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दस साल बाद हुई पत्रकारों की जीत, वेतन बोर्ड होगा लागू

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पिछले 10 साल से वेतन बोर्ड को लेकर जारी कानूनी जंग को पत्रकारों ने जीत लिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सातवां पत्रकार वेतन बोर्ड लागू करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने आदेश देकर कहा कि इस बोर्ड के नियमों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। इसके अलावा कोर्ट ने सभी अखबार मालिकों पर जुर्माना भी लगाया।

<p style="text-align: justify;">इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पिछले 10 साल से वेतन बोर्ड को लेकर जारी कानूनी जंग को पत्रकारों ने जीत लिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सातवां पत्रकार वेतन बोर्ड लागू करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने आदेश देकर कहा कि इस बोर्ड के नियमों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। इसके अलावा कोर्ट ने सभी अखबार मालिकों पर जुर्माना भी लगाया।</p> <p style="text-align: justify;" />

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पिछले 10 साल से वेतन बोर्ड को लेकर जारी कानूनी जंग को पत्रकारों ने जीत लिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सातवां पत्रकार वेतन बोर्ड लागू करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने आदेश देकर कहा कि इस बोर्ड के नियमों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। इसके अलावा कोर्ट ने सभी अखबार मालिकों पर जुर्माना भी लगाया।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश इफ्तिखार चौधरी ने वेतन बोर्ड को यथावत लागू करने तथा ऑल पाकिस्तान न्यूज पेपर्स सोसायटी और पाकिस्तान हेरल्ड पब्लिकेशन की याचिकाओं को रद्द करते हुए वेतन बोर्ड को यथावत लागू करने का आदेश दिया।

उन्होंने याचिकाकर्ताओं को अदालत का समय बर्बाद करने के लिए जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है। मुख्य न्यायधीश ने गत 29 सितम्बर को समाचारपत्र मालिकों के वकीलों द्वारा दी गई दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। समाचारपत्र मालिकों ने सिंध उच्च न्यायलय के गत 31 मई को सातवें वेतन बोर्ड पर दिए गए फैसले को चुनौती दी थी। पाकिस्तान फेडरेशन आफ यूनियन जर्नलिस्ट ने 10 वर्ष कानूनी जंग लड़ने के बाद इस मामले में जीत हासिल की है। साभार : पत्रिका

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0 Comments

  1. suresh sharma

    October 22, 2011 at 8:26 am

    Res. Sir, Very Great news total right

  2. jitendra jain

    October 21, 2011 at 2:26 pm

    pakistan me patrakaro ki jit. yah padkar acha laga. Bharat me bhi patrakaro ka sangharsh chal raha hai. Manisana Ayog lagu hokar 13 sal ho gaye. Sarkar bhi sahmat hai, phir Majithia vetan ayog ki sifarish lagu karne me der kahe?
    Jitendra jain Aurangabad (Maharashtra)

  3. pratat singh janwal

    October 21, 2011 at 9:27 am

    It is a great victory for wage board employees in pakistan..i congratu;ate to them…hope same will happen in india where thousands of famil.ies of wage board employees are waiting the good news…we have full faith in our judicery and hope things will be in journalists favour..
    pratap s jamwal
    new delhi

  4. kya mai sach kaho

    October 20, 2011 at 7:24 pm

    aur nindustaan may kab hoga ki govney paise kha leya hai aur ya hindustan may ya sapna he hoga
    ya kaam pahley hoga

    phir pak india say pahley azaad hua hai tou waha har kaam pahley hoga
    jo bhe ho i hate pak but i pak hai tou hamera he hum phir kyu hum alag alag hai

    indian gov currupt hai ahai aur indian media usey manage karti hai sab dalal hai yaha

  5. shrikrishna prasad

    October 20, 2011 at 5:12 pm

    It is an encouraging and inspiring event for Indian journalists.
    The Indian government should also do the best for the journalists and non journalists of India.

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