कुछ लोग उनके अमर उजाला जाने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं तो कुछ लोग हिंदुस्तान के साथ नई पारी के बारे में कयास लगा रहे हैं. भड़ास4मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार विजय त्रिपाठी को स्टेट एडिटर या रेजीडेंट एडिटर के रूप में अमर उजाला की देहरादून यूनिट में भेजा जा सकता है और देहरादून में कार्यरत निशीथ जोशी का तबादला कहीं अन्यत्र किया जा सकता है. इस मुद्दे पर जब भड़ास4मीडिया ने विजय त्रिपाठी से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी टिप्पणी करने से फिलहाल इनकार कर दिया.
कानपुर के रहने वाले विजय त्रिपाठी अमर उजाला के साथ लंबी पारी खेल चुके हैं. वे अमर उजाला, कानपुर में जनरल डेस्क, प्रादेशिक डेस्क और सिटी डेस्क इंचार्ज रह चुके हैं. दैनिक भास्कर, चंडीगढ़ में कई वर्षों तक वरिष्ठ पद पर कार्यरत रहे हैं. वे स्वतंत्र भारत और राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़े रहे हैं. विजय त्रिपाठी के नेतृत्व में दैनिक जागरण, मेरठ में प्रोफेशनल वर्क कल्चर की शुरुआत हुई और अखबार के स्टाफ को उसी अनुरूप खुद को अपग्रेड करना पड़ा. विजय के अचानक इस्तीफा देने से दैनिक जागरण, मेरठ का प्रबंधन सकते में है. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि जागरण, मेरठ का नया संपादक कौन होगा.
Comments on “दैनिक जागरण, मेरठ के संपादक विजय त्रिपाठी का इस्तीफा”
विजय त्रिपाठी सर को भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
यशवंत जी
श्री विजय त्रिपाठी जी के जागरण से चले जाने के बारे में पढ़कर बेहद दुख हुआ। क्योंकि उन्होंने दैनिक जागरण को बहुत कुछ दिया और इनके रहते दैनिक जागरण के दलालों को काफी दिक्कतें हो रही थीं। अब बड़ी बात ये है कि दैनिक जागरण मेरठ में निरंकुशता बढ़ जाएगी। कारण साफ है कि राजवीर सिंह जैसे लोग फिर से सिर उठा लेंगे। अभी तक राजवीर सिंह यह मानकर टाइम काट रहे थे कि पांच-छह माह बाद रिटायर होना है, लेकिन अब वह सीना चौड़ा करके न्यूज रूम में घूम रहे हैं। वैसे दैनिक जागरण में काम करने वाले अनुभवी लोगों के लिए जगह नहीं है। यहां अच्छे और सच्चे लोगों को राजनीति का शिकार बना दिया जाता है। ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं। मेरी ओर से श्री विजय त्रिपाठी जी को बधाई और दैनिक जागरण मेरठ प्रबंधन को सुझाव कि अपनी ब्रांड इमेज बचाने के लिए आंखें खोलकर अच्छे और बुरे लोगों में फर्क महसूस करे। वर्ना वह दिन दूर नहीं जब दैनिक जागरण पूरे पश्चिम बेल्ट में बदनाम हो जाएगा।
एक पत्रकार
ViJay ji aapko hardik shubhkamnaye. my best wishes
बधाई हो सर, दैनिक जागरण मेरठ में वैसे भी अच्छे लोगों का क्या काम? यहां सुधार की जितनी संभावना थी वो आपने कर ही दिया। इससे ज्यादा संभव नहीं था।
श्री विजय त्रिपाठी जी, एक वीजन वाले संपादक हैं। मैंने मेरठ में डेस्क पर रहते हुए उनकी कुछ नया करने की इच्छा को कई बार महसूस किया, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे। अच्छे लोगों को बढ़ावा देने की इच्छा उन्होंने कई बार जाहिर की लेकिन प्रबंधन की सोच के साथ उनकी सोच मिस मैच रही। वे चाहते थे कुछ अच्छा करने वाले को प्रमोट किया जाये या प्रमोशन दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ऐसे लोगों को प्रमोशन मिल जा रहा था जो इसके काबिल नहीं थे। प्रमोशन की लिस्ट में नाम किसी का उन्होंने सुझाया और प्रमोट किसी और को कर दिया गया। इस परिस्थिति में कोई संपादक अपना बेस्ट कैसे दे सकता था? उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे खुद संपादन व पत्रकारिता की हर विघा से अच्छी प्रकार वाकिफ हैं, जबकि मेरठ जागरण में अब तक यह परंपरा रही है कि यहां ऐसे लोग संपादक नहीं रहे। विजय जी जहां भी जाएंगे अपनी छाप छोड़ेंगे, कुछ लोगों के दिल पर तो उन्होंने मेरठ में भी छाप छोड़ी है वे उन्हें नहीं भूल पाएंगे।
dhanyawad
sir, aapko hardik shubhkamnaye. my best wishes