आगे रहे। बाद में प्रबंधन ने पुचकारा तो अपने स्वार्थ में कर्मचारियों के विरोध में जाकर खड़े हो गए। वीओआई के नोएडा आफिस में पचास से ज्यादा लोग हर वक्त मुस्तैद हैं और मांग पूरी होने तक डटे रहेंगे। अब किसी भी सूरत में यहां से काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा।‘
उधर, जैन टीवी के स्टूडियो से वीओआई को लाइव करने में लगे ग्रुप एडिटर किशोर मालवीय का कहना है कि विरोध करने वाले लोग अपने पांव में कुल्हाड़ी मार रहे हैं। चैनल चलते रहना चाहिए। विरोध करने का अधिकार सभी के पास है। विरोध करिए। यह अपनी जगह है। लेकिन चैनल को बंद करके सैकड़ों पत्रकारों व गैर-पत्रकारों की रोटी-रोटी पर लात मारना व बाहरी तत्वों को खुश होने का मौका देना गलत है। बाहरी लोग चाह रहे हैं कि चैनल बंद हो जाए। बाहरी लोगों के इशारे पर ही वीओआई आफिस की मशीनें खोल दी गई हैं और कई मशीनें व उपकरण गायब कर दिए गए हैं। पर हम लोग किसी हालत में चैनल को बंद नहीं होने देंगे। जैन टीवी के स्टूडियो में ढेर सारे कर्मचारी आ चुके हैं और चैनल लाइव करने में डटे हुए हैं। आज शाम तक हम हर हाल में चैनल को लाइव कर पाने में सफल हो सकेंगे। विरोध करने वाले अब सिर्फ 10 से 12 लोग हैं। किसी ने यह कभी नहीं सुना होगा कि जुलाई की सेलरी अगस्त में न मिली हो तो स्ट्राइक हो जाए। जून की सेलरी परसों दे दी गई है। बाकी सेलरी देने का आश्वासन प्रबंधन दे रहा है। ऐसे में काम पर न लौटना अनुचित है। पता चला है कि हड़ातल करने वालों में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका न्यूज एक्स के नए लांच होने वाले चैनल में हो गया है इसलिए वे इसी बहाने अपना पूरा भुगतान पाने के लिए हर कर्मचारी व चैनल के भविष्य को ही दांव पर लगाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
उधर, खबर है कि जो लोग काम पर लौट गए हैं और चैनल को लाइव करने में जुटे हुए हैं, उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। वीओआई से जुड़े अतुल अग्रवाल और दिनेश कांडपाल को नोएडा के एक लैंडलाइन नंबर (0120-4208587) से फोन कर बदला लेने की बात कही गई है। इस नंबर के बारे में जानकारी पुलिस को दे दी गई है।