खबरों के लिए पहचान रखने के बावजूद टीआरपी बाजार में एनडीटीवी की पहचान बीच के चैनलों में होती है. यानी ना स्वर्ग में ना नर्क में, बस त्रिशंकु की तरह बीच में. अब चैनल को इस त्रिशंकु अवस्था से निकालकर अलग पहचान देने की कवायद में एनडीटीवी के वरिष्ठ लोग लगे हुए हैं. स्ट्रेटजी में थोड़ी परिवर्तन किया जा रहा है. जिनके सिर पर ज्यादा जिम्मेदारियां हैं उन्हें डिस्ट्रीब्यूट किया जा रहा है. यानी एनडीटीवी में अब खेल केवल खबरों का होगा.
सूत्रों का कहना है कि चैनल को गियर अप करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए मामूली फेरबदल किए गए हैं. इनपुट हेड सुनील सैनी अब तक खबरों के आने से लेकर ब्यूरो तक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. अब उनके इस अधिकार में आंशिक कटौती कर दी गई है. इनपुट हेड तो वो रहेंगे पर अब ब्यूरो और रिपोर्टरों को समझाने-हड़काने-धमकाने-शाबाशी देने का काम पॉलिटिकल एडिटर मनोरंजन भारती के जिम्मे कर दिया गया है. अब खबरों के लिए मनोरंजन भारती ही इन लोगों को सीधे निर्देश देंगे. स्टोरी मंगवाएंगे. इसके बाद ये स्टोरियां इनपुट हेड यानी सुनील सैनी के पास पहुंचा दी जाएंगी. सूत्रों का कहना है कि मनोरंजन भारती ने अब कुछ समय के लिए एंकरिंग से भी तौबा कर ली है. वे जमकर रिपोर्टरों को खबरों के लिए घसीटेंगे.
सूत्रों का कहना है कि अब चैनल को बिल्कुल खबर बेस्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. अब इस पर फिक्स प्रोग्रामिंग नहीं होगी. बुलेटिन पूर्ण रूप से खबरों से भरे होंगे. वैसे भी टीआरपी में भले ही एनडीटीवी त्रिशंकु बना हो पर भूत-प्रेती न्यूज चैनलों के दौर में इसे खालिस खबरों के लिए जाना जाता है. अपनी इस पहचान को और मजबूत करने तथा शुद्ध-शुद्ध खबरिया चैनल होने की कोशिशों में जुट गया है. इसके लिए आनंदो, मनोरंजन भारती, सुनील सैनी, अभिज्ञान प्रकाश एवं रवीश कुमार साथ मिलकर हर रोज के हिसाब से रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. वैसे भी जिस तरह न्यूज चैनलों के नाक में नकेल डालने की तैयारी सरकार कर रही है, उस स्थिति में धरती हिलाने, स्वर्ग की सीढ़ी दिखाने, नागमणि पाने वाले चैनलों को भी देर सबेर खबरों पर लौटना पड़ेगा. इस स्थिति को ध्यान में रखकर एनडीटीवी अगुवा बनने की रणनीति तैयार कर रहा है.
Comments on “एनडीटीवी को त्रिशंकु अवस्था से निकालने की तैयारी, मनोरंजन भारती को अतिरिक्त जिम्मेदारी”
NDTV ko lekar alochana nahi thodi bahut samalochana honi chahiye… news ki thodi bahut izzat bachi hai kyoki ndtv mai ab bhi manoranjan bhart aur ravish kumar samet kai patrkar bachen hai…. baki channels mai patrkaron ki jagah saperion aur aghaurion ne le li hai… isliye bhoot, koot aur sapaon ka jalwa hai///
20-20 ne ndtv ko barbad kaar diya hai.. cricket ke andha prem darshako pe khabero ke madyam se aise he thopa jata raha to channel Tabahe ke kagar pe pahuch jayega.
