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जागरण ने कहा उसके पास भास्‍कर से 1.8 करोड़ अधिक पाठक हैं

नई दिल्ली। दैनिक जागरण ने साढ़े पांच करोड़ पाठकों के साथ लगातार 19वीं बार देश के नंबर वन समाचार पत्र का दर्जा प्राप्त कर नया कीर्तिमान बनाया है। चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में दैनिक जागरण ने 4.5 लाख नए पाठक जोड़े। इंडियन रीडरशिप सर्वे 2011-दूसरी तिमाही के परिणामों के मुताबिक दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले 1.8 करोड़ अधिक है। देश के दस सर्वोच्च अखबारों में दैनिक जागरण की पाठक संख्या हर तरह से सबसे ज्यादा बढ़ी है।

<p style="text-align: justify;">नई दिल्ली। दैनिक जागरण ने साढ़े पांच करोड़ पाठकों के साथ लगातार 19वीं बार देश के नंबर वन समाचार पत्र का दर्जा प्राप्त कर नया कीर्तिमान बनाया है। चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में दैनिक जागरण ने 4.5 लाख नए पाठक जोड़े। इंडियन रीडरशिप सर्वे 2011-दूसरी तिमाही के परिणामों के मुताबिक दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले 1.8 करोड़ अधिक है। देश के दस सर्वोच्च अखबारों में दैनिक जागरण की पाठक संख्या हर तरह से सबसे ज्यादा बढ़ी है।</p>

नई दिल्ली। दैनिक जागरण ने साढ़े पांच करोड़ पाठकों के साथ लगातार 19वीं बार देश के नंबर वन समाचार पत्र का दर्जा प्राप्त कर नया कीर्तिमान बनाया है। चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में दैनिक जागरण ने 4.5 लाख नए पाठक जोड़े। इंडियन रीडरशिप सर्वे 2011-दूसरी तिमाही के परिणामों के मुताबिक दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले 1.8 करोड़ अधिक है। देश के दस सर्वोच्च अखबारों में दैनिक जागरण की पाठक संख्या हर तरह से सबसे ज्यादा बढ़ी है।

दैनिक जागरण को कंज्यूमर सुपरब्रांड तथा बिजनेस सुपरब्रांड का दर्जा मिल चुका है। इतना ही नहीं, बीबीसी-रायटर्स के स्वतंत्र सर्वे में इसे प्रिंट मीडिया में समाचारों का सबसे विश्वसनीय स्रोत माना गया। साभार : जागरण

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0 Comments

  1. अमित बैजनाथ गर्ग, जयपुर, राजस्थान.

    September 30, 2011 at 3:06 pm

    हो सकता है इतने पाठक जागरण के दफ्तर में बैठे हो… वाह रे ये तथाकथित सर्वे और इनके मनगढ़ंत परिणाम…

  2. Noval Thakur

    September 30, 2011 at 3:52 pm

    जागरण का हिमाचल, विशेषकर शिमला में क्या सूरते हाल है? जागरण प्रबंधन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। साम, दाम, दंड, भेद अपनाने के बाद भी शिमला शहर में जागरण की रीडर शिप लगातार गिर रही है।

  3. sunil jha

    September 30, 2011 at 8:57 pm

    yah sach hai Aur hona bhi chahiye. jagran ke matter, khabar likhane aur parosane ka tarika, sampadakiya ye sabhi anya akhbaro se behtar hai. esi avvalta ke dam par yah no1 hai aur age bhi rahega.

  4. gurvinder mittwa

    October 1, 2011 at 6:33 am

    jagran ke number one hone ki baat hazam nahin ho rahi

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