जिस नोट के बदले वोट मामले में नचिकेता कपूर का नाम सामने आया है, वह कांग्रेसी सत्ता का एक बड़ा खिलाड़ी है और शान-ओ-शौकत का जीवन जीने का आदि है। इसके कई कांग्रेसी नेताओं से न सिर्फ जान पहचान है बल्कि बाकायदा उसके लिए दलाली भी करता रहा है। युवा कांग्रेस से अपनी राजनीति शुरू करने वाला नचिकेता अपने विदेश दौरा के दौरान कुकर्म करते हुए भी पकड़ा गया था। बाद में बदनामी की डर से इसे पार्टी से निकाल दिया गया।
दर्जनों देशों का दौरा करने वाला यह आदमी तब तक कांग्रेस में अपनी पहुंच इतना मजबूत कर लिया था कि कई नेता इसके इशारे पर नाचते रहे। इसके संबंध सतीश शर्मा से हो या नहीं मगर शर्मा के बेटे से इसकी खूब छनती थी। कांग्रेस की नेता रेनुका चौधरी और अर्चना डालमिया की सदा इस पर कृपा बनी रही। यह कांग्रेसी संपर्क ही था कि पहले वह पहले रेनुका चौधरी का निजी सचिव बना। रेनुका तब पर्यटन मंत्री थी। रेनुका का जब मंत्रालय बदला और महिला और बाल विकास मंत्रालय मिला तो नचिकेता को ओएसडी बनाया गया। यहां नचिकेता के फर्जीवाड़े का पोल खुल गया और उसे उस पद से हटा दिया गया। नचिकेता पद से तो हट गया लेकिन वह रेनुका का चहेता बना रहा।
आपको बता दें कि नचिकेता को ओएसडी के पद से हटाने वाली कमेटी ने साफ साफ कह दिया था कि इस आदमी को भविष्य में किसी भी सरकारी पद पर नहीं रखा जा सकता। इसके बाद भी इस आदमी को रेनुका चौधरी, अर्चना डालमिया और सतीश शर्मा के बेटे का शह मिलता रहा। इन्हीं नेताओं के तिकड़म की वजह से नचिकेता सुरेश कलमाड़ी के पास पहुंचा और आयोजन समिति में डीजी प्रोटोकाल की कुर्सी पर बैठ गया। नचिकेता के इस पद पर बैठते ही इंडियन मुस्लिम फ्रंट ने
आपको बता दें कि नचिकेता की यही चोरी मंत्रालय ने पकड़ लिया था और उसे मंत्रालय से हटा दिया था। नचिकेता के नजदीकी लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक यह न सिर्फ कांग्रेस के लिए दलाली करता रहा है बल्कि कई दूसरे राज्यों में भी इसके दलाली के तार जुडे हुए हैं। नचिकेता सतीश शर्मा का सबसे अरीबी आदमी है या नहीं, लेकिन यह उनके बेटे का सबसे करीबी और अजीज दोस्त है। कहते है कि इसी सतीश शर्मा के बेटे के साथ नचिकेता ने कांग्रेस के तमाम नेताओं के पास अपनी पहुंच बनाई।
रेनुका चौधरी के अलावा इसे आगे बढ़ाने में अर्चना डालमिया समेत दो अन्य महिला मित्रों का भरपूर सहयोग मिला है। यही वह आदमी है जो कामनवेल्थ खेल के दौरान बैटेन रिले के दौरान इंग्लैंड गया था और कई तरह के घपलों को अंजाम दिया था। आपको बताते चले कि मीडिया को मैनेज करने को जिम्मा भी इसी आदमी को दिया गया था। अपनी कमजोरी छुपाने के लिए इसने मीडिया की काफी तामीरदारी भी की थी। मीडिया को किट बांटने की योजना भी इसी नचिकेता ने कलमाड़ी को सुझाया था।
आरटीआई के जरिए नचिकेता का जो जीवनवृत्त मिला है, उसके मुताबिक नचिकेता की जन्म तिथि 17 अगस्त 1972 और पता 10बी श्री गंगा राम अस्पताल रोड, नई दिल्ली है। नचिकेता का मोबाइल नंम्बर 9811314141है। बायोडाटा के मुताबिक नचिकेता दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक प्रतिष्ठा 1994 में कर रखा है। नचिकेता की 12वीं की पढ़ाई डीपीएस, नई दिल्ली की है। नचिकेता का प्रोफाइल देख कर ऐसा लगता है कि देश के पढे़-लिखे युवक इसके सामने बौने हैं।
नचिकेता वर्ल्ड फेडरेशन आफ डेमोक्रेटिक यूथ का सदसय रहा है। यह इंडो वियतनाम फ्रेंडशिप एसोसिएशन का महासचिव रह चुका है। इसके अलावा क्यूबा, अल्जीरिया और वेनेजुएला गए सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी कर चुका है। इसके अलावा नचिकेता उज्बेकिस्तान में हुए चुनाव का अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक भी रह चुका है। नचिकेता इसके अलावा कई देशों की यात्रा भी कर चुका है।
बताते हैं कि राजनीतिक पहुंच और दलाली के दम पर इसने न सिर्फ करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है बल्कि दर्जनों नेता इसके आगे पीछे घूमते रहे हैं। नचिकेता अपने प्रोफाइल में लिखते हैं कि उसे मानवीय चेहरा और चरित्र को पढ़ने में महारत हासिल है। यही वह गुण है कि नचिकेता जीवन के हर क्षेत्र के लोगों से संबंध बनाने में सफल हुए। यही वजह है कि रेनुका चौधरी से अलग होने के बाद नचिकेता अपने परिचय के बल पर सुरेश कलमाड़ी तक पहुंचने में सफल हुए। इन्हें कलमाडी तक पहुंचाने में कई कांग्रेसी नेताओं का सहयोग मिला। कामनवेल्थ घोटाले में जितने धन का गबन किया गया है या जितना धन लूटा गया है, उसकी एक कड़ी नचिकेता कपूर भी हो सकते हैं। जांच एजेंसियों को इस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है। समाप्त
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वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश अखिल बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के निवासी हैं. पटना-दिल्ली समेत कई जगहों पर कई मीडिया हाउसों के साथ कार्यरत रहे. इन दिनों जैन टीवी से जुड़े हुए हैं. मिशनरी पत्रकारिता के पक्षधर अखिलेश अखिल से संपर्क mukheeya@gmail.com के जरिए किया जा सकता है.
Comments on “नचिकेता कपूर और उनके कारनामे (दो)”
excellent, well done……………good job
good example of investigative journalism
god bless u sir
read current weekly which says that nachiketa is hardly graduate at a time how can a man like him can avail bachlor digree from two universitiues DU and IGNOu.the paper claims that he is not matriculate and he was national security attached to PMO.
Read Current weekly which claims that Nachi is not passed Matriculation exam.Nachi claims he is graduate from DU and IGnou t the same session.The story says how he become member national security attached to PMO