केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध देशभर के सरकारी व पब्लिक स्कूलों में अगले सत्र से मीडिया स्टडीज को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। एनसीईआरटी ने कोर्स की संरचना पूरी तरह से तैयार कर ली है। देश में सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की संख्या10 हजार से ज्यादा है। मार्च-अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र में मीडिया स्टडीज को पढ़ाने के लिए इन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में मीडिया कोर्स को पढ़ाने के लिए स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। एनसीईआरटी के मानकों पर गौर करें तो इन स्कूलों के लिए 20 हजार से ज्यादा शिक्षकों की जरूरत होगी। उत्ताराखंड में भी सीबीएसई के दो सौ से ज्यादा स्कूल हैं, इनके लिए भी लगभग 500 शिक्षकों को नियुक्त करना होगा।
सीबीएसई के चेयरमैन ने विनीत जोशी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तैयारियां की जा रही हैं। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में मीडिया स्टडीज कोर्स का डिजायन एनसीईआरटी के डॉ. सीपी सिंह और डॉ. वर्तिका नंदा ने तैयार किया है। इस कोर्स को पढ़ाने के लिए एनसीईआरटी ने मौजूदा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का काम भी शुरू कर दिया है, लेकिन यह प्रयास काफी नहीं है।
एनसीईआरटी भी मानती है कि मीडिया की स्तरीय पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत निजी शिक्षण संस्थानों से मदद का सुझाव भी दिया गया है। हालांकि परिषद इसे मामले का फौरी समाधान मानती है। स्थायी समाधान के लिए परिषद को योग्य शिक्षक नियुक्त करने हीं होंगे। फिलहाल देशभर में सीबीएसई के लगभग 10 हजार स्कूल हैं, जिनमें अगले सत्र से मीडिया स्टडीज का कोर्स शुरू कर दिया जाएगा।
एनसीईआरटी के आकलन पर गौर करें तो शुरुआती दौर में ही सीबीएसई को इन स्कूलों में 20 हजार से ज्यादा शिक्षक नियुक्त करने पड़ेंगे। गौरतलब है कि एक स्कूल में 11वीं में अलग-अलग सेक्शन को मिलाकर करीब 350 से 400 बच्चे होते हैं। एनसीईआरटी का मानना है कि बीते एक दशक से जिस प्रकार मीडिया के प्रति रुझान बढ़ा है और युवाओं ने इसे एक बेहतर कॅरियर विकल्प के रूप में चुनना शुरू किया है।
स्नातक और पीजी स्तर के मीडिया कोर्स करने वाले छात्रों की संख्या में भी बीते एक दशक में तेजी से उछाल आया है। इसे देखते हुए 11वीं में छात्रों को इस कोर्स से जुड़ने के बाद भविष्य में उन्हें न सिर्फ मजबूत आधार मिलेगा, बल्कि उनके लिए अवसर भी बढ़ेंगे। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए।
सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी का कहना है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद आगामी सत्र से मीडिया स्टडीज को शुरू कर रही है। इसके लिए कोर्स की संरचना तैयार हो चुकी है और शिक्षकों की सही संख्या और नियुक्ति प्रक्रिया पर परिषद मंथन कर रही है। जल्द ही इस मामले में ठोस निर्णय ले लिया जाएगा ताकि सत्र शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं की जा सकें।
दैनिक जागरण, देहरादून में प्रकाशित अनिल उपाध्याय की रिपोर्ट
Harendra narayan
November 6, 2010 at 1:57 am
Good news.thanks vartikajee and others 4 this great work.
H.K.Luthra
November 6, 2010 at 8:22 am
accha ho iske liye media me kam kar rahe un logo ki madad lee jaye jo anubhvi hain. vaise bhi private sector wale media walo ko PRO ke alawa koun nokri deta hai….
pinki rawat
November 7, 2010 at 4:55 am
good news!
chalo ab media ke mahol se pareshan logo ko dusri naukri mil jayegi.
mayank marawal
November 11, 2010 at 6:46 am
good news,lakin tab jab iska koi asar nazer aaye.agar media ke log teaching karne lage to print or electornic media ka kya hoga? parentu in sabke upper badriya baat ye hai ki ab dubker kaam nahi karna padga.
mayank agrawal mathura [b][/b]
narendra kumar roy
December 10, 2010 at 3:22 pm
Achchhi yojana hai.Rojgar ke awasar barhenge-:)