भ्रष्‍ट पत्रकारिता (6) : सूचना विभाग भी कन्‍फ्यूज – पत्रकार हैं या मैनेजर?

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नौकरशाही के लचीले रुख के कारण तथाकथित पत्रकार पंकज वर्मा राजभवन कालोनी के आवास संख्या पांच (टाइप-5) में कई वर्षों से नियम-कानून को ताक पर रखकर निवास कर रहे हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग अभी यह तय नहीं कर पाया है कि श्री वर्मा पत्रकार हैं या मैनेजर। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का मानना है कि पंकज वर्मा न तो पूर्णकालिक पत्रकार की श्रेणी में आते हैं और न ही राजनीतिक सम्पादक। उनको राजनीतिक सम्पादक के रूप में आवंटित हुआ आवास नियमों के तहत उचित हैं। आवास आवंटन को बचाए रखने के लिए पंकज वर्मा कोर्ट गए, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। 

राज्य सम्पत्ति विभाग के पास इस बात की भी जानकारी है कि पंकज वर्मा के पास विनय खण्ड गोमती नगर में 5/59 निजी आवास है, इसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। पंकज वर्मा ने अपने आवास नवीनीकरण के लिए दिए गए प्रत्यावेदन में उल्लेख किया है कि न तो शहर में उनका कोई निजी आवास है और न ही कोई आवास किराए पर चल रहा है। शासन ने इस मामले की जांच के लिए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है।
 
त्रिनाथ के शर्मा की रिपोर्ट. यह रिपोर्ट दिव्‍य संदेश में भी प्रकाशित हो चुकी है.

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