जो लोग पाठकों की स्मृति को कमजोर मानते हैं या खुलेआम अपने पाठकों की आंख में धूल झोंकने को अपना अधिकार मानते हैं उनमें से एक आलोक मेहता भी हैं. आलोक महेता और उनके लोग किस तरीके की एजेंडा पत्रकारिता करते हैं और अनाप-शनाप खबरें छापते हैं, इससे हर कोई वाकिफ है. पर शर्मनाक स्थिति तब पैदा होती है जब अपने ही झूठ को सच साबित करने के लिए ये लोग फिर से एक बड़ा झूठ बोल देते हैं.
पता नहीं नेशनल दुनिया के मालिक शैलेंद्र भदौरिया अपना खुद का अखबार पढ़ते हैं या नहीं, लेकिन जो कुछ मुट्ठी भर लोग नेशनल दुनिया को पढ़ते हैं वे इस अखबार के झूठे तेवर व झूठी खबरों से खूब वाकिफ हैं. ऐसे ही एक पाठक ने भड़ास4मीडिया के पास नेशनल दुनिया की दो खबरों को एक साथ चिपका कर भेजा है. इन दोनों खबरों की सिर्फ हेडिंग को पढ़ लीजिए, खबरों के गोरखधंधे का पता चल जाएगा. नीचे है वो कटिंग…