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कानाफूसी

अक्कू श्रीवास्तव से नाराज चल रहे हैं नीतीश!

हिंदुस्तान, पटना के संपादक अक्कू श्रीवास्तव आजकल बहुत परेशान चल रहे हैं। परेशानी का कारण यह है कि उन्हें विगत कुछ दिनों से नीतीश कुमार का कोप झेलना पड़ रहा है और अक्कू जी आजकल नीतीश कुमार को खुश करने के लिये जी जहान एक किये हुये हैं. बात शुरू होती है नीतीश कुमार की माता जी की श्रद्धांजली सभा वाले दिन से. उस दिन हिंदुस्तान के पटना नगर संस्करण में  “बिहार में जंगल राज्य” के शीर्षक से एक समाचार छपा.

<p style="text-align: justify;">हिंदुस्तान, पटना के संपादक अक्कू श्रीवास्तव आजकल बहुत परेशान चल रहे हैं। परेशानी का कारण यह है कि उन्हें विगत कुछ दिनों से नीतीश कुमार का कोप झेलना पड़ रहा है और अक्कू जी आजकल नीतीश कुमार को खुश करने के लिये जी जहान एक किये हुये हैं. बात शुरू होती है नीतीश कुमार की माता जी की श्रद्धांजली सभा वाले दिन से. उस दिन हिंदुस्तान के पटना नगर संस्करण में  “बिहार में जंगल राज्य” के शीर्षक से एक समाचार छपा.</p>

हिंदुस्तान, पटना के संपादक अक्कू श्रीवास्तव आजकल बहुत परेशान चल रहे हैं। परेशानी का कारण यह है कि उन्हें विगत कुछ दिनों से नीतीश कुमार का कोप झेलना पड़ रहा है और अक्कू जी आजकल नीतीश कुमार को खुश करने के लिये जी जहान एक किये हुये हैं. बात शुरू होती है नीतीश कुमार की माता जी की श्रद्धांजली सभा वाले दिन से. उस दिन हिंदुस्तान के पटना नगर संस्करण में  “बिहार में जंगल राज्य” के शीर्षक से एक समाचार छपा.

बढते हुये अपराध को रेखांकित करने के उद्देश्य से इस समाचार को बनाया गया था. नीतीश कुमार को नाराज करने के लिये यह काफ़ी था. नाराजगी की सूचना अक्कू श्रीवास्तव तक पहुंचा दी गई. विज्ञापनों में कटौती भी शुरू कर दी गई. यहां यह बताते चलें की हिंदुस्तान और दैनिक जागरण दोनों को बराबर–बराबर विज्ञापन मिलते हैं. विज्ञापनों में कटौती की पुष्टि प्रकाशित खबर के दिन से लेकर आज तक हिंदुस्तान और दैनिक जागरण को मिले विज्ञापनों की तुलना करके की जा सकती है. अक्कू जी ने नीतीश को खुश करने के प्रयास तेज कर दिये लेकिन इसमें वह पत्रकारिता की सारी सीमाओं को लांघ गये और जहानाबाद के सिकरिया में नीतीश कुमार की सभा के लिये बने मंच पर खड़े हो गये ताकि नीतीश कुमार की दृष्टि इन पर पड़ सके.

अक्कू श्रीवास्तव जी के दुर्भाग्य ने यहां भी उनका पीछा नही छोड़ा और पुलिस ने ढकेलते हुये इन्हें मंच से उतार दिया. एनडीटीवी के लोग नीतीश कुमार के उक्त कार्यक्रम का कवरेज कर रहे थे. अक्कू जी को पुलिस द्वारा मंच से हटाये जाने का भी कवरेज हो गया. बेचारे अक्कू जी. एक और घटना हिंदुस्तान टाइम्स के वरिष्ठतम पत्रकार मैथ्यू के साथ हो चुकी है, भले ही वे स्वीकार न करें. रुपम पाठक मामले में सुशील मोदी के बयान की आलोचना करने पर मैथ्यू जी के पास भी उप मुख्यमंत्री के नाराज होने की सूचना पहुंचाई गई.

चूंकि मैथ्यू साहब बहुत झंझावत झेल चुके हैं अत: उन्होंने जवाब भिजवाया की उपमुख्यमंत्री जी सिर्फ़ यह बयान दे दें की उन्होंने उप मुख्यमंत्री की हैसियत से नहीं बल्कि भाजपा के नेता की हैसियत से रुपम पाठक को ब्लैकमेलर होने वाला बयान दिया था तो उनके बयान को भी उसी प्रमुखता के साथ छापा जायेगा. उप मुख्य मंत्री जी को मैथ्यू जी की बात पसंद नही आई और वह भी आजकल कोप भाजन बने हुये हैं. चमचागिरी कर–कर के नीतीश कुमार को पूरे पांच साल महिमा मंडित करने वाले पत्रकारों को अब उसका फ़ल भुगतना पड़ रहा है. भस्मासुर को आशीर्वाद का खामियाजा तो भरना पड़ेगा न.

गया से मदन कुमार तिवारी की रिपोर्ट

कानाफूसी कैटगरी की इस खबर के तथ्यों को लेकर अगर किसी को कुछ कहना है तो अपनी बात नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में रख सकता है.

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0 Comments

  1. abhay rai journalist jehanabad

    February 2, 2011 at 10:37 am

    aku sriwastav ke sath sikariya me jo bhi hua wo kam hai. sikariya me jis tarah aku cm ke manch ke bagal me laffu ki tarah ganto khde rehe usse aisa lag raha tha ki aku kisi liding news peper ke editor nahi hokar cm ke pion ho. sikariya me aku ko jis tarah police ne dhkel kar manch se door kiya use dekhkar news covrej ke liye wahan pahuche darjano patarkar sarm se pani pani ho gai par aku jaise besarm ko tanik bhi laj nahi aaya. aise besaram sampadko ke karan hi aaj patarkarita aur leading paper hindustan badnam ho raha hai. aache log hindustan chod rahe hai. matre apne char chapluso ki salah par aku kam kar rahe hai. jiska khamiyaja unhe jehanabad ke sikariya me apni aur hindustan ki bejatti ke rup me chukani padi hai. cm se itna hi dar hai to aku ko cahiye ki wo sampadak ki nukri cod nitish ke pikdan man ke rup me bahal ho jaen aisa karne par wo har samay nitish ke sath rahenge. sab log jante hai ki cm ko tukne ki adat hai aur pikdan uthane ke liye aku se accha aur koi dusara nahi mil sakta. apne kam aur kukaram se pure patarkar samaj ko sarminda karne wale aku ji ab bhi to kuch saram karo.

  2. Akhilesh tripathy,kolkata

    February 2, 2011 at 12:40 pm

    Bechare aku jee,ab karni ka fal to bharna hi padega.waise v aap patrkarita k liye ab bojh ho gaye hain khaskar is report padhne k bad..waise ab aapke jane ki khabar aane lagi hai..hindustan patna ke liye khuskhabri.

  3. RASHBIHARI DUBEY

    February 2, 2011 at 3:11 pm

    patrakar ji log kripaya chaplushi na kare.
    nitish kumar ya shushil modi bihar ka baap nahi hai na.
    chamchagiri na karke patrakarita kare,ijjat usi me hain.

  4. RASHBIHARI DUBEY

    February 2, 2011 at 4:14 pm

    हम सबके बाप हैं.
    जी हाँ, यही शब्द थे आज एक पत्रकार के ,जो जमशेदपुर के बिस्तुपुर इलाके में गणतंत्र दिवस की सांध्य 9 बजे एक झारखंड नामधारी राज्नितिक पार्टी के नेता (पेशे से चिकित्सक )को बोल कार अपना दबदबा दिखा रहे थे.ये पत्रकार महोदय, झारखंड से आंदोलन के रूप में प्रकाशित, एक बड़े अखबार ,के पुराने पत्रकार हैं और 27 जनवरी को जमशेदपुर में होने वाले ग़ुलाम अली साहब के ग़ज़ल कार्यक्रम के टिकट दे कर उपकृत कर रहे थे.
    वैसे लिखने पढने में ,ये पत्रकार जी भले ही बहुत काबिल ना हो ,परन्तु जुगद भिड़ने में महारत हाशिल किए हुए हैं.
    नेता और अधिकारियोन की चापलूसी करना कोयि इनसे सीखें.

  5. ranjan

    February 4, 2011 at 7:00 am

    kya Hindustan Jharkhand ke sampadak ka tabadla ho gaya hai. suchna mil rahi hai ki Ashok Pandey ka tabadla kanpur, Pawar ka Jharkhand. navin joshi ka Patna tabadla hua hai. wohi aku srivastava se istifa le liya gaya hai.

  6. rahulkhanna

    February 4, 2011 at 3:00 pm

    agarsach kosach likhna galat hai to alag baat hai. akkooji ne kiya jaisa bataya ja raha aisa to uttar bharat me sabhi ka ye haal hai. koi kamre ke andar baithkar ji hajoori hai karta koi bahar lekin shayad aisi ghatnao ki aalochna karne wale nahi jante ki kisi akhbar ki badi kursi par baithe rehne ke liye aisa karm karna jaroori sa ho gaya hai.aisi aadat ki vajah se aaj jo patrikarita ka istar itna gir gaya hai.bhai patrakar par to sabhi kya apno ne bhi teer chala diye lekin jo manniye ne kiya kya wo sahi hai .uttar pradesh ki cm ke vishai mein alag rajyo ke manniye ye dhindhora peette nahi thakte ki unke rajya mein arakjakta ka maahol vyapt hai lekin kya unko bihar mein kuch dikhai nahi deta ki samaj ke chauthe isthamb ko satta dhariyon dwara ukhad feikane ka purjor prayas kiya ja raha hai. written by mohit singh]

  7. Sanjay

    February 12, 2011 at 2:37 pm

    Bihar ki haalat yahan rah kar janiye. Term 2 me sarkar vichitra ho gayi hai. CM ka khas ek purva officer aur ab ek neta har baat ke paise sidhe le raha hai. Aache aur imandar officeron ko badnam kiya ja raha hai aur bhrashta officeron ko post de kar unka hausla aur samman badhaya ja raha hai. Koi aawaj nahi utha sakta warna vigilence se phaswa denge. Pehle term me bhi yah aisa hi karta tha par doosre log bhi yah karya karte the. Is bar single window system hai. Patrakar log bhi saath de rahe hai aur saare patrakar yahan karorpati arabpati ho gaye hai. Aab akku ji ne unchai ke liye bhoomika banayi hogi to pasa thik nahi para. Aaj ke date me bihar me aap sach nahi bol sakte sirf sarkar ki vandana matra hi kar sakte hai. Jai Bihar. Jai democracy.

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