भ्रष्‍ट पत्रकारिता (7) : नोटिस के बाद भी सरकारी आवासों में जमे हैं पत्रकार

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यूपी के इतिहास में पहली बार 54 पत्रकारों को सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस राज्य सम्पत्ति विभाग ने दिया। इसका श्रेय प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग, सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह और राज्य सम्पत्ति विभाग के विशेष सचिव राजकिशोर यादव को जाता है। बीते 9 नवम्बर 2012 को हुई पत्रकारों के आवास आवंटन और नवीनीकरण के लिए हुई बैठक में यह बात सामने आई कि काफी संख्या में अपात्र पत्रकार सरकारी आवासों पर निवास कर रहे हैं। 

शासन के आला अफसरों के निर्देश पर 54 पत्रकारों को आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया है। शासन के इस कड़े कदम से सफेदपोश पत्रकारों में 'व्यक्तिगत लाभ' के लिए नतमस्तक पत्रकार गोमती नगर के पत्रकार पुरम में कुछ पत्रकारों के आवासों में खुली हैं बैंक, शराब और कबाब की दुकानें में हड़कम्प मचा हुआ है। कागजों पर और शोपीस के लिए पत्रकारिता कर रहे तथाकथित पत्रकारों ने अपने आका अफसरों और पत्रकारों के लिए चरण वंदना शुरू कर दी है। लेकिन मीडिया में आ रही खबरों के बाद राज्य सम्पत्ति विभाग ने अपना रूख और सख्त कर दिया है।
 
राज्य सम्पत्ति विभाग के विशेष सचिव राजकिशोर यादव ने कहा कि निष्पक्ष दिव्य संदेश में प्रकाशित समाचार को गम्भीरता से अध्ययन कर रहा है। राज्य सम्पत्ति विभाग ने लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद से पत्रकार कोटे से आवंटित लोगों की सूची मांगी है। जिससे दोहरा लाभ ले रहे पत्रकारों पर कार्रवाई की जा सके।
 
त्रिनाथ के शर्मा की रिपोर्ट. यह रिपोर्ट दिव्‍य संदेश में भी प्रकाशित हो चुकी है.

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