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भारतेन्‍दु हरिश्‍चन्‍द्र भारतेन्‍दु हरिश्‍चन्‍द्र

साहित्य जगत

: 9 सितंबर को जन्मदिन पर विशेष : साहित्यिक पत्रकारिता की शुरुआत की भारतेन्‍दु ने : भारतेन्दु हरिश्चंद्र। नाटककार, कवि, पत्रकार, निबंधकार, व्यंग्यकार, उपन्यासकार,...

शहंशाह आलम शहंशाह आलम

साहित्य जगत

[caption id="attachment_2358" align="alignleft" width="85"]शहंशाह [/caption]: रवीन्द्र कालिया जब से ज्ञानपीठ के निदेशक बने हैं, ज्ञानपीठ की गरिमा धूमिल हुई है : इन दिनों हिन्दी...

सकलदीप सिंह सकलदीप सिंह

साहित्य जगत

प्रख्‍यात कवि एवं आलोचक सकलदीप सिंह के गोलोकवासी होने पर कोलकाता में उनकी याद में एक शोक सभा का आयोजन किया गया. शोकसभा में...

साहित्य जगत

: जंजीरों से जकड़ी स्‍त्री अपने गरिमापूर्ण जीवन के लिए कैसे संघर्ष पर विवश है : हुसैन साहब की बनायी तस्‍वीरों को अभिव्‍यक्ति की...

सुभाष राय सुभाष राय

साहित्य जगत

[caption id="attachment_2287" align="alignleft"]सुभाष राय[/caption]एक हिंदी वाला हिंदी के नाते ही उलझन में है। कुछ लोग उसके पीछे पड़े हैं। दोनों हाथों में कीचड़ लिये,...

संजय सिंह संजय सिंह

साहित्य जगत

[caption id="attachment_2112" align="alignleft"]संजय सिंह[/caption]लधु कथा- 1 : गोरखपुरिया के इश्क पर भारी जापानी बाला का देश प्रेमकिस्मत के धनी और पढ़ने-लिखने के मामले में...

मनोज भावुक मनोज भावुक

साहित्य जगत

बसंत आया, पिया न आये, पता नहीं क्यों जिया जलाये।[caption id="attachment_2111" align="alignright"]मनोज भावुक[/caption]पलाश-सा तन दहक उठा है, कौन विरह की आग बुझाये।।

मनोज भावुक मनोज भावुक

साहित्य जगत

अमन वतन के बनल रहे बस, हवा में थिरकन बनल रहे बस।[caption id="attachment_2111" align="alignright"]मनोज भावुक[/caption]इहे बा ख्वाहिश वतन के धरती, वतन के कन-कन बनल...

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