भ्रष्‍ट पत्रकारिता (8) : ‘गरीब पत्रकार’ बन गए आ‍लीशान हवेलियों के मालिक?

Spread the love

लखनऊ। यूपी के कई दिग्गज पत्रकारों के लिए पत्रकारिता शोपीस बन गई है, तभी तो इसकी आड़ में पत्रकारिता के बजाए फंड मैनेजर का काम कर रहे हैं। अब काफी संख्या में पत्रकारों में गलत कार्यों की कलई खोलने के बजाए मलाई खाने का कल्चर काफी बढ़ गया है। 

इंडिया टुडे-नीलसन द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि पत्रकार भी नौकरशाही और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार में कम नहीं है। सर्वेक्षण में चार फीसदी लोगों ने पत्रकारों, नौकरशाही और न्यायपालिका को भ्रष्ट बताया है। यह कटु सच है कि यूपी के पत्रकारों को न तो मणिसाना आयोग के मुताबिक वेतन और न ही छठें वेतन आयोग की तरह तनख्वाह मिल रही है। इसके बावजूद ये गरीब पत्रकार आलीशान हवेलियों के मलिक हैं।
 
राजधानी की सबसे पॉश क्षेत्र गोमती नगर में पत्रकारों को सब्सिडी दरों पर मिले आवासों में अब शराब की दुकानें और होटल खुल गए हैं। इन सफेदपोश पत्रकारों के कारनामों से जहां क्षेत्रीय जनता परेशान है वहीं मीडिया का एक बड़ा तबका आहत है। सरकार इनके कारनामों पर आंखें बंद किए हुए है।
 
पत्रकार पुरम बना 'कारोबार पुरम' : गोमती नगर स्थित पत्रकार पुरम अब कारोबार पुरम के रूप में तब्दील हो गया है। इस कालोनी के अधिकतर आवास पत्रकारों के नाम पर आवंटित हुए थे। कुछ पत्रकारों ने अपने आवास बेच दिए हैं, अब कुछ इसमें कारोबार शुरू करवा दिए हैं। पत्रकारिता जगत के हस्ताक्षर माने जाने वाले पंडित वीर विक्रम बहादुर मिश्र को सरकार ने पत्रकार पुरम में 3/92 आवास आवंटित किया था। अब इस आवास में किराए पर एक बड़ी शराब की दुकान खुली है। पत्रकार के आवास में शराब की दुकान खुलने से क्षेत्रीय जनता में काफी नाराजगी है, इसको लेकर धरना-प्रदर्शन भी हुए। लेकिन मामला बड़े पत्रकार के होने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई। 
 
मौजूदा समय श्री मिश्र स्वतंत्र पत्रकार हैं और कैसरबाग की सरकारी कालोनी के आवास संख्या 3/8 में रह रहे हैं। श्री मिश्र के दो पुत्र बेहतर जॉब में हैं। आर्थिक संकट नहीं है, इसके बावजूद अधिक कमाई के लिए अपने आवास में शराब की मॉडल शॉप खुलवा रखा है। 3/93 आवास पत्रकार विनोद श्रीवास्तव के नाम पर आवंटित हुआ था, इस आवास को बेचे जाने की  सूचना है। अब इस आवास में मारूति ड्राइविंग स्कूल चल रहा है। लब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी को पत्रकार पुरम में 3/91 आवास आवंटित है। अब इस आलीशान आवास में आंध्रा बैंक खुल गया है। माली हालत बेहतर होने के बावजूद मौजूदा समय श्री त्रिपाठी सरकारी गुलिस्ता कालोनी के 55 आवास में रह रहे हैं।
 
पत्रकार पुरम के पत्रकार 'कारोबारी पत्रकारों' की कार्यप्रणाली से काफी आहत हैं। वरिष्ठ पत्रकार रजनीकांत वशिष्ठ ने कहा कि जब से कुछ पत्रकारों ने अपने आवासों के व्यवसायिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं, उससे काफी समस्याएं बढ़ गई हैं। कुछ आवासों में शराब की दुकानें और कुछ में होटल खुल गए हैं। इससे हर समय अराजक तत्वों का जमावाड़ा लगा रहता है। आए दिन छेड़छाड़ और लूटपाट की घटनाएं घटित होती रहती हैं। इससे क्षेत्रीय जनता को काफी परेशानी होती है। कई बार इस समस्या के निवारण के लिए क्षेत्रीय जनता ने विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। इसके साथ ही काफी संख्या में पत्रकारों ने अपने आवास बेच दिए हैं।
 
त्रिनाथ के शर्मा की रिपोर्ट. यह रिपोर्ट दिव्‍य संदेश में भी प्रकाशित हो चुकी है.

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *