Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

सुख-दुख...

पोंटी के लिए सर्किल रेट की अनदेखी कर स्टांप ड्यूटी में लगाया 600 करोड़ का चूना

इलाहाबाद। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक(सीएजी)की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 35 चीनी मिलों को बसपा सरकार ने औने-पौने दामों में बेचकर सरकारी खजाने को हजारों करोड़ का चूना लगाया, उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया अत्यंत त्रुटिपूर्ण थी। यह मूल्यांकन प्रक्रिया विभिन्न चीनी मिलों की संपत्तियों को भी चीनी मिलों के साथ खरीदारों को भारी एवं अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से बनाई गई थी। दरअसल यह सारा खेल मायावती सरकार के चहेते शराब माफिया पोंटी चड्ढा ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए खेला गया। यहां तक कि कर काटने के बाद भी फायदे में चल रही तीन चीनी मिलों बिजनौर, बुलंदशहर एवं चांदपुर को बेच दिया गया।

इलाहाबाद। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक(सीएजी)की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 35 चीनी मिलों को बसपा सरकार ने औने-पौने दामों में बेचकर सरकारी खजाने को हजारों करोड़ का चूना लगाया, उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया अत्यंत त्रुटिपूर्ण थी। यह मूल्यांकन प्रक्रिया विभिन्न चीनी मिलों की संपत्तियों को भी चीनी मिलों के साथ खरीदारों को भारी एवं अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से बनाई गई थी। दरअसल यह सारा खेल मायावती सरकार के चहेते शराब माफिया पोंटी चड्ढा ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए खेला गया। यहां तक कि कर काटने के बाद भी फायदे में चल रही तीन चीनी मिलों बिजनौर, बुलंदशहर एवं चांदपुर को बेच दिया गया।

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों की बिक्री में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश नीति का उल्लंघन किया। चीनी मिलों की भूमि के अलावा संयंत्र, मशीनरी व फैक्ट्री के भवनों, चीनी गोदामों के साथ रिहायशी आवासों और अन्य अचल संपत्तियों के मूल्यांकन में भारी धांधली की गई। मूल्यांकन में बिना कारण बताए भूमि के मूल्य में और भवनों में 25 प्रतिशत की छूट दी गई। सर्किल रेट को अनदेखा करने के कारण स्टांप ड्यूटी में चोरी से 600 करोड़ से अधिक की क्षति हुई।

जरवलरोड, सहारनपुर एवं सिसवां बाजार चीनी मिलों ने 2008-09 में तथा खड्डा चीनी मिल ने वर्ष 2009-10 में लाभ अर्जित किया था लेकिन इन्हें भी बेच दिया गया। इसके बावजूद संयंत्र चीनी मिलों की मशीनरी और संयंत्रों का स्क्रैप के रूप में मूल्यांकन किया गया। यह भी नहीं बताया गया कि इन चीनी मिलों के संयंत्र एवं मशीनरी को किस आधार पर स्क्रैप मानकर मूल्यांकन किया गया। दस चीनी मिलों की अनुमानित कीमत के बदले इनके संयंत्र और मशीनरी को स्क्रैप में रूप में मूल्यांकन करने से 82.08 करोड़ की क्षति हुई।

अमरोहा की चीनी मिल जिसकी प्रतिदिन उत्पादन क्षमता 3000 टन की है, वह वेब लिमिटेड को 17.10 करोड़ में बेची गई जबकि उस मील के अंदर रखी चीनी व शीरा का मूल्य ही 13.64 करोड़ का था। इस तरह 30.4 एकड़ जमीन तथा चल-अचल सम्पत्ति का निर्धारण केवल 4.07 करोड़ रुपए ही आंका गया। अमरोहा चीनी मिल शहर में स्थित है, उसका क्षेत्रफल 76 एकड़ है जिसमें 4 बड़े बंगले, 6 कालोनियां और 20 अन्य क्वाटर्स हैं। डीएम सर्किल रेट के अनुसार केवल जमीन का दाम 250 करोड़ रुपया है।

जनपद बिजनौर की चीनी मिल जो 84 एकड़ क्षेत्रफल में है, उसको पीबीएस फूड्स लिमिटेड को मात्र 101 करोड़ में बेच दिया गया। चीनी मिल के अंदर रखे सामान की कीमत ही 71.38 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इसका मतलब जमीन और बाकी शेष चीजों का दाम 10.5 करोड़ ही लगाया गया। जनपद बहराइच के जरवल रोड स्थित चीनी मिल जो 94 एकड़ क्षेत्रफल में फैली है, जो इंडियन पोटास लिमिटेड को मात्र 26.95 करोड़ रुपए में बेच दी गई। मिल के अंदर रखी चीनी और शीरा का दाम ही केवल 32.05 करोड़ रुपए निकलता। इसका मतलब यह हुआ कि जमीन और बाकी शेष कीमती सामान आदि और 5.0 करोड़ रुपया लगभग मुफ्त उपहार स्वरूप दे दिया गया। बरेली, देवरिया, बाराबंकी, हरदोई की बंद पड़ी चीनी मिलें भी औने-पौने दामों में बेच दी गईं।

चीनी निगम की बिड़वी चीनी मिल 35 करोड़ में बेच दी गई, जबकि इसकी अनुमानित कीमत 503 करोड़ थी। इसी तरह कुशीनगर को खड्डा इकाई को 22 करोड़ में बेचा गया, जबकि अनुमानित कीमत 175 करोड़ थी। बुलंदशहर की चीनी मिल 29 करोड़ में बेची गई, जबकि इसकी अनुमानित कीमत 175 करोड़ थी। इसी तरह रोहनकला, सरवती तंडा, सिसवा बाजार, चांदपुर और मेरठ की चीनी मिलें औने-पौने दामों में बेच दी गई हैं। नेकपुर की चीनी मिल को 14 करोड़ में बेचा गया, जबकि सर्किल दर के अनुसार इसकी कीमत 145 करोड़ है। इसमें स्क्रैप ही 50 करोड़ का था। लगभब 41 एकड़ क्षेत्र में फैली घुगली चीनी मिल की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा है, इसे मात्र पौने चार करोड़ में बेचा गया।

जेपी सिंह द्वारा लिखी गई यह खबर लखनऊ-इलाहाबाद से प्रकाशित अखबार डीएनए में छप चुकी है, वहीं से साभार लिया गया है.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement