अभिषेक आनंद पटना में हैं. छात्र हैं. पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं. फेसबुक पर सक्रिय रहते हैं. उन्होंने फेसबुक के जरिए कुछ सूचनाएं व तस्वीरें फेसबुकी दोस्तों के साथ शेयर की है. अभिषेक ने आर्यन न्यूज के लांच के बारे में बताया है. साथ ही अपने विचार भी प्रकट किए हैं. उन्होंने दो तस्वीरें पोस्ट की हैं. पहली में सनी देओल और महिमा चौधरी हैं. दूसरे में आर्यन न्यूज की जिम्मेदारी निभाने की सूचनात्मक पट्टी के साथ कार्यक्रम के दौरान हुए उत्तेजक नृत्य-दृश्य का प्रसारण है.
इन तस्वीरों के साथ अभिषेक ने अपने कमेंट भी लिखे हैं, जिसके बाद अन्य लोग अपने-अपने विचार प्रकट कर रहे हैं. दोनों तस्वीरें व उन पर लिखे गए कमेंट इस प्रकार हैं-
दूसरी टिप्पणी : एक पिक्चर शायद एक लाख शब्द के बराबर सन्देश पहुंचाता है. इसको देखिये. क्या यही ज़िम्मेदारी निभाने की बात कह रहा है ये चैनल, अपने उदघाटन समारोह और अपने प्रारंभिक प्रसारणों में…
पहली टिप्पणी : कल पटना में एक निजी समाचार चैनल का उदघाटन किया गया, जिसमें कई मशहूर हस्तियाँ सन्नी देओल, निशा कोठारी, महिमा चौधरी, राजू श्रीवास्तव, मनोज तिवारी, मोनालिसा, शरीक हुईं. अच्छी खासी भीड़ हो गयी. लोग इनकी एक झलक पाने के लिए टूट पड़े. पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा. लेकिन मेरा सवाल यह है कि इन खास शख्स में कोई मशहूर पत्रकार नहीं दिखा या देखा गया. क्या समाचार चैनलों का मूल विषय पत्रकारिता से रिश्ता अब उतना नहीं रहा? क्या इन हस्तियों के जरिये सिर्फ भीड़ और दर्शक जुटाने का धंधा है या फिर पत्रकारिता भी बचा हैं?
इन दोनों तस्वीरों व विचारों पर जो कुछ प्रारंभिक मिलीजुली टिप्पणियां आई हैं, वे इस प्रकार हैं-
Meherwan Rathore : Sahi mudda hai dost. sahi sawal hai. Patrakaarita kya aaj loktantr ka chautha aadhaar hai?
Vikash Yaduvanshi : Bilkul sahi khabar nahi ye Jimmedari nibhayenge pure patna me ho rahe sirf danso ko ye dikhayenge..
Abhishek Anand : @विकास जी, ये डांस पटना में नहीं हो रहा था जिसका इन्होने फूटेज दिखाया बल्कि ये डांस तो इन्ही के बुलाए कलाकारों ने इनके उदघाटन समारोह में प्रस्तुत की और अब ये इनका पुनः प्रसारण “खबर नहीं जिम्मेदारी निभाएंगे” शीर्षक के साथ कर रहे हैं.
Manish Kumar : zimedari hi toh nibha rahe hai logo ko entertain kar ke…
आप फेसबुक पर इस प्रकरण को इस लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं- आर्यन लांच
Comments on “आर्यन लांच, जिम्मेदारी के वादे पर उठा सवाल”
पटना से आर्यन न्यूज चैनल फूटेज दिखाया gaya hai . is me ek baat saaf jahir hoti hai. ki aaj patkarti ko chorahe per khadi bajaru orat bana diya gaya hai . loktant ka
sabse shaktshali choutha istamvh ko kuch ilogo ne ise tarah badnaam kar rakha hai. chenal ke laching absar per stars ke alaba ek bhi barist patkaar ki upastithi
patkarita ki shakh per batta lagata hai ,
सहारा समय बिहार झारखण्ड को डुबाने वाले पत्रकार अगर कोई न्यूज़ चैनेल खोलेंगे तो ऐसा ही होगा. पहले झारखण्ड में लोकसभा चुनाव के दौरान करोड़ों के घोटाले मामले में फंसे झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की चाटुकारिता कर पैसा कमाया. अब सहारा ने बेसहारा कर दिया तो खुद की दुकान खोल ली. ऐसे दुकान से उम्मीद भी क्या की जा सकती है. हाँ इस बार इनकी भरपूर कोशिश होगी की बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं की चाटुकारिता कर खुद की जेबें भर लें. ध्यान रहे ऐसे चैनेल को न्यूज़ चैनेल नहीं बल्कि शौपिंग मोल के रूप में देखें, जहाँ सब कुछ बिकता है………..
mat likho dost kuchh hone wala nahi hai jo chal raha hai chalne
aryan tv ke launching samaroh ke baad bechain hua talented and morality ke thekedaron se kuch sawal—-
1.aryan tv ne apne launching ceromany me in kalakaron ko bulaya tha aur koi bhi apne ghar hone wale samarohon me jasn manata hai.ab agar koi apne ghar shadi,byah jaise samarohon me bhi matam manata ho to unki aur baat.
2.channel ne kisi bhi item dance ko khabar banakar nahi chalaya balki udghatan samaroh ko telecast kiya jisme kalakaron ne programme kiya.
3.abhi humne apne aagaz ki bat kahi hai.hum aapko khabre bhi dikhayenge aur rahi baat jimmedariyon nibhane ki yeh to aanewala waqt khud bata dega.
4.humpar sawal uthane aur comment likhne wale abhishek ji jaise analytical bhaukal karne wale vidwano ki vidwata ki jhalak to dekhiye unhi ke dwara likhe comment me–
दूसरी टिप्पणी : एक पिक्चर शायद एक लाख शब्द के बराबर सन्देश पहुंचाता है. इसको देखिये. क्या यही ज़िम्मेदारी निभाने की बात कह रहा है ये चैनल, अपने उदघाटन समारोह और अपने प्रारंभिक प्रसारणों में…
ek picture ek lakh shabd ke barabar sandesh pahuchata nahi pahuchati hai.
aage bhi in janab ki vidwata dekhiye inhi ke comment me—
पहली टिप्पणी : कल पटना में एक निजी समाचार चैनल का उदघाटन किया गया, जिसमें कई मशहूर हस्तियाँ सन्नी देओल, निशा कोठारी, महिमा चौधरी, राजू श्रीवास्तव, मनोज तिवारी, मोनालिसा, शरीक हुईं. अच्छी खासी भीड़ हो गयी. लोग इनकी एक झलक पाने के लिए टूट पड़े. पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा. लेकिन मेरा सवाल यह है कि इन खास शख्स में कोई मशहूर पत्रकार नहीं दिखा या देखा गया. क्या समाचार चैनलों का मूल विषय पत्रकारिता से रिश्ता अब उतना नहीं रहा? क्या इन हस्तियों के जरिये सिर्फ भीड़ और दर्शक जुटाने का धंधा है या फिर पत्रकारिता भी बचा हैं?
patrakarita bacha nahi bachi hai hona chaiye.jara sochiye jo khud ko abhi se hi patrakarita ka thekedar samajh raha ho use bhasha tak ki samajh nahi hai.
bhai sahab bimar mansikta se bahar niklo aur thodi bahut padhai likhai kar lo taki likhne to aa jaye.
5.waise hamare launch ke bad baichain hua logon ko bhi hamari vinamr shubhkamnaye.
aryan ka hi ek worker.
ये सब सिर्फ बिहार में ही हो सकता है. पत्रकारिता को गाली भी सबसे ज्यादा यही कौम देती है पर ये भूल जाती है की उसे बेचने में सबसे ज्यादा हाथ भी उन्ही का होता है.
wah re aryan….teri to mahima nirali hai re…..
अभिषेकजी….ये आप नहीं…. आपके दिमाग में जो नकरात्मक छवि जमी हुई है….उसे आप इसके जरिए बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं…… अगर हमारे घर में खुशियां है तो हम खुश हो कर गाना बजाना ही करेंगे न कि आप जैसे लोगों की तरह गंभीर बने रहने का ढोग करेंगे….अभिषेक….. ये तो आर्यन का आगाज ही था जिसने बिहार और झाऱखंड में हलचल पैदा कर दी है….. खुशी के दिन अगर आपके घर में मातम मनाया जाता हो तो ये दूसरी बात है…..लेकिन हमारे यहां तो ऐसे मौके पर खुशियां ही बांटी जाती है….. आप उस डांस के जरिए ये देखने की कोशिश नहीं की कि हम अपनी खुशियों में सभी को शऱीक करके के चल रहे हैं….अगर आर्यन वाले भी चाहते तो किसी फआइव स्टार होटल में अपने स्टाफ और शुभचिंतकों के बीच एक बढ़िया खाने और पीने की व्यवस्था कर लेते और बंद कमरे में ही चैनल को लांच करा लेते…..लेकिन हम अपने सभी दोस्तों और भाइयों को खुशी के इस फल में शामिल करना चाहते थे….. इसलिए एक खुले मैदान में इसका आयोजन किया गया….इसके जरिए हम आपको बता दे कि हम जो भी करेंगे डंके की चोट पर करेंगे…. आपके क कमेंट से तो ऐसा ही लगता है कि आप भी इस शो में आना चाहते थे लेकिन शायद आप निमंत्रण पत्र से महरूम रह गए……दूसरी तरफ आपको ये बता दूं कि इस चैनल में जो भई लोग जुड़े है वो आपकी तरह तो नहीं ही होंगे….जो भी हैं अपने दम पर अपना भविष्य बनाया है इसलिए आपके सारे तर्क को मैं खारिज करता हू….. ये तो एक आगाज था आप अंजाम भी जरुर देखेंगे उस दिन भी कंमेंट जरुर लिखना …… 😀
सबसे पहले ये बता दें कि कार्यक्रम में ऐसा कुछ नहीं था जिसे किसी भी दृष्टि से अश्लील कहा जा सके…हां जिसे दृष्टि दोष ही हो उसकी बात ही क्या? फिर उसके लिए गोस्वामी जी की ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं–जाके दिशि भ्रम होहिं खगेसा, ते कहे पश्चिम उगहिं दिनेशा. कुछ लोग विश्व निंदक होते हैं, जिन्हें अच्छे से अच्छे काम में भी सिर्फ बुराइयां ही दिखती हैं.अपने तो कुछ कर सकते नहीं, दूसरों की रचनात्मकता से जलते रहते हैं.ईश्वर ऐसे लोगों को सद बुद्धि दें!
भाई साहब आर्यन जी के नाम से लिखने वाले …न मै आपको जानता हूँ और न ही अभिषेक जी को जिनकी बात पर आप काफी तिलमिलाए हुए है ….लेकिन आपका ये तर्क की अभिषेक को भाषा की समझ नहीं है , बिलकुल गलत है ,क्योकि जब आप खुद देवनागरी में न लिख के हिंदी की ऐसी की तैसी कर रहे है तो दूसरों को इल्जाम देना सही नहीं है …….जहाँ आपने हिंदी का प्रयोग किया भी है तो बस कॉपी पेस्ट कर दिया ……टीवी .पत्रकारिता में रह के भी इस मामूली से तकनीकी ज्ञान से बंचित है आप अभी तक ……..रही बात आर्यन के लांचिंग की तो फ़िल्मी लोगों का डांस करवाना कोई गलत बात नहीं है …..क्योकि कम से कम आपने अपनी एंकर्स को तो बख्श दिया नहीं तो पिछले साल एक चैनल ने तो लांचिंग पार्टी में ऐसा प्रोग्राम किया की देश भर के पत्रकार ये ही सोचते रह गए कि ये न्यूज़ चैनल है या फिर कोई फैशन चैनल ……….क्योकि एंकर्स को कैटवाक कराने से कौन सा पत्रकारीय हित सधेगा ये किसी कि समझ में आज तक नहीं आया …….मुबारक हो आर्यन टीवी कम से कम आपने थोड़ी मर्यादा बचा ली …….उम्मीद करते है कि भीड़तंत्र के इस दौर में आप लोग विलाप कर रहे नंगे पत्रकारीय मूल्यों को थोडा भी बचा पाएंगे ……और वाकई थोड़ी जिम्मेदारी nibhayenge और kuchh न हो paye तो कम से कम TRP के liye rakhi sawant को nachwayenge
Dear abhishek
sir jee abhi padhai ouri kijiye, dhyan lagayen apne cr per ul julul batoon per dhyan dena band kar de
bada bhai
नमस्कार, आज दो अक्टूबर का दिन, रात के नौ बज के पचास मिनट, और मैं जवाब देने की कोशिश कर रहा हूँ इस पोस्ट पर अभी तक आई तमाम टिप्पणियों पर, उससे पहले वस्तुस्तिथि साफ कर दू की यह बाते और इस मुद्दे को मैंने फेसबुक पर रखा था अपने फेसबुक के कुछ खास दोस्तों के बीच, और साथ ही यह भी बता दू की भड़ास4मीडिया पे कुछ भी छापने का अधिकार मेरे पास नहीं हैं. और भड़ास4मीडिया ने न ही मुझको सूचित किया की हम आपके कंटेंट्स को अपने वेबसाईट पर छाप रहे हैं.
सबसे पहले @चन्दन जी
हां भाई अपने बहुत सही कहा की “मत लिखो भाई कुछ होने वाला नहीं हैं, जो हो रहा हैं चलने दो”
प्रारंभिक नज़र में तो लगता हैं की चन्दन जी एक हारे और निराश इंसान हैं लेकिन सिर्फ थोड़ा सा सोचने के बाद पता चलता हैं की आप बहुत सही हैं, क्योंकि दुःख तब होता हैं जब तमाम तथाकथित बुध्दिजीवी और तथाकथित बड़े पत्रकार या बड़े लोग जो वास्तव में हमारी तुलना में बहुत कुछ बदलाव लाने में समर्थ हैं वह कुछ भी ऐसा नहीं करते, बस चुनावी नेता की तरह भाषण करते हैं या लिखते हैं (एक हद तक मैं सही हो सकता हूँ), तो हमारे जैसे लोग क्या कर लेंगे, मर जायेंगे चिल्लाते चिल्लाते, चन्दन भाई
और अब बारी एक बहुत बड़ी टिप्पनी आर्यन के किसी शख्स ने संभवतः आर्यन की और से प्रतिक्रिया दी हैं. एक टिप्पनिदाता ने तो इसे तिलमिलाए हुए भी करार दिया हैं. हां तो आप मेरी बात ख़ारिज करके क्या हासिल करना चाहते हैं. आपकी इस बात से सहमत हूँ की समय बताएगा. लेकिन फिलहाल भड़ास4मीडिया और हमें लिखने दीजिए न, क्यों घबराते हैं वक्त तो सब कुछ का पर्दाफास कर ही देगा न, और हम गलत साबित हो जायंगे! आप मेरी दो गलती से- “सन्देश पहुचाता नहीं पहुचाती हैं” और “पत्रकारिता बचा नहीं बची हैं” मेरी विद्वता पर सवाल उठा रहे हैं? ये दो गलती ढून्ढ लेने से मेरे द्वारा उठाय प्रश्नों का जवाब नहीं मिल सकता हैं, अगर आप ऐसे मुद्दों से तिलमिला जाते हैं तो यह ये साबित करता हैं की आप “पत्रकारिता” को नहीं समझ पाए हैं. आप एक मीडिया पर्सन हो सकते हैं लेकिन एक “पत्रकार” नहीं. आपने ख़ारिज करने के लिए शादी में मातम मनाने की तुलना कर डाली, तो मातम नहीं हर्ष मनाने का यह तरीका नहीं हैं की वेश्या का नाच रच दे. क्या आप बिहार की सभ्यता और संस्कृति को समझ रहे हैं आप उसे किस ओर ले जा रहे हैं या भटका रहे हैं, या जवाब देंगे की युवाओं की येही मांग हैं, तो फिर ये शीर्षक कम से कम नहीं दीजिए की खबर नहीं जिम्मेदारी निभाएंगे, और अगर येही आपकी जिम्मेदारी हैं तो कुछ बात ही नहीं.
और जहा तक बौखलाने और तिलमिलाने की बात हैं तो वह तो बहुत सही जान पड़ती हैं, क्योंकि एक चैनल शुरू करना हमारे या भड़ास4मीडिया की बस की बात तो हैं नहीं, करोडों का खेल हैं और न जाना क्या क्या? और भड़ास4मीडिया की तरह किसी और अखबार या न्यूज़ चैनल ऐसी रिपोर्ट नहीं ही दे सकता न..
और जहा तक पढाई लिखाई और सिखने बात हैं वह एक सतत प्रक्रिया हैं वह कभी खत्म नही होगी..और मैं कभी यह दिखने की कोशिश नहीं की मैं पत्रकारिता का ठेकेदार बन गया हूँ जो गलत लगता हैं उसे लिखना चाहता हूँ..
और पत्रकारिता या लोकतंत्र में विपक्ष या भड़ास का उतना ही महत्व हैं तो आप हर वैसे शख्स जो आपकी आलोचना करता हैं उसे टैलेंट और मोरालिटी की ठेकेदार की संज्ञा देकर नहीं निकल सकते.
@….. “इसलिए एक खुले मैदान में इसका आयोजन किया गया” ये ठीक उसी आनेवाले विधानसभा चुनाव के तरह जिसमें सलमान खान और भी स्टार आनेवाले हैं खुले मैदान में…धुप और बरसात में जनता अपने लिए जायेंगी खुले मैदान में..जैसे सलमान खान कहेंगे हम तो अपनी बात सात सितारा होटल में भी मीडिया के जरिये कह सकते थे..लेकिन आये हैं आपके लिए खुले मैदान में..
वैसे इस बहस को यही समाप्त करना चाहता हूँ.. मैं यशवंत जी से दरख्वास्त करूँगा की आर्यन वाले को अगर इस पोस्ट से दिक्कत हैं तो आप इस पोस्ट को डिलीट कर दे, लेकिन शायद भड़ास4मीडिया ऐसा नही कर सकती..
@ravindra bharti शुक्रिया, लेकिन जरा विस्तार से बताइयेगा ऐसा क्यूँ कह रहे हैं आप?
बहुत बहुत बधाई
jab tv news channel ke udghatan me yaisa karyakaram hota hai to wah kaisa news channel hoga yeh to wanha ke patarkar aur dekhne wale darsak hi batayenge
this is ridiculous to see these kind of things for opening of news channel.
one day time will come all this rubbish so called news channel will be closed.
[url]http://starzshowz.blogspot.com/2010/10/sunny-deol-and-dolly-bindra-thrill.html[/url]
it was my event and pr if you need more press pics pls contact me
shreemanjee main bhee gaya tha maurya tv ke liye yahan tak ki mujhe mau ke liye up head ne apoint bhee kar diya tha. parantu kaun sa kisi ne cchakka lagaya ki mujhe gazipur bhej diya gaya aur kisi doosare ko mau men rakh liya gaya. kya kiya jai jisaki bat ka bharosa naheen. usake sath khuda bada na kare kam karane kee. main chupchap baith gaya aur kam chhod diya.