भोगवादी जीवन से उबे आदमी की आवारगी (भाग चार)

Spread the love

मैकेंडलेस का कैमरा जब काम करने लायक नहीं रहा तो तस्वीर खींचने का काम तो बंद हुआ ही, उसने अपनी डायरी लिखनी भी बंद कर दी। फिर अलास्का पहुंचने पर ही उसने फिर से लिखना शुरू किया। इसलिए मई 1992 में लास वेगास छोड़ने के बाद वह कहां-कहां गया, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

 

जेन को लिखे गए उसकी चिट्ठी से पता चलता है कि जुलाई और अगस्त में उसने ऑरेगान के समुद्री किनारे की तरफ, संभवतः एस्टोरिया के क्षेत्र में डेरा डाला था, जिसके बारे में उसने शिकायत भरे लहजे में लिखा था कि वहां का कुहरा और बारिश कभी-कभी उसके लिए असहनीय हो जाता था। सितम्बर में कैलिफोर्निया के यूएस हाइवे 101 की तरफ आवारगी करने के बाद क्रिस फिर रेगिस्तान की ओर मुड़ गया। और, अक्टूबर के शुरुआत में वह एरिजोना के बुलहेड सिटी पहुंच चुका था। सड़कों  के किनारे बने मकानों की कतारों और कई हिस्सों में बंटे बेतरतीब बस्तियों वाला बुलहेड सिटी कोलोराडो नदी के आठ से नौ मील के दायरे में बसा था। बुलहेड सिटी की सबसे खास बात थी यहां का फोर लेन मोहेव वेली हाइवे, जिसपर गैस स्टेशन, फास्ट फूड की दुकानें, वीडियो शॉप, ऑटो पार्ट की दुकानें और टूरिस्टों को आकर्षित करने वाली चीजों का बाजार था। जिस शहर में अमेरिकियों को फंसाने के लिए बुर्जुआ चीजों का जाल बिछा हुआ हो उस बुलहेड सिटी में ऐसा कुछ नहीं दिखता था जो थोरो और टॉल्सटॉय के विचारों को माननेवाले मैकेंडलेस को आकर्षित करे। लेकिन, उसको बुलहेड से गहरा लगाव था। हो सकता है कि यह लगाव उन फुटपाथजीवियों से प्रेम के कारण था, जो यहां की सामुदायिक पार्क से कैम्पग्राउंड तक भरे पड़े थे या फिर उसे इस शहर को घेरने वाली रेगिस्तानी लैंडस्केप से प्यार हो गया था। कारण जो भी हो, मैकेंडलेस जब एक बार इस शहर में आया तो फिर दो महीने तक यहीं का होकर रह गया। जबसे उसने अटलांटा छोड़ा था और जब तक वह अलास्का नहीं पहुंचा था, इस बीच में संभवतः बुलहेड सिटी में सबसे ज्यादा दिन रुका था।

अक्टूबर में मैकेंडलेस ने वेस्टरबर्ग को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उसने बुलहेड के बारे में लिखाः “जाड़ा बिताने के लिए यह सबसे बेहतरीन जगह है और संभवतः मैं अपनी आवारगी छोड़कर कुछ बेहतर करने के लिए यहीं बस जाऊंगा। देखता हूं कि बसंत आने पर क्या होता है क्योंकि मेरे पांव उस मौसम में ही आवारगी करने के लिए बेचैन होते हैं।“ जब वह ये सब बातें लिख रहा था तब फुल टाईम जॉब कर रहा था, मैकडोनाल्ड के स्टोर में। कुछ कमाने के लिए वह बेमन से अब सांसारिक जीवन जी रहा था, यहां तक कि उसने वहां के लोकल बैंक में एकाउंट भी खुलवाया था। मैकडोनाल्ड में नौकरी के लिए आवेदन करते समय उसने अपना असली नाम क्रिस मैकेंडलेस लिखा था और अपना असली सोशल सिक्युरिटी नंबर दिया था। उसके मां-बाप को उसके बारे में आसानी से पता लग सकता था लेकिन उनके प्राईवेट इन्वेस्टीगेटर पीटर को ये बात कभी नहीं मालूम हो सकी।

दो साल  बाद उसी मैकडोनाल्ड के कर्मचारियों से क्रिस मैकेंडलेस के बारे में पूछने पर वे उसके बारे में कुछ ज्यादा याद नहीं कर पाये। असिस्टेंट मैनेजर जार्ज ड्रेसजन ने याद करते हुए कहा, “एक चीज मुझे उसके मोजे के बारे में याद आ रहा है। वह हमेंशा बिना किसी मोजे के जूते पहनता था। लेकिन हमारे मैकडोनाल्ड में कर्मचारियों को जूते और मौजे पहनना अनिवार्य है इसलिए क्रिस को भी पहनना पड़ता था। जैसे ही शिफ्ट खत्म होता था तो सबसे पहले वह अपने मोजे उतारकर फेंक देता था। वह एक अच्छा और मेहनती लड़का था। विश्वास करने लायक।”

दूसरी असिस्टेंट मैनेजर लोरी जार्जा उसके बारे में कुछ दूसरा ख्याल रखती थी। “मुझे आश्चर्य लग रहा था कि उसे यहां कैसे रख लिया गया। वह सबकुछ करता था लेकिन बहुत धीमी गति से। जब ग्राहकों की लंच टाईम में भीड़ लगी रहती थी तब भी वह उसी धीमी रफ्तार से काम करता था। उससे कितना भी कहो, लेकिन उसपर कोई असर नहीं पड़ता था। काउंटर पर कस्टमरों की लाईन लग जाती थी और मैं उसे क्यूं जल्दी करने कह रही हूं, उसे समझ में ही नहीं आता था। ऐसा लगता था जैसे अपनी दुनिया में गुम रहता था। लेकिन उसपे भरोसा किया जा सकता था और वह रोज काम पर आता था, इसलिए कभी उसे यहां से निकाला नहीं गया। उसे पैसे भी कम दिए जाते थे। उससे काम करवाना काफी कठिन था। काम के बाद मैंने उसे कभी नहीं देखा कि वह किसी से बात करता हो या और कुछ करता हो। वह हमेशा पेड़ और प्रकृति की बातें करता था जिससे हमें लगता था कि उसका कुछ स्क्रू ढीला हो गया था। जब उसने मैकडोनाल्ड छोड़ा तो शायद मेरी वजह से। जब उसने काम शुरू किया था तो उसके पास रहने के लिए घर नहीं था। जब काम पर आता था तो उसके बदन से बदबू आती थी। मुझे कहा गया कि मैं उसे नहाने के लिए कहूं। मैंने जब उसे नहाने के लिए कहा तब से ही हम दोनों के रिश्ते बिगड़ गए। अन्य कर्मचारी भी उसे मजाक बनाते हुए उसे साबुन का ऑफर करने लगे। इन बातों से वह गुस्सा होता था लेकिन कभी दिखाता नहीं था। तीन सप्ताह बाद वह चुपचाप यहां से चला गया।”

मैकेंडलेस ने यह सबसे छिपाया था कि उसके पास कुछ खास सामान नहीं था। उसने सबसे कहा था कि वह लौघलिन नदी के आसपास कहीं रहता था। जब किसी ने उसे घर तक छोड़ना चाहा तो वह बहाना बनाकर विनम्रता से मना कर देता था। वास्तव में वह शहर के छोड़ पर रेगिस्तान में कैंप डाले हुए था। उसके बाