मैं दैनिक जागरण, आगरा के आज के अखबार की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. इस अखबार में आज दो ऐसी तस्वीरें छपी हैं, जिनके छापने का कोई औचित्य नहीं था. पर इन तस्वीरों को छापकर दैनिक जागरण के संपादक ने अपने पाठकों को शर्मिंदा करने का प्रयास किया है. मेरे यहां बहुत दिन से दैनिक जागरण अखबार आता है. पूरा परिवार अखबार पढ़ता है.
और, हम लोगों को दैनिक जागरण पर भरोसा रहता है कि यहां ऐसा कुछ छपा नहीं मिलेगा जिसे परिवार के साथ पढ़ते या देखते हुए शर्मिंदगी महसूस हो. पर पिछले काफी दिनों से दैनिक जागरण अब ऐसी बेमतलब की तस्वीरें छापने लगा है जिसमें खबर के नाम पर कुछ नहीं होता, सिर्फ नंगई ही दिखाना उद्देश्य होता है. यकीन न हो तो इन दो तस्वीरों और इनके नीचे लगे फोटो के परिचय को पढ़ लीजिए. अगर ऐसी ही तस्वीरें छापनी हैं तो सिर्फ दो तस्वीरें क्यों छाप रहे हैं. हर पेज पर उपर एक ऐसी तस्वीरें लगाइए ताकि दैनिक जागरण के पाठक तय कर लें कि किन्हें इसे पढ़ना देखना है और किसे नहीं पढ़ना देखना है. पर ऐसा मत करिए कि पारिवारिक अखबार को सिर्फ कुंठित और विकृत लोगों का अखबार बना डालिए.
छाती दिखाती विदेशी लड़कियों की तस्वीरों को देखकर संभव है कई भारतीय युवाओं के शरीर में सनसनी दौड़ जाए लेकिन इससे परिवार की आस्था को चोट पहुंचती है. हर कोई सेक्स के बारे में जानता है और हर कोई पोर्न पसंद करता है. पर इसे करने और देखने के तरीके होते हैं. हम मनुष्य लोग सामाजिक प्राणी होते हैं. हमारा आचार विचार ही हमें जानवरों से बेहतर बनाता है. अगर अखबार का दायित्व समाज और परिवार व जनता को मार्गदर्शन देने का है, नई जानकारियों से जागरूरक करने का है, आस पड़ोस व देश-विदेश की घटनाओं के समाचार बताने का है तो अखबार को यही दायित्व निभाना चाहिए. उसे नंगी-पुंगी तस्वीरों के जरिए सनसनी फैलाने से बचना चाहिए. मैं दैनिक जागरण के संपादक लोगों से अपील करता हूं कि कृपया आगे से ऐसी तस्वीरें न छापें जिससे अखबार को परिवार के सदस्य एक साथ न पढ़ सकें.
मुझे किसी ने बताया कि यह बात अगर भड़ास के पास भेज दी जाए तो दैनिक जागरण के सभी पत्रकारों और संपादकों तक बात पहुंच जाएगी. इसलिए मैं सारी बात लिखकर भेज रहा हूं. मुझे हिंदी में लिखना नहीं आता है इसलिए कृपया मेरे लिखे को अपने हिसाब से हिंदी में कर लें.
अर्जेटीना में ब्राजील और पराग्वे के बीच खेले गए कोपा अमेरिका फुटबॉल क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान पराग्वे के समर्थकों ने टीम का जमकर मनोबल बढ़ाया। एएफपी
ये है जलवा.. फ्लोरिडा में मर्सिडीज-बेंज फैशन वीक के दौरान सोमवार को रैंप पर मॉडलों के जलवे देखते ही बने। एएफपी
अनुरोध है कि मेरा नाम और मेल आईडी न प्रकाशित करें क्योंकि मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही है जिसके लिए मुझे सामने आने की जरूरत पड़े. यह एक ऐसा सच है जिसे हर परिवार का जागरूक सदस्य सोचता है लेकिन कहता नहीं है क्योंकि उसे पता ही नहीं होता है कि कहना किससे है.
आगरा से दैनिक जागरण के एक पाठक द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित
armaan kohali
July 19, 2011 at 2:02 pm
मुझे यह तस्वीरें व इतना लंबा चौडा भाषण भेजने वाला व्यक्ति अखबार का रुटीन पाठक नहीं लगता, अगर ऐसा होता तो सिर्फ दैनिक जागरण देखकर वह अश्लीलता, पोर्न आदि का रोना नहीं रोता। अगर उसे देखना है तो फिर आज के दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स के प्रिंट व इंटरनेट एडिशन देख ले, दैनिक जागरण ने तो जितना छापा है, वह कुछ भी नहीं, अगर वाकई आप को अश्लीलता की पराकाष्ठा देखनी है तो फिर इस लिंक पर
http://www.bhaskar.com/article/SPO-paraguay-model-larissa-poses-for-football-team-2276243.html?HF-3=
या
http://photogallery.navbharattimes.indiatimes.com/news/events/hot-fans-copa-america-2011/articleshow/9271138.cms
पर क्लिक कर देख ले, इस पाठक की सारी चिल-पौं खत्म हो जाएगी। मैं तो यह पढकर भी हैरान हूं कि उपरोक्त तस्वीरें भेजने के बाद यह व्यक्ति इतना दम नहीं रखता कि अपनी आईडी या नाम प्रकाशित करवा सके। अगर आवाज उठानी है तो साहब खुलकर सामने आओ, अगर सच में इस आदमी को फोटो से दुख हुआ तो फिर सामने आने से नहीं कतराना चाहिए।
abhishek
July 19, 2011 at 3:52 pm
भाई साहब मुझे लगता हैं की जागरण के खिलाफ खबर लगने से आपको भारी छाती पहुंची हैं .और रही इस बात की सामने आने की तो bahalaa मीडिया घरानों से कौन लड़ाई लडेगा. मेरा तो सिर्फ यही कहना था की में नियमित पाठक हूँ /और अपने परिवार के साथ अखबार पड़ता हूँ और रही बात भास्कर और नवभारत टाइम की तो यह दोनों अखबार आगरा नहीं आते हैं.इसलिए मेरा आपसे अनुरोध हैं की पोर्टल पर लिखी हुई बात को अपने दिल पर ना ले.
arv
July 19, 2011 at 5:50 pm
naye link bhejne ke liye dhanyabad bhai log…..aise hi kuch chapte raho..maja a gaya….guru…
Mo9hd Saleem
July 20, 2011 at 5:31 am
Hamare Yaha bhi Dainik Jagran aata ha aap sahi aisa nahi Hona Chahiye
raj
July 20, 2011 at 6:18 pm
armaan kohali, apki baat m dum hai bhai………..
girish pankaj
July 24, 2011 at 1:51 pm
हिंदी के लगभग सारे अखबार इस वक्त नंगई को बेच रहे हैं. ये बेचते रहेंगे. मेरे व्यंग्य उपन्यास ”ॐ मीडियाय नमः” में अखबार मालिक यही कहता है. कि मैं अपने घर वालों से कहता हूँ, कि तुम लोग मेरा अखबार ही मत पढ़ा करो’. पत्रकारिता के ये नए मालिक नागे चित्र लगा रहे है, लिंगवर्धक यंत्र के विज्ञापन छाप रहे हैं. और भी ऐसा बहुत कुछ छाप रहे है, जो अनैतिक कहा जाताहै. मगर, जब धंधा करना है तो अब नैतिकता कि परवाह ही कौन करता है.
atul
July 25, 2011 at 12:56 pm
mai bahut ashhcharchakit hoo ki dainik jagarn me aisi takvire kyo chhapate hai.
S.S.D. Agrawal
September 17, 2011 at 7:47 am
वाह क्या सफाई दी है दूसरे गंदगी फैलाते है तो मेँ भी गंदगी फैलाने का हकदार हूँ । मै तो मुरीद हो गया आप के जवाब से अरमान कोहली जी, जिसने आपको लिखा वो दैनिक जागरण का ही नियमित पाठक है तभी आप तक अपनी पसंद नापसंद पहुंचाई । हो सकता है उनका तरीका आप को पसंद न आया हो पर यह सही है की आज हर पत्रिका नग्नता फैलाने मे योगदान कर रहा है। सेक्स मे खुला पन होना चाहिए पर कब किसको किस तरह यह बताना है ये भी जरूरी है । सेक्स और सेक्सुयल तसवीरों के न से ही युवा वर्ग की नसों मे रक्त प्रवाह बढ़ जाना स्व्भविक है अतः सावधानी बी जरूरी है । मैं भी दैनिक जागरण का नियमित पाठक हूँ । इलाहाबाद मे, मै आपकी पत्रिका को अग्रणी मानता हु अतः आप से अनुरोध करता हु आप अपने समानीट पत्रिका के माध्यम से इस मानसिकता का विरोध करे क्यों की आए दिन हो रही बलात्कार की घटनावों मे कहीं न कहीं थोड़ा ही सही इस तरह की प्रकाशन सामिग्री का भी भूमिका है ।
wajid
October 22, 2011 at 8:54 am
sawal dainik jagran ya bhaskar ka nahi hai. Hazaron salon se duniaya men abadi hai. Sab jante hain ki duniya ki abadi kese barhti hai. Phir aaj ourton ko nanga karke dikhane ki kya jarurat parh gai
md.sazid
October 12, 2011 at 10:30 am
muje nahi lgta ki danik jagran asi tasveere bej sakta hai,khunki iska naam jagran sabd se jura hai,yani bhagwn ka bhgt.
B.N.dwivedi
October 21, 2011 at 7:00 am
I am also reader of danik jagran and other paper since 1973,present M.B.A.culture of marketing to act in western design & style for easy recognition ,wich is not aceptable scientificaly and scocialy and it also does not mean that fallowers of it are orthodox indian youngestors need education,motvation and open discussion on all it as these are published to attrect them
B.N.Dwivedi
simran
October 19, 2011 at 12:52 pm
;)very bad
B.S.Choubey
June 7, 2013 at 2:03 am
rakshak hi bhakshak wali kahawat charitatath ho raha hai. kya press wale aise photo apane mother father or sister ko dikha sakte hai? agar ans.
Dr aj singh
June 20, 2013 at 2:25 pm
achhai ya burai bahar nahi hai, yeh apne man swabhaw me hai. hum jaisa soch le wahi hame dikhai dene lagta hai.
Rupendra sharma
September 14, 2013 at 5:02 pm
>:( Don’t like this picture in the every family very said Dainik Jagran News paper
narendra singh
April 10, 2014 at 9:29 pm
प्रिय सम्पादक हम भारतीय है हमें भारत कि मर्यादा रखनी है उपरोक्त तस्वीरें भेजने के बाद ऐसा लगता है कही ना कही हम बिचलित हो गये है हमे एससे बचना है ‘धन्याबाद, आपका शुभ चिंतक
Narender Tomar
July 18, 2014 at 7:49 pm
शायद इस प्रकार की वाहियात फोटो डाल कर अपने अखबार की बिक्री बढ़ाना चाहते हो ! या कोई मंद बुद्धि ठरकी अखबार चला रहा है !
Narender Tomar
July 18, 2014 at 7:53 pm
अरमान कोहली मुर्ख तुम सिर्फ अपनी बात करे ! दुसरे क्या कर रहे उससे तेरा अपराध या ठरकी पन ख़तम नहीं हो जाता ! अगर तुम्हारे पास सही जवाब नहीं है तो कुतर्क मत दे !