Connect with us

Hi, what are you looking for?

हलचल

निशंक की मुसीबत बढ़ी, महाकुंभ घोटाले पर कोर्ट में खींचे गए

: 11 मई को होगी सुनवाई : उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की परेशानी और बढ़ गई है. जिस महाकुंभ के नाम पर निशंक नोबेल पुरस्‍कार की मंशा पाल रखे थे, उसी महाकुंभी घोटाले में उनके पैर फंस गए हैं. कैग रिपोर्ट को आधार बनाते हुए एक याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. जिसे कोर्ट ने स्‍वीकार कर लिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई को तय की गई है. इस बार निशंक का इस मुसीबत से निकलना आसान नहीं दिख रहा है.

: 11 मई को होगी सुनवाई : उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की परेशानी और बढ़ गई है. जिस महाकुंभ के नाम पर निशंक नोबेल पुरस्‍कार की मंशा पाल रखे थे, उसी महाकुंभी घोटाले में उनके पैर फंस गए हैं. कैग रिपोर्ट को आधार बनाते हुए एक याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. जिसे कोर्ट ने स्‍वीकार कर लिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई को तय की गई है. इस बार निशंक का इस मुसीबत से निकलना आसान नहीं दिख रहा है.

भ्रष्‍टाचार के कई आरोपों से चमत्‍कारिक ढंग से बचते चले आ रहे निशंक इस बार मुश्किल में दिख रहे हैं. रमेश पोखरियाल निशंक के सिर महाकुंभ घोटाले का आरोप लग गया है. यह आरोप कैग की रिपोर्ट आने के बाद लगा है.  उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव करीब हैं, ऐसे में महांकुभ मेले के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के मद्देनज़र सत्तारुढ़ बीजेपी सरकार के लिये भी एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है.इस मामले में एक आपराधिक शिकायत के तहत केंद्र सरकार के मिले 565 करोड़ के मेला अनुदान राशि में गड़बड़ी का आरोप है.

यह काला सच सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया था. कैग ने अपने रिपोर्ट में बताया था कि 180.07 करोड़ रुपये की 54 मेला परियोजनाओं के काम मेला खत्म होने के करीब एक साल बार भी अधूरे पड़े हैं. सीएजी के इसी रिर्पोट को आधार बनाकर अब आईपीसी की धारा 409 और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत निशंक के खिलाफ ही कोर्ट केस दर्ज किया गया था. इसके पहले भी निशंक पर हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्‍ट, स्‍टर्डिया घोटाल, काशीपुर गैस एनर्जी घोटाले के भी आरोप लग चुके हैं.

कैग के रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कुंभ के नाम पर निशंक सरकार और उनके चहेतों ने करोड़ों रुपये अनाश-शनाप खर्च किए. कैग रिपोर्ट को आधार बनाकर निशंक, कुंभ मंत्री मदन कौशिक और आईएएस अधिकारी आनंद बर्द्धन के खिलाफ जेडी जैन ने कोर्ट में केस फाइल किया है. कुंभ मेले के आयोजन के लिए 2007-08 से 2009-10 के मध्य 590.01 करोड़ की लागत के 311 कार्य अनुमोदित किए गए थे.  जिसमें से 527.09 करोड़ लागत के 273 कार्य दिसम्बर 2009 तक स्वीकृत किए गए थे, लेकिन दिसम्‍बर माह की आखिरी तिथि तक मात्र 82 कार्य ही पूर्ण हो पाए थे. जबकि 54 निर्माण कार्य मेला खतम होने के बाद भी अधूरे पड़े हुए थे, जिसकी लागत 180 करोड़ रुपये थी.

इसमें करोड़ों रुपये बिना सरकार की मंजूरी के मौखिक आदेश पर खर्च कर दिए गए थे. कई मामलों में निशंक सरकार ने ठेकेदारों को नियम के विपरीत अग्रिम भुगतान कर दिया था. इसके अतिरिक्‍त पार्किंग ठेका, अस्‍थाई दुकानों में भी धांधली की गई. इन सब मामलों की खबर भी भड़ास ने कैग ने बनाई रेल, निशंक जा सकते हैं जेल के शीर्षक से छापी थी. जिसमें निशंक सरकार द्वारा महाकुंभ के नाम पर किए गए घपलों घोटालों की परत दर परत खोली गई थी.

कैग की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए देहरादून निवासी उमेश कुमार ने निशंक सरकार के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. उन्‍होंने राज्‍य सरकार के 19 विभागों को इसमें प्रतिवादी बनाया है. याचिका में उमेश कुमार ने आरोप लगाया है कि निशंक सरकार की बदनीयती और भ्रष्‍टाचार के कारण यहां आए लाखों श्रद्धालु सीवर के पानी से नहाने को मजबूर किया. कोर्ट ने याचिका को संज्ञान में लेते हुए इस मामले की सुनवाई 11 मई को निर्धारित की है. इस आशय की खबर देहरादून के कई अखबारों में भी छपी है.

अब देखना हो‍गा कि हर बार किस न किसी तरह घोटालों की काली कोठरी से बच निकलने वाले सीएम निशंक इस बार कैसे बचते हैं. क्‍योंकि महाकुंभ में गड़बड़ी और घोटाले की रिपोर्ट किसी विपक्षी दल,  मीडिया या विरोधियों ने नहीं दिया है. बल्कि यह रिपोर्ट कैग ने दिया है. निशंक इस बार ज्‍यादा मुश्किल में घिरे दिख रहे हैं. इस बार उनका बच निकलना भी आसान नहीं दिख रहा है.

Click to comment

0 Comments

  1. vikram

    May 7, 2011 at 12:47 pm

    महाकुम्भ की सफलता तो दुनिया के सामने है

    कुम्भ २०१२ की सफलता किसी से छिपी नहीं है निशंक की मुसीबत बढ़ी, महाकुंभ घोटाले में खीचे गए इन पंक्तियों के माननीय लेखक की जानकारी के लिए मै बताना चाहता हू कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा उस याचिका को ही खारिज कर दिया है जिसकी आप बात कर रहे है एक लेखक कि बजाय मनगढंत तथा लिखकर किसी पार्टी विशेस की परोकारी आप द्वारा की गयी है विपक्षी दल का पर्वक्ता बनने की बजाये आप सही तथ्य सामने रखते तो पाठको के साथ न्याय होता सफ़ेद झूठ को सच का लुक देने की बाजीगरी कोई आप से सीखे
    इस सदी के इस विराट पर्व महाकुंभ मे स्थाई रूप से ८० % आवस्थापनाओ का निर्माण हुआ हरिद्वार जाकर आज भी आप देख सकते है इतना बड़ा महाकुंभ निर्विघन एवं शांति पूर्वक संपन्न हुआ १४० देशो के ८ करोड से अधिक श्रर्दोलुओ ने गंगा स्नान का पुण्य अर्जित किया दुनिया के इस महान आयोजन को नोबेल भी मिल जाता तो वह भी कम था
    महाकुंभ के कथित घोटालो के खिलाफ याचिकाकर्ता जिस उमेश कुमार का आप जिकर कर रहे है वह कई संज्ञेय अपराधो मे वांछित है और आपराधिक पृष्ठभूमि से तालुक रखता है उनके खिलाफ कई वाद मा० न्यायालय मे आज भी लंबित है महाकुंभ के महान आयोजन को आप जेसे लेखको की प्रसस्ति की कोई आवश्यकता नहीं है महाकुंभ तो पूरी दुनिया ने देखा है आप महाकुंभ की सफलता से खीझ कर क्यू अपना खून सुखा रहे है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

Uncategorized

मीडिया से जुड़ी सूचनाओं, खबरों, विश्लेषण, बहस के लिए मीडिया जगत में सबसे विश्वसनीय और चर्चित नाम है भड़ास4मीडिया. कम अवधि में इस पोर्टल...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement