भ्रष्‍ट पत्रकारिता (16) : पत्रकार जगदीश नारायण शुक्‍ल के खिलाफ फर्जीवाड़े के कई मुकदमे

Spread the love

पत्रकार जगदीश नारायण शुक्ल का विवादों से गहरा नाता रहा है। नेताओं और अफसरों को भ्रष्ट बताने वाले ये महानुभाव पत्रकार के खिलाफ फर्जीवाड़े कई जगह मुकदमें चल रहे हैं। सिर्फ पत्रकारिता के सहारे नो प्रॉफिट, नो लॉस के फंडे के बल पर पत्रकार श्री शुक्ल को करोड़पति बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित करवाकर और जनहित याचिका दाखिल कर नेताओं और आईएएस अफसरों को घुटने टिकवाने की कला के बल पर उस कहावत 'मेरा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं' को चरितार्थ कर दी है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डा. पीएल पुनिया ने कहा कि बीते दशक में पत्रकारिता में काफी बदलाव आया है। इस बदलाव के चलते पत्रकारिता कर रहे कुछ सफेदपोश पत्रकारों के कारनामों के कारण छवि धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार जगदीश नारायण शुक्ल नेताओं और अफसरों को कागजों पर भ्रष्ट बताने में पीछे नहीं हैं। लेकिन खुद इसमें अकंठ तक लिप्त हैं। इसका अंदाजा श्री शुक्ल की करोड़ों रुपए की चल-अचल सम्पत्ति से लगाया जा सकता है। लेकिन यह बड़ा दुर्भाग्य है कि भ्रष्ट पत्रकारों की जांच का ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है, जिससे ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

राज्यसभा सांसद रहे वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ सूर्य ने कहा कि अब मीडिया को अपनी छवि को लेकर सर्तक रहना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में अब ऐसे-ऐसे लोग आ गए हैं, जिनका ध्येय पत्रकारिता नहीं बल्कि पैसा कमाना है। मीडिया को ऐसे पत्रकारों के कारनामों को भी उजागर करना चाहिए जो पत्रकारिता की छवि धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों को आह्वानित करते हुए कहा कि अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखने के लिए ऐसे लोगों को चिन्हित कर एक्सपोज करें।

आईएएस बदल चटर्जी ने कहा कि पत्रकार जगदीश नारायण शुक्ल फर्जी खबरों के आधार पर अफसरों की छवि को धूमिल करते हैं। जो अफसर डर जाता है, वह कम्प्रोमाइज कर लेता है। हमारी इसी कमजोरी के कारण ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग में तैनाती के दौरान पत्रकार जगदीश नारायण शुक्ल के कई फर्जीवाड़े को पकड़ा और कार्रवाई की। इससे रुष्ट होकर मेरे खिलाफ फर्जी खबरें छपी हैं। जिसको लेकर कोर्ट में मानहानि का दावा किया है। एक आईएएस अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आईएएस अफसर जावेद उस्मानी, के. धनलक्ष्मी, जितेन्द्र कुमार, नेतराम, संजय अग्रवाल, चंचल तिवारी, अनिल सागर, अनूप मिश्र, आलोक रंजन, अनिल कुमार गुप्ता और बादल चटर्जी समेत तमाम अफसरों के खिलाफ खबरें छापकर दबाव बनाया। उन्होंने इस पत्रकार की कार्यप्रणाली को एक गिरगिट से तुलना करते हुए कहा कि लाभ के लिए कभी मायावती, कभी मुलायम सिंह यादव सरकार की सरकार की बखिया उखाड़ा जाता है।

त्रिनाथ के शर्मा की रिपोर्ट. यह रिपोर्ट दिव्‍य संदेश में भी प्रकाशित हो चुकी है.

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *