नागपुर : दिगंबर खैरे-पाटिल ने दिग्गज राजनेता एवं जलगांव के विधायक सुरेश दादा जैन सहित कई दिग्गज नेताओं को ठगा है. 2010 में उसने दादा को सांगली के एक विधायक के नाम से फोन कर 70 हजार रुपए की चपत लगाई थी. इस मामले में उसके गिरफ्तार भी किया गया था. जमानत पर रिहा होने के बाद वह पुलिस के हाथ नहीं लगा. उसे फरार बताकर जलगांव पुलिस को अदालत में उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश करना पड़ा था. उसे पकड़ने के लिए जलगांव पुलिस ने सोलापुर पुलिस को पत्र भेजा था. इस पत्र के साथ उसका फोटो भी भेजा गया था. इसकी वजह से सोलापुर पुलिस को उसकी करतूतों की जानकारी थी.
खैरे-पाटिल ने राहोरी के भी एक बडे. नेता को गोवा के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे की आवाज में फोन कर करीब 15 लाख रुपए से ठगा था. श्री दर्डा से आठ दिन पहले खैरे-पाटिल ने एक कैबिनेट मंत्री और एक अखबार संचालित करने वाले विधायक को दिगंबर कामत बनकर फोन किया. उसने बताया कि कामत के एक करीबी व्यक्ति को उपचार के लिए तत्काल बीड. में 10 लाख रुपए की जरूरत है. मंत्री ने विधायक को फोन किया. तय योजना के अनुसार 4 अक्तूबर को खैरे-पाटिल ऑटो में सवार होकर पहुंचा. उसने निर्धारित जगह पर विधायक के व्यक्ति से 10 लाख लिए. दूसरे ही दिन मंत्री तथा विधायक को धोखाधड़ी का पता चल गया. संदेह है कि खैरे-पाटिल की ठगी के अधिकांश शिकार नेता हैं. धोखाधड़ी के मामलों में अदालत से भी आसानी से जमानत पर रिहाई हो जाती है. इस बात का भी खैरे-पाटिल लाभ उठा रहा था. (लोकमत)