लखनऊ। चैनलों पर तमाम सेलेब्रिटी टाइप पत्रकारों को अक्सर अफसरों और नेताओं के भ्रष्टाचार पर नैतिकता का पाठ पढ़ाते और डिबेट करते हुए देखा होगा। लेकिन रियल लाइफ में उनसे कम नहीं हैं। लखनऊ के कुछ पत्रकारों को अकूत सम्पत्ति बनाने का जुनून है। करोड़ों रुपए की चल-अचल सम्पत्ति को हासिल करने के लिए कुछ पत्रकारों सिंडीकेट बनाकर योजनाबद्ध ढंग से मुहिम में लगे हुए हैं।
स्वतंत्र पत्रकार शरत प्रधान और एनडीटीवी के पत्रकार कमाल खान का आपसी कारोबारी गठजोड़ है। इस गठजोड़ का खुलासा मोहनलाल गंज के गांव गोपाल खेड़ा में स्वतंत्र पत्रकार शरत प्रधान और एनडीटीवी के पत्रकार कमाल खान द्वारा 12 दिसम्बर 2012 को 24,74,000 रुपए में खरीदी गई 0.8215 हेक्टेयर कृषि भूमि से होता है।
नियम-कानून को ताक पर रखकर एनडीटीवी के पत्रकार कमाल खान बी-28 बटलर पैलेस कालोनी और स्वतंत्र पत्रकार शरत चंद्र प्रधान बी-4 दिलकुशा सरकारी कालोनी में रह रहे हैं। इस गठजोड़ का असर एनडीटीवी चैनल पर अक्सर देखने को मिलता है। जहां स्वतंत्र पत्रकार शरत प्रधान चैनल पर नेताओं और अफसरों को अपने शब्द बाणों से भ्रष्ट साबित करने में तुले रहते हैं, उस वक्त अपने कारनामें नहीं याद आते हैं।
त्रिनाथ के शर्मा की रिपोर्ट. यह रिपोर्ट दिव्य संदेश में भी प्रकाशित हो चुकी है.