लंदन की हाई कोर्ट ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को स्वीडन भेजने का फ़ैसला सुनाया है. असांज के ख़िलाफ़ स्वीडन में सेक्स अपराध संबंधी आरोप हैं और कोर्ट ने कहा है कि असांज को स्वीडन भेजा जाए ताकि इन मामलों में उनसे पूछताछ की जा सके. इससे पहले निचली अदालत ने भी असांज को प्रत्यर्पित करने का फै़सला दिया था जिसके ख़िलाफ़ असांज ने हाई कोर्ट में अपील की थी.
असांज के वकीलों ने कहा है कि वो इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करेंगे. फ़ैसले के बाद असांज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, '' मेरे ख़िलाफ़ किसी भी देश में आरोपपत्र दायर नहीं हुआ है. लेकिन इसके बावजूद कोर्ट ने इस बात का संज्ञान नहीं लिया. हम अगले एक दो दिन में अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे.'' असांज का यह मामला 11 महीनों से चल रहा है. असांज के ख़िलाफ़ स्वीडन में सेक्स अपराध के मामले तब दर्ज़ हुए थे जब असांज ने अपनी वेबसाइट के ज़रिए कई गुप्त अमरीकी केबल सार्वजनिक कर दिए थे. इस घटना के बाद दो महिलाओं ने स्वीडन में उनके ख़िलाफ़ मामला दायर किया.
असांज का कहना है कि ये मामले अमरीका के दबाव में दायर किए गए हैं और इसी कारण उन्हें स्वीडन न भेजा जाए. कोर्ट ने उनकी अपील एक तकनीकी कारण से ख़ारिज़ की है. असांज के वकीलों का तर्क था कि क्या असांज के ख़िलाफ़ जारी वारंट सही लोगों द्वारा सही तरीके से जारी हुआ है. जजों का कहना था कि वारंट इन सभी सवालों पर खरा उतरता है. फ़ैसले के दौरान असांज थोड़े परेशान दिख रहे थे. जब जजों ने फ़ैसला पढ़ना शुरु किया तो असांज जज की आंखों में देख रहे थे. असांज के कई समर्थक कोर्ट परिसर में फ़ैसले से पहले ही पहुंच गए थे. समर्थकों ने इस फ़ैसले पर आश्चर्य जताया. साभार : बीबीसी