नई दिल्ली। जानेमाने अभिनेता टॉम अल्टर का मानना है कि कुछ लोग जो टीआरपी को चलाते हैं वह नहीं चाहते कि अच्छी चीजें (सीरियल) दर्शकों सामने आएं। जबकि हकीकत यह है कि दर्शक अच्छे सीरियल देखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अच्छे सीरियल देखने को नहीं मिल रहें हैं। उन्होंने कहा कि टीआरपी का खेल पिछले कुछ वर्षो से शुरू हुआ है, और इसके आने से पहले भारतीय दर्शकों को बेहतर और शिक्षाप्रद सीरियल देखने को मिलते थे।
टॉम ने यह बात दूरदर्शन पर कल (बृहस्पतिवार) से प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘यहां के हम सकिंदर’ को लेकर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। इस मौके पर सीरियल के निर्माता/निर्देशक दिलीप सूद, अभिनेता ध्रुवराज शर्मा, अनु नैन, सक्षम दायमा, तनवी समेत लेखक तकी इमाम भी मौजूद थे। छोटे शहरों मे पढ़ने वाले छात्रों की कहानी पर बने इस सीरियल में टीचर की भूमिका निभाने वाले टॉम अल्टर ने कहा कि आजकल के सीरियलों की कहानी और ट्रिट्मेंट टीआरपी के आधार पर तय होती है। यही वजह है कि आजकल के सीरियल की क्वालिटी और कहानी सच्चाई से मीलों दूर है।
उन्होंने कहा कि जिस वक्त टीआरपी इजाद नहीं हुआ था उस वक्त लोगों को वेहतर सीरियल देखने को मिलते थे। उन्होंने कहा कि रामायण, महाभारत, हमलोग, बुनियाद, जुनून जैसे सीरियलों की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने टीआरपी को बकवास बताते हुए यहां तक कह डाला कि इसे तो खरीदा जाता है। दिलीप सूद ने कहा कि नया भारत गांवों में बसता है और हम अपने सीरियल के माध्यम से उसी नए भारत की तस्वीर से दर्शकों को रूबरू कराने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म ‘स्कूल डेज’ की कहानी भी स्कूली छात्रों पर थी, पर वह प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वालें छात्रों की कहानी कहती थी, यह सीरियल छोटे शहरों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालें छात्रों की ख्वाहिशों को व्यक्त करती है। साभार : राष्ट्रीय सहारा
Comments on “टीआरपी के चलते दर्शकों को नहीं देखने को मिलते अच्छे सीरियल : टॉम अल्टर”
tom ji bilkul sahi kah rahe hai aap is trp ne beda garg kar diya,jo bhi chanel kholo usme koi bhi serial dhung ka nahi aata,kai serial me to baap beta lagta hai aur beta baap off hum log taras gai hai badiya tv serial dekhne ko ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,mukesh mondal