achhi bat he bhutaha dour me agar khabar ko mahatva milta he to logo ko khabar dekhane milengi or jo stringer he unko bhi kAM MILENGA SHATH HI AKHIR KAR PATRAKARI TA KA HI BHALA HONGA JAB ..BHUTAHA CHANNEL APANE AAP KO BADALEBGE…
Agar koi channel khabren dikhata hai to vo hai Zee News..NDTV ne to jamkar rakhi sawant se lekar tamasha dijkhaya, bavjud TRP men fisaddi hi raha hai. vajah hai channel men gyani logon ki bhid. jinhe rashtra ke naam sandesh dene se hi fursat nahi
NDTV INDIA ko kafi mehnat karni hogi. Dibang ke jaane ke baad NDTV INDIA top channel ki race ke bahar ho gaya. Ritika aur Tazil jaise anchor nahi hai. Darshak niraash hai. IBN7 aur Zee NEWS ne khabar dikhane mein lead li hai. Best of Luck NDTV INDIA
manoranjan bharti apna uccharan theek karle, channel apne aap theek hoga. ndtv24x7 ki translated copy ban gaya hai ndtv india.
ndtv india to poora pro congress channel ho gaya hai. baba to congress ke khilaaf naa likhte hain naa bolte hai. ndtv ki credibility khatm ho gayi hai. dibang ndt ke akhari mughal the. ab to east india company ke rai bahadur channel par raaj kar rahe hai. very sad.
Kuch nahi honga jo dikhta hai vohi biktaa hai…………..Jay ho India tv
चलो, इस बहाने मनोरंजन भारती की एंकिरिंग की गई खबरे सुनने को नहीं मिलेंगी।……
Ndtv bhut pret jaise program ko ni dikhata h, har shanivar ko rat 8 baje charchao ke dwara naye muddo ko uthakr aur ravish ki report sabit krti h ki NDTV india abi race me hai.:-*
बहुत “सुक्रिया” मनोरंजन भारती.
कमाल की हिंदी बोलते हो यार ! कोदो देकर पढ़े हो क्या ?
“भासा सुद्ध-सुद्ध” बोलते रहिये, खोपड़िया में हेडेक हो जाता है.
पता नहीं क्या देकर नौकरी पाये हो तुमलोग !
एनडीटीवी इंडिया का अब कुछ नहीं होने वाला है . दो -दो , तीन -तीन लाख लेकर बहुतेरे सफेद हाथी वहां बैठे हैं . ये ज्ञानी लोग चैनल की चिंता कम करते हैं , अपनी ब्रांडिंग और लॉबिंग में ज्यादा वक्त बर्बाद करते हैं . इनके रहते चैनल का कुछ नहीं होने वाला है . पूरे दिन चैनल पर 20-20 चलता रहता है . देश में भूकंप आ जाए , दिल्ली में इमारत गिर जाए , राजनीति में भूचाल आ जाए , एनडीटीवी इंडिया 20-20 खेलता रहता है . इसी चैनल के रवीश कुमार कभी फास्ट खबरों के खिलाफ लिखा करते थे और इनका चैनल सुपरफास्ट खबरों का एकमात्र चैनल हो कर रह गया है . या तो यहां 20-20 चलता है या फिर बहस होती रहती है . तीन लाख लेने वाले महानुभाव लोग दो घंटे भी मुश्किल से काम नहीं करते हैं . प्रणय रॉय को सलाम करना पड़ेगा कि वो इन सबको झेल रहे हैं . क्रीमी लेयर को कम करें और काम करने वालों को मौका दें तभी कुछ भला होगा . कई महीनों से 8वें नंबर का चैनल है . अब तो एनडीटीवी को लोग न्यूज के लिए भी नहीं देखते है . इस चैनल का तो भगवान मालिक है . ऊपर के लेख में आप कह रहे हैं कि इस चैनल को खालिस खबरों के लिए जाना जाता है , ये तो गुजरे जमाने की बात हो गयी . अब चैनल को 20-20 के लिए जाना जाता है . खबरें तो दफन हो कर 20-20 की शक्ल मे यहीं रह गई है .
Dibang ko nikalne ki kimat chuka raha hai NDTV India
kabhi media mein aaye tab NDTV hi dekhte the lekin ab NDTV na khabar dikhata hai aur na achchhi bahas hi…kayi mitron ne sahi hi kahan ki mauti tankhawah par anginat safed hathi baithe hain..vaise manoranjan to apni hindi se manoranjan karte hi hain mitro ye mehraaz naam ka ek prani bhi to prime time par atak atak kar hindi bolne ka abhyaas karvata hai..
jab tak anapadh cameramen channel ke liye report bhejenge,is channel ka kuchh nahin ho sakta.manish kumar aur rubina khan shapoo jaise log sirf kshetravaad aur sampraday ke aadhar par stringer chunte hain aise mein manoranjan bharti ya prannoy roy kya kar lenge.