नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मंगलवार की रात को प्रसार भारती के सीईओ बीएस लाली को निलंबित करने का आदेश दे दिया। लाली प्रसार भारती में वित्तीय अनियमितता के कई आरोपों से घिरे थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सलाह पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने लाली के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सालाना शीतकालीन छुट्टियां मनाने के लिए हैदराबाद रवाना होने से पूर्व राष्ट्रपति पाटिल ने लाली के निलंबन आदेश पर दस्तखत कर दिया। लाली को निलंबित करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पीएमओ को पत्र लिखा था। जिसे पीएमओ ने राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया था। मंगलवार रात को राष्ट्रपति ने उस पर अपनी मुहर लगा दी।
1971 बैच के उत्तर प्रदेश के कैडर के आईएएस ऑफिसर लाली पर अन्य गड़बड़ियों के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों के प्रसारण का ठेका ब्रिटिश कंपनी एसआईएस लाइव को देने संबंधी विवादित निर्णय लेने का मामला भी शामिल था। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लाली के निलंबन की प्रक्रिया उस समय शुरू की, जब राष्ट्रपति पाटिल ने प्रसार भारती के सीईओ के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। लाली ने 2006 में प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पद संभाला था। उनके खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग भी प्रतिकूल टिप्पणी कर चुका है। आयोग ने यह टिप्पणी कई प्रसारण कंपनियों का बेजा पक्ष लेने और आर्थिक अनियमितता को लेकर की थी।
लाली ने कहा
अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीएस लाली ने कहा कि प्रसार भारती के भीतर उनके खिलाफ ढेर सारी साजिश और शरारत चल रही है। जिसे बाहर के कुछ प्रभावशाली लोगों की शह पर चलाया जा रहा है। हालांकि उन्हें भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट की जांच में वह बेदाग होकर उभरेंगे। साभार : जागरण