आगरा में आखिरी सांस ले रहे रहे चिटफंडियों के अखबार बीपीएन टाइम्स को फिर से नया जीवन देने की तैयारी हो रही है. ग्वालियर में इस अखबार के चिटफंड आफिसों पर छापा पड़ने तथा सील होने के बाद अखबार का प्रकाशन लटक गया था. पर अब खबर है कि चिटफंडिए नया फर्म बनाकर इसे फिर से जीवित करने की कोशिश में लग गए हैं. इसके संपादन की जिम्मेदारी शिव शंकर तिवारी को सौंपी गई है.
गौरतलब है कि एक साल पहले आगरा से अमी आधार निडर के संपादकत्व में बीपीएन टाइम्स की लांचिंग हुई थी. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था परन्तु ग्वालियर के जिलाधिकारी द्वारा चिटफंडियों पर लगाम कसने के चलते बीपीएन टाइम्स भी उसकी चपेट में आ गया, क्योंकि इस ग्रुप की मदर संस्था भी चिटफंड के कारोबार से जुड़ी हुई थी. ग्वालियर में इस ग्रुप के कई कार्यालयों को सील कर दिया गया. ग्वालियर एडिशन के अखबार के कार्यालय को भी सील कर दिया गया. आगरा एडिशन भी ग्वालियर यूनिट से ही प्रकाशित होकर आता था, लिहाजा कार्यालय सील होने का असर आगरा पर भी पड़ा. ग्रुप की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई.
अखबार की कुछ सौ कापियां दिल्ली से छपवाकर आगरा भेजी जाने लगी. इसके चलते प्रसार भी प्रभावित हुआ. बिगड़े हालातों में कर्मचारियों का पैसा देना मुश्किल हो गया, जिसके बाद संपादक अमी आधार निडर ने सभी कर्मचारियों का बकाया दिलाने के बाद खुद भी इस्तीफा दे दिया. उनके साथ लगभग डेढ़ दर्जन लोगों ने अखबार छोड़ दिया. इसके बाद डाक इंचार्ज शिव शंकर तिवारी किसी तरह अखबार को खींचतान कर चलाते रहे हैं. अब खबर है कि शिव शंकर को बीपीएन टाइम्स का संपादकीय प्रभारी बना दिया गया है. इस संस्करण को फिर से जोर-शोर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल इसे नोएडा से छपवाकर आगरा भेजने की योजना है.
सूत्रों का कहना है कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो बीपीएन टाइम्स के प्रकाशन की व्यवस्था आगरा से ही करा दी जाएगी. हालांकि इसमें कितना समय लगेगा यह अभी तय नहीं हो पाया है. इसके साथ ही कंपनी ने एक नई फर्म बीएल इंफोटेक का निर्माण कर लिया है. अब इसी नाम से बीपीएन टाइम्स के अखबारों का प्रकाशन किया जाएगा. गौरतलब है कि इसके पहले इसे बीपीएन न्यूज नेटवर्क के नाम से जाना जाता था.
Comments on “आगरा में बीपीएन टाइम्स को जिंदा करने की तैयारी, फर्म का नाम भी बदला गया”
bilkul thik kah raho ho maine bhi bpn times indore main duty join karne ke try kiya tha lakin selery bahut kam dr rahe the
निडर को भी पता थी की यह अखबार चिटफंडिया हैं लेकिन निडर संपादक बनने का सपना पाले हुए थे इसलिए उन्होने इस तरफ ध्यान नहीं दिया वरना बीपीयन टाइम्स आगरा लाने वाला आदमी पागल नहीं था जोकि पकी पकाई रोटी निडर के लिए छोड़ता। निडर ने सोचा था की जब में मथुरा में ब्यूरो रहकर इतना अच्छा धनदा पीट सकता हूँ तो आगरा का रेसिडेंट एडिटर बनकर कितना धनदा पीटूँगा इसलिए उन्होने झट जॉइन कर लिया इस सिद्धांत पर अपना कम बनता तैल लगाए जनता । निधर भली भांति परिचित थे की बीपीयन टाइम्स ने इससे पहले आगरा के ही se ईन्वेस्ट्मेंट्स को टोपी पहनाने की कोसिस की थी जोकि आजकल यूएनआई टेलिविजन चला रहे हैं ।
hallo.bhadas.teem.
sheopur.ke.is.pathak.ka.salam.
mujhe.yhe.jankar.hardik.prasnnata.hui.ki.Bpn.times.Fir.se.prakashit.hoga. yha.jankari.ke.liye.me.Bhadas.teem.ka. hradya.se.abhari.hu.
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B.L.sir.ko.mera.pranam.sir.me.apko.bhut.yad.kar.rha.hu.plezse..mujhe.ik.bar.call.kar.lena.or.apko.nai.pari.ke.liya.hardik.shubkamnaye…
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