: गाली-ग्लौज के मामले में रिट दायर : लखनऊ के वकील अशोक पाण्डेय द्वारा कई हिंदी फिल्मों के खिलाफ गाली-गलौच का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई करने के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक रिट दायर किया है.
इस रिट याचिका में अशोक पाण्डेय ने चार फिल्मों बैंडिट क्वीन, ओंकारा, गंगाजल तथा पीपली लाइव को अकारण गाली गलौज का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए उन पर सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धारा 5 (बी) का उल्लंघन करने की बात कही है. धारा 5 (बी) में डीसेंसी, पब्लिक मोरालिटी, राष्ट्रीय हित, देश की सार्वभौमिकता, राष्ट्र की सुरक्षा तथा संरक्षा आदि विषयों के आधार पर किसी भी फिल्म के प्रसारण को रोके जाने की बात कही गयी है.
इसके साथ ही उन्होंने सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष शर्मिला टैगोर को भी इसमें एक पक्ष बनाया है. इस रिट में सुनवाई करते हुए जस्टिस उमानाथ सिंह तथा जस्टिस वी के दीक्षित की खंडपीठ ने इन सभी फिल्मों के निर्देशकों तथा प्रोड्यूसरों को मुंबई पुलिस कमिश्नर के माध्यम से नोटिस जारी किया है और तीन सप्ताह के अंदर अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा है.
इस बारे में सुनवाई की अगली तारीख 23 नवम्बर को होगी. याचिकाकर्ता अशोक पाण्डेय का कहना है कि इन फिल्मों में जिस प्रकार से अश्लील भाषा का प्रयोग किया गया है वह सीधे तौर पर सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धारा 5 (बी) का उल्लंघन है. उनका यह भी कहना है कि शर्मीला टैगोर ने अपने पुत्र सैफ अली खान के लिए पक्षपात करते हुए ओंकारा फिल्म में इतनी गन्दी और भद्दी गालियों के होते हुए भी उस फिल्म को सभी नियमों को किनारे रखते हुए पास कर दिया था.
Comments on “बैंडिट क्वीन, ओंकारा, गंगाजल और पीपली लाइव के निर्देशकों को नोटिस”
dair se jage per durust jage.
अशोक पाण्डेय साहब kr अखबार में नाम छपवाने की ललक सही है… पर तरकीब बचकानी है…do something creative.
ab kya hoga.film vlao na to passa bator liya.