लखनऊ : यूपी विधानसभा ने मुजफ्फरनगर दंगों पर सनसनीखेज स्टिंग दिखाने वाले टीवी चैनल आज तक के चैनल हेड सुप्रिया प्रसाद को अवमानना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। मंगलवार को यूपी विधानसभा में स्टिंग ऑपरेशन की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। न्यूज चैनल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, रिपोर्टर और कैमरामैन के खिलाफ मंगलवार को राज्य विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पारित किया गया।
कमेटी के अध्यक्ष सतीश निगम ने विधानसभा में अंतरिम रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि आज तक के चैनल हेड/ईडी सुप्रिया प्रसाद को संसदीय समिति की कार्यवाही में अवरोध उत्पन्न करने और सदन की अवमानना व विशेषाधिकार की अवहेलना करने के लिए प्रथम दृष्टया दोषी माना जाता है। उनके खिलाफ सुसंगत नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की जाए। इतना ही नहीं, उन्हें मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े स्टिंग के रॉ फुटेज और शूटेड मेटेरियल जांच कमेटी के सामने पेश करने का निर्देश दिया जाता है।
कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में यह भी कहा है कि टीवी टुडे नेटवर्क की ओर से जांच के दौरान जिस तरह से पत्राचार किया गया है, वह असंवैधानिक है। आज तक के जवाबों को समिति ने सदन की गरिमा के खिलाफ भी बताया है। कमेटी ने कहा है कि इस वजह से भी सदन की अवमानना और विशेषाधिकार का प्रश्न उठता है। कमेटी ने सदन को बताया कि आज तक/हेडलाइंस टुडे से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद शूटेड मेटेरियल नहीं दिया गया। न ही कवरेज करने वाले पत्रकार और कैमरामैन को ही समिति के सामने पेश किया गया। इसे कमेटी ने जांच में अवरोध डालना बताया है।
अब सुप्रिया प्रसाद को सदन में आकर अपना पक्ष रखना होगा और सदन पर उन संसदीय कार्यवाही भी कर सकता है। इसके पहले बीजेपी के लक्ष्मीकांत वाजपेयी और हुकुम सिंह ने जांच समिति के गठन प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस बारे में चूंकि संसद की भी एक समिति जांच कर रही है इसलिए विवादित फुटेज विधानसभा की इस समिति को नहीं दी गई। भाजपा ने चैनल के खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई बताते हुए विरोध किया, लेकिन विपक्षी दलों ने बहुमत के आधार पर कार्रवाई के प्रस्ताव को पास कर दिया।