देहरादून। आप हैरान हो रहे होंगे कि आखिर कैसे कोई पत्रकारों को बेवकूफ बनाएगा। लेकिन ये सत्य है। प्रदेश की राजधानी देहरादून में समाधान नामक एक एनजीओ ने बे वाच की नायिका और हॉलीवुड स्टार पामेला एंडरसन के नाम पर मीडिया और खुफिया एजेंसियों समेत पुलिस को भी खूब छकाया और अपने आपको जेम्सबांड 007 होने की डींग मारने वाले देहरादून के पत्रकार पामेला एंडरसन के देहरादून में होने की अफवाह को खबर मानकर करीब चार घंटे एनजीओं के दफ्तर को घेरे रहे।
बाद में संस्था ने मीडिया के सामने एक नवजात मेमने को पेश कर उसे ही पामेला एंडरसन बता दिया। जिससे मीडिया दिग्गजों को खुद के बेवकूफ बनाए जाने का पता चला। इस दौरान हमारे कई दिग्गज चैनल इस खबर को बेक्रिंग बनाकर अपनी बेवकूफी को जमकर ब्रेक करने को होड़ देते नजर आए। इसके बाद खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हालत में पहुंचे कुछेक पत्रकारों ने शहर की जाखन चौकी में तहरीर देकर अपनी खीझ उतारी।
हुआ यह कि रविवार की दोपहर कुछ मीडियाकर्मियों के मोबाइल पर एक एसएमएस आया। एसएमएस में सूचना दी गई कि समाधान संस्था में आई पामेला एंडरसन। जानकारी और इंटरव्यू के लिए कॉल करें। अब यह मैसेज पढ़ते ही सभी पत्रकारों में सबसे पहले पामेला का दीदार करने की होड़ लग गई। जिसकों भी ये एसएमएस मिला वह एसएमएस करने वाली संस्था समाधान के दफ्तर पहुंच गया। वहां उन्हें बाइज्जत बिठाया गया।
पत्रकार मित्र तो पामेला के दीदार को व्याकुल और बेताब थे। उनकी बेताबी थामे नहीं थम रही थी। मीडिया जगत में उठे इस भूचाल की खबर राजधानी के पुलिस को भी लगी तो वह भी पामेला की सुरक्षा को लेकर खासी सतर्क हो गई और उन्हें खोजते-खोजते पहुंच गई समाधान के दफ्तर। हालांकि पुलिस आम आदमी की तकलीफों को लेकर कभी इतनी संवेदनशीलता नहीं दिखाती, लेकिन यहां बात थी हॉलीवुड की हॉट और बिग बॉस की मेहमान पामेला एंडरसन की।
खैर पत्रकारों की उछलकूद को देख संस्था के लोगों ने उन्हें शांत करने के लिए दो कागजात प्रस्तुत किए, जिन्हें पढ़ कर हमारे मीडिया दिग्गजों को गश आ गया, उन्हें पता चला कि ये पामेला कोई हॉलीवुड तारिका नहीं बल्कि एक नवजात मेमना है, जिसे एक दिन पहले ही कांवलीरोड के पास एक कसाई से संस्था द्वारा छुडाया गया है। अब हकीकत पता चलते ही पत्रकारों का गुस्सा सातवें आसमान पर। लेकिन उनके इस गुस्से का कोई असर संस्था की संचालिका रेणु डी सिंह पर नहीं पड़ा और लोगों को बेवकूफ बनाने वाली श्रीमती रेणु ने आसानी से कह दिया कि उनकी ओर से किसी को एसएमएस नहीं किया गया है और जिन्हें भी किया गया वे व्यक्तिगत मित्र हैं। उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना और उसका समय नष्ट करना नहीं था।
जबकि इस संस्था ने जो मैसेज लोगों को भेजा उसमें स्पष्ट लिखा था कि पामेला एंडरसन बिग बॉस के घर से सीधे पहुंची दून, जहां हुआ उनका उत्पीड़न। उनसे मिलने और इंटरब्यू के लिए कॉल करें फला नंबर पर। उनकी इस अफवाह से जहां मीडिया का जमावडा उनके ऑफिस में लग गया वहीं खुफिया एजेंसियों की भी काफी फजीहत हुई। पामेला की लोकेशन ढूंढने में लगी एजेंसियों ने जॉलीग्रांट हवाई पट्टी से अपडेट लेने के बाद रेलवे स्टेशन को भी खंगाला। बाद में ये खुफियां एजेंसियां और राजपुर पुलिस एनजीओं के दफ्तर पहुंची, जिसमें महिला दरोगा समेत तीन दरोगा और पांच सिपाही शामिल थे।
खैर, उनके इस व्यवहार से हमारे पत्रकार भाईयों को बहुत गुस्सा आया और वे सीधे पहुंचे जाखन पुलिस चौकी और वहां मौजूद एसओ राजपुर यशपाल सिंह को तहरीर दी। इस मामले में जिले के एसएसपी ने जांच करने की बात भी कही है।
लेकिन इस घटना ने मीडिया के लिए एक संदेश भी छोड़ा कि किसी भी अफवाह को खबर बनने से पहले वे उसे रोके और पर्याप्त जांच पड़ताल के बाद ही उसे खबर बनाएं। हालांकि देहरादून की मीडिया की तारीफ करनी चाहिए क्योंकि अपनी इस बेवकूफी की खबर को सभी प्रमुख समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है।
इस घटना ने मेरे दिमाग में कुछ सालों पहले हुए बलिया के सौरव कांड की याद ताजा कर दी, जिसमें सौरव नाम के लड़के ने एक ऐसी परीक्षा पास करने का दावा किया था जो कि कभी हुई ही नहीं थी और उसके बाद भारत ही नहीं बल्कि विश्व की मीडिया ने भी उसके दावे को हाथों हाथ लिया और किसी ने भी उसकी सत्यता जांचने की जहमत नहीं उठाई।
देहरादून से धीरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट.
Comments on “एनजीओ के ऑफिस में पामेला एंडरसन, बेवकूफ बने पत्रकार!”
bilkul sahi aajkal ke patrakaro ki yahi sachhi tasveer h.
ha ha ha
is kharab ko to SAB T.V. par post kar dena chahiye