सउदी अरब की एक अदालत ने एक महिला पत्रकार को सेक्स चर्चा से जुड़ा एक टेलीविज़न कार्यक्रम बनाने के लिए 60 कोड़ों की सज़ा सुनाई है. इस कार्यक्रम में एक सउदी नागरिक ने अपने विवाहेत्तर सेक्स संबन्धों की खुलकर चर्चा की थी.
माज़ैन अब्दुल जवाद नाम के इस व्यक्ति को पांच साल की क़ैद और 1000 कोड़ों की सज़ा सुनाई गई है. जबकि यह कार्यक्रम बनाने वाली महिला पत्रकार को 60 कोड़ों की सज़ा सुनाई गई है. एक और महिला पत्रकार को इसी मामले में गिरफ़्तार किया गया है. कई महीने पहले प्रसारित इस कार्यक्रम को लेकर सउदी अरब में इतना भारी बखेड़ा खड़ा हुआ जितना पिछले कई वर्षों में नही हुआ था.
मूलतः यह कार्यक्रम रेड लाइन्स नाम की एक सीरीज़ का हिस्सा था जिसका निर्माण लोकप्रिय लेबनानी सैटलाइट टेलीविज़न स्टेशन एलबीसी ने किया था. सउदी अरब में विवाह के पहले सेक्स विदेशी मूल के लोगों के बजाय यहां के मूल निवासी सउदी लोगों में काफ़ी बड़ा मसला है. इस सउदी नागरिक माज़ैन अब्दुल जवाद के प्रति जनता का आक्रोश तब उमड़ा जब उसने खुलकर टेलीविज़न पर औरतों को पटाने और उनके साथ सेक्स करने के अपने तरीक़ों और कौशल की चर्चा की. बाद में भारी आंसू बहाने और जमकर माफ़ी मांगने के बावजूद हासिल हुई पांच साल की क़ैद और 1000 कोड़े.
जवाद के तीन दोस्त जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे उन्हें भी दो-दो साल की क़ैद मिली है. इस लोकप्रिय टेलीविज़न चैनल के अंशतः मालिक सउदी अरबपति राजकुमार अलवालीद बिन तालाल हैं. पर अब्दुल जवाद ने इसका दोष एलबीसी निर्माताओं पर यह कहकर मढा है कि उन्होंने ही उसे ये सब बकने के लिए उकसाया था. इस कार्यक्रम से उठे बवाल के बाद एलबीसी के स्थानीय कार्यालय को बन्द कर दिया गया और इस कार्यक्रम की दो महिलाओं पर मुक़दमा चलाया गया जिसमें दोषी पायी गई एक महिला को साठ कोड़ों की सज़ा मिली है.
सउदी अरब में किसी महिला पत्रकार को मिली ये पहली ऐसी सज़ा है. सउदी अरब के धार्मिक नेताओं ने हमेशा इस टेलीविज़न चैनल की ये कहकर आलोचना की है कि यह अंग प्रदर्शन करने वाली गायिकाओं और अभिनेत्रियों की टेलीविज़न पर नुमाइश करता है. पर विडम्बना ये है कि एलबीसी टीवी चैनल के मालिक सउदी मीडिया मुग़ल सउदी अरबपति राजकुमार अलवालीद बिन तालाल हैं. साभार : बीबीसी