गजब का दौर है यह. अनैतिक लोग नैतिकता की बात कर रहे हैं. बेइमान और भ्रष्टाचारी लोग अन्ना के आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं. इस स्थिति में भी लोगों को उम्मीद है कि भ्रष्टाचार खतम हो जाएगा! कई अपराधों को रोकने के लिए कानून बने हैं पर तब भी अपराध हो ही रहे हैं. यानी जब तक हम खुद बदलना ना चाहे कोई कानून हमें बदल नहीं सकता. जब तक हमारी हिप्पोक्रेसी और दोहरा चरित्र नहीं बदलेगा कुछ भी नहीं बदलने वाला है.
इतना कुछ लिखने का कारण है अपने को नम्बर एक बताने वाले अखबार का किसी भी मौके पर माल पीटने की योजना. अन्ना के आंदोलन और भ्रष्टाचार को लेकर यह अखबार जमकर विधवा विलाप कर रहा है. सरकार को भी इसके पत्रकार जमकर गरिया रहे हैं. अभी दैनिक भास्कर ने अन्ना के नाम पर माल बटोरा था तो नम्बर एक अखबार कहां पीछे रहने वाला है. अपने एक संपादक की मौत को भी व्यापार बनाने वाले जागरण से और उम्मीद क्या की जा सकती है.
पेड न्यूज के रूप में भ्रष्टाचार करने वाला यह अखबार इस बार अन्ना के आंदोलन को भी पैसा में तब्दील करने से नहीं चूका है. पिछली बार अप्रैल में भी जागरण ने अन्ना के अनशन पर जमकर विज्ञापन बटोरा था. एक तरफ देश के संवेदनशील नागरिक अन्ना का चेहरा और स्थिति देखकर बुरी तरह परेशान हैं, भगवान ने उनके सुरक्षित रहने की प्रार्थना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अखबार अन्ना के अनशन के बहाने पैसा बटोरने में लगे हैं. पहले भास्कर ने पीटा, इसबार देहरादून संस्करण में जागरण ने वसूली की है.
Comments on “अन्ना का नाम बेचने में भी पीछे नहीं हैं अखबार, भास्कर के बाद जागरण ने भी विज्ञापन पीटा”
SHAME!! SHAME!!
yah grup aapane parijan ki maut par vi advt. le kar jashn manane wala grup hai. fir aana kya chij hai.