यूपी के आईपीएस अफसर कितने ईमानदार हैं, इसका पोल खोला है आई-नेक्स्ट ने. इस बाइलिंगुअल टैबलाइड ने यूपी के विभिन्न जिलों और मण्डलों में पदास्थापित आईपीएस अधिकारियों द्वारा दाखिल किए गए दस्तावेजों के आधार पर खुलासा किया है कि इन लोगों ने करोड़ों की जमीन कौडि़यों में पाई है. ज्यादातर आईपीएस अफसरों के पास करोड़ों की जमीन हैं लेकिन इन्होंने गलत सूचना देते हुए अपने प्रॉपर्टी की कीमत मान्य सर्किल रेट से बहुत कम बताई है.
इन पुलिस अधिकारियों ने आधी अधूरी जानकारी विभाग को दी है. ज्यादातर अधिकारियों ने प्रॉपर्टी का सौदा अपने पत्नियों के नाम से किया है. अखबार अपने इंट्रो में लिखता है – ”राजधानी के चिनहट एरिया में प्लाट की वैल्यू पांच रुपये स्क्वायर फीट, गोमती नगर में पचास रुपये स्क्वायर फीट और दिल्ली के करीब गाजियाबाद में केवल 86 रुपये स्क्वायर फीट, ग्रेटर नोएडा का रेड 294, नैनीताल का 190 रुपये स्क्वायर फीट, देहरादून में 130 रुपये स्क्वायर फीट. यह तो रही अर्बन एरिया की बात. रुरल एरिया में शुरुआत पौने चार रुपये स्क्वायर फीट से है. माफ कीजिएगा यह कीमत आपके लिए नहीं है. इस भाव में जमीन खरीदने के लिए कम से कम आपको आईपीएस होना जरूरी है.”
इस खबर में बताया गया है कि जो दस्तावेज आई-नेक्स्ट के हाथ लगे हैं. उसके अनुसार अधिकारियों ने इसी कीमत पर अपनी प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन किया है, जबकि वास्तविक तौर पर मौजूदा सर्किल रेट इससे कई गुना ज्यादा है. करोड़ों की प्रॉपर्टी की कीमत लाखों में बताई गई है. आई-नेक्स्ट की लिस्ट में कई चर्चित आईपीएस अधिकारियों के नाम हैं, जिनमें प्रेम प्रकाश, रघुवीर लाल, राजेश कुमार राय, गोपाल गुप्ता, विजय कुमार, जावेद अख्तर, अमिताभ ठाकुर, प्रमोद कुमार तिवारी, आशीष गुप्ता, ध्रुवकांत ठाकुर, चंद्र प्रकाश, राजेंद्र पाल सिंह, राजकुमार के नाम शामिल हैं. हालांकि खबर में यह भी बताया गया है कि डा. पूर्णिमा सिंह, ब्रज मोहन सारस्वत एवं डा. कश्मीर सिंह जैसे अधिकारियों ने अपने प्रॉपर्टी की सही कीमत बताने की हिम्मत भी दिखाई है. नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढि़ए आई-नेक्स्ट में प्रकाशित महानुभावों की खबर.
Comments on “करोड़ों की जमीन कौडि़यों में खरीदी आईपीएस अधिकारियों ने, आई-नेक्स्ट ने खोला पोल”
बहुत दिनों बाद इतनी मसालेदार खबर पढने को मिली. लेकिन यशवंत जी यह स्टोरी तो लखनऊ में २० अक्टूबर को ही छप गयी थी. इसमें मेरठ का क्या योगदान है? इसका श्रेय तो लखनऊ को मिलना चाहिए. खबर लिखने वालों को मेरी ओर से बधाइयां.
main gopal gupta ji ko 5 lac me chinhat ki zameen khareedna chahta hoon..kya aap Gopal Gupta ji bechenge?
sab dikhawa hai.. lut raha hai gareeb… looto, looto.
shame!