बिहार में नीतीश कुमार और सुशील मोदी के बीच की लड़ाई अब व्यक्तिगत स्तर पर उतर गई है. सुशील मोदी ने नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा है कि ताकतवर विपक्ष से पहली बार पाला पड़ते ही मुख्यमंत्री घटिया स्तर पर उतर आए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा छपास रोगी कहे जाने पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पहले वे अपने गिरेबान में भी झांक कर देखें.
मोदी ने कहा कि मीडिया कवरेज और अखबारों में तस्वीर छपने को लेकर मुख्यमंत्री कितने आग्रही रहे हैं, इसका प्रमाण कई बार सामने आया है. चाय की चुस्की के साथ अखबारों में अपनी खबरें सुर्खियों में नहीं देखने और मुख्य पृष्ठ पर अच्छी तस्वीर नहीं छपने पर बौखला कर विज्ञापन रोकने की धमकी और प्रकाशित विज्ञापनों के भुगतान को विलम्बित करने का निर्देश देने वाले मुख्यमंत्री को मुझ पर छपास का मरीज होने के आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए.
मोदी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन करा रहे हैं. संदेह है कि वे भाजपा नेताओं के फोन की टेपिंग भी करवा रहे हों. यह अंदेशा इसलिए है कि विगत दिन हाजीपुर में मैंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से जो अनौपचारिक बातचीत की, उसका टेप मुख्यमंत्री के पास कैसे पहुंचा? क्या मुख्यमंत्री ने ही उक्त बातचीत को स्टिंग के तहत रिकार्डिंग करवायी. इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर किसके निर्देश पर रिकार्डिंग करायी गयी? मैं अपनी बातचीत पर पूरी तरह से कायम हूं और उसमें ऐसी कोई बात नहीं है, जो आपत्तिजनक हो.