भास्कर के नेशनल एडिटर कल्पेश याज्ञनिक ने दो दिवसीय हरियाणा दौरे के तहत पानीपत व हिसार जोन के ब्यूरो चीफों की मीटिंग ली। मीटिंग के दौरान उन्होंने ब्यूरो चीफों को आक्रामक पत्रकारिता करने के निर्देश दिए। उनके दौरे को लेकर भास्कर के दोनों जोन का स्टाफ काफी आशंकित नजर आ रहा था।
कल्पेश के इस दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। कारण यह था कि भास्कर के किसी भी एडिटर ने इससे पहले हिसार व पानीपत जोन में कभी सीधे तौर पर ब्यूरो चीफ की मीटिंग नहीं ली थी। मीटिंग से पूर्व ही संस्थान के लोग यह मानकर चल रहे थे कि कल्पेश याज्ञनिक का जोन कार्यालयों में मीटिंग लेना कुछ न कुछ गुल जरूर खिलाएगा, लेकिन मीटिंग के बाद इस तरह की शंका काफी हद तक दूर हो गई। पहले दिन पानीपत व दूसरे दिन हिसार में मीटिंग का आयोजन किया गया। कल्पेश ने मीटिंगों के दौरान इस बात पर जोर दिया कि ब्यूरो चीफ ऐसी खबरों पर जोर दें, जो आम आदमी के सरोकारों से जुड़ी हों। बेकार की खबरों को अखबार में महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। बहरहाल मीटिंग खत्म होने के बाद स्टाफ ने काफी हद तक राहत की सांस ली है।
Comments on “कल्पेश ने पढ़ाया आक्रामक पत्रकारिता का पाठ”
कल्पेश याग्निक हरियाणा के दौरे पर रहे तो खूब मीटिंग चली… काम और ज्यादा करने को लेकर खूब प्रवचन चले लेकिन स्टाफ की सुविधा या पैसे बढाने को लेकर बात करने पर प्रतिबंध है… संपादकों की उन्होंने अच्छी खासी क्लास ली है
Is doare se bhaybhit hue the sirf bhrishth B.C. . Lekin kalpesh ji ki lambi meeting drama hi rahi. Brishth B.C. ab bhi moj ker rahe hen. Aise log akhbar ko dubone ka kam ker rahe hen. lekin kalpesh ji asliyat kyo nahib samajh paye ye ashcharya ki bat hai.
आज समाज की जन सरोकारों की पत्रकारिता ने चंडीगढ़ से लेकर हरियाणा और पंजाब तक सबको सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. अब दैनिक भास्कर को भी इसी कारण आत्ममंथन करना पद रहा है.
jitna marji akkramek ho jaye per Advertisement Lete waqt Ya Un Logo Ke saamne jo inhe Add Dete Hai Har Akhbaar Wala Vinnemrrre Hi Rehta Hai Vo Chahe Aaj Semaj Ho Ya Bhaskar.
कल्पेश याग्निक तो वैसे भी केवल भाषणबाजी ही कर सकते हैं। यही भाषण सुनकर ही चापलूसों की फौज तैयार होती है।
aaj samaj newspaper kesamne sare akhbar bone ho gaye.
भास्कर का पूर्ण विकास बाकी है, कुछ frusted लोग संघहर्ष से घबराते है , कल्पेश जी देश के बड़े पत्रकार होने के साथ बेहतरीन इंसान भी है , ऐसे में भास्कर को विकसित करने वालो के फ़ौज का हौसला कुछ frusted पत्रकार नहीं ख़त्म कर सकते ,दैनिक भास्कर से लोग का जुडाव है और सुनियोजित रूप से भास्कर के पत्रकारों का हौसला तोड़ने वाले हमेशा मुह की ही खाई है
भास्कर का पूर्ण विकास बाकी है, कुछ frusted लोग संघहर्ष से घबराते है , कल्पेश जी देश के बड़े पत्रकार होने के साथ बेहतरीन इंसान भी है , ऐसे में भास्कर को विकसित करने वालो के फ़ौज का हौसला कुछ frusted पत्रकार नहीं ख़त्म कर सकते ,दैनिक भास्कर से लोग का जुडाव है और सुनियोजित रूप से भास्कर के पत्रकारों का हौसला तोड़ने वाले हमेशा मुह की ही खाई है
आक्रामक पत्रकारिता करना हर पत्रकार को अच्छा लगता है लेकिन परिस्थितियां इजाजत नहीं देती। मैं पिछले 30 सालों से पत्रकारिता से जुड़ा हूं.वर्तमान में दैनिक भास्कर भिलाई में पदस्थ हूं। मैं कल्पेश जी का डांट सुन चुका हूं,कारण चाहे जो भी हो लेकिन बड़े लोगों की डांट में भी कुछ-न-कुछ रहता है। यह अलग बात है कि उनके जाने के बाद मेरे साथ असमान्य व्यवहार होने लगा फिर भी मुझे किसी से शिकायत नहीं है। खबरों पर विज्ञापन का असर बहुत है।
मनोज कुमार अग्रवाल
[quote][/quote]kalpesh ji aur bhaskar ki ranneeti jagjahir hai , inki akrakmata us samay kaha gayi thi jab DB STAR bhopal k reporter RADHESHYAM DANGI ne saansad KAILASH NARAYAN SAARANG aur uske bete jo ab vidhayak hai VISHWAS SAARANG ka ghotala ujagar kiya tha….bhaskar bhopal jo inka headoffice bhi hai mei aakar pistol ke dum par apne 6 gurgo k sath hadkaya tha….tab inhone 2 page ka khandan chhapa tha….patrakarita mei gujar chuke kuchh saal aur lizining ka kaam kar upar badhe kalpesh ji kya aakramakta ka path padhayenge….darpok dalal patrakar kahi k…lanat hai in par
-TOHID QUERESHI (MJ,MAKHANLAL UNIVERSITY OF JOURNALISM , BHOPAL)