जब इस वेब डिजायनर के दोस्तों ने हिंदुस्तान कार्यालय में सम्पर्क किया तो उन्हें गोलमोल जवाब दिया गया। हिंदुस्तान के तमाम एडिशनों में इस तरह की गल्तियां होना आम बात हो गई हैं। पिछले दिनों बनारस एडिशन में भी खबर किसी और का और फोटो किसी और का प्रकाशित हो गया था। तमाम अखबार में शाब्दिक स्तर पर छोटी-मोटी गल्तियां तो होती रहती हैं पर हिंदुस्तान तो जैसे गल्तियां करने की कसम खा बैठा हो।
एक पत्रकार द्वारा भेजा गया पत्र.
ravi
October 22, 2011 at 8:06 am
sriman amit sharma
uppar dikh rahi galti hindustan(nai dishayen) new delhi ki den hai. jab Head office hi gadbad ho to sub station bhi to usi line pe chalega.
amit sharma
October 11, 2011 at 12:56 pm
लगातार गलतियों पर गलतिया करने वाला हिंदुस्तान बदायूं कोई सबक नहीं ले रहा है यही वजह है कि गलतिया रुक नहीं पा रही है . बरेली में बैठे अधिकारी भी न जाने क्या कर रहे है. हिंदुस्तान ने अपने ११ अक्टूबर के अंक में एक खबर छापी है जिसका हेडिंग लगाया गया है ”सत्य पर असत्य की जीत का प्रतीक है रामलीला ” यानि हिंदुस्तान ने वो कर दिखाया जो कोई नहीं कर पाया. चूंकि ये हेडिंग पांच कालम में लगी है सो सभी का ध्यान इस पर जाना स्वाभाविक था . इस हेडिंग पर हिंदुस्तान की जमकर हंसी उडी