‘गंदी-गंदी गाली और मारने की धमकी देते हैं वो’ शीर्षक से प्रकाशित किसी पत्रकार का खत आपने वेबसाइट पर छाप दिया है। इसे पढ़ कर बहुत दुख नहीं बल्कि नफरत भी हो रही है। वो जर्नलिस्ट हो ही नहीं सकता और अगर किसी दलाल ने उसे जर्नलिस्ट की उपाधि दे दी है तो उसके बारे में एक बात कह सकता हूं कि कहानी पढ़ाकर तुम जो दया हासिल करना चाहते हो तो वह कभी नहीं मिलेगी।
ये इंसान बीमार है। यशवंत जी, मैं भड़ास4मीडिया करीब-करीब रेगुलर पढ़ता हूं। मुझे उम्मीद नहीं थी कि आप इन लोगों का भी खत प्रकाशित करोगे। अगर कर भी दिया है तो मेरी सलाह है कि वो लोग साड़ी पहनकर ट्रेनों में पैसा वसूली का काम शुरू कर दें क्योंकि जर्नलिस्ट होकर गाली खाने वाला इंसान तो नहीं हो सकता है। मैं अपना नाम और मोबाइल नंबर भी भेज रहा हूं। कृपा करके मेरा मैसेज उस तक जरूर पहुंचा दीजिएगा।
–विप्लव अवस्थी
पत्रकार
दिल्ली
9953018483