बात एक ऐसे पत्रकार की जो कभी अपने को राष्ट्रीय स्वंय संघ की पृष्ठभूमि बताकर लाभ लेते रहे और अब वे मौजूदा सरकार से कोई लाभ का पद लेने के लिए खासे उतावले है। कई बार अपना बायोडाटा ऊपर तक पहुंचा चुके है। उनकी करीबियों की माने तो उन्होंने पद्मश्री पाने के लिए एक सिफारिशी चिट्ठी लिखाई। यही नहीं इससे पूर्व उन्होंने सरकार से लालबत्ती करने के लिए काफी कोशिश की लेकिन बाकी लोगों की तरह उन्हें इंतजार करने की घुट्टी दे दी गई।
इनके बारे में यह भी चर्चा आम है जब इनके साथ कोई घटना या दुर्घटना हो जाती है तो घर से लेकर अस्पताल तक उनकी हालचाल लेने वाले लाल नीली बत्ती वालों का शुमार हो जाता है। बसपा सरकार में यह महोदय बादशाह सिंह और बाबू सिंह कुशवाहा जैसे उन मंत्रियों की गणेशपरिक्रमा में रहते थे जिनके पास मलाईदार विभाग थे। नेताओं की तरह इनका भी निष्ठा बदलने में कोई जोड़ नहीं है।
त्रिनाथ के शर्मा की रिपोर्ट. यह रिपोर्ट दिव्य संदेश में भी प्रकाशित हो चुकी है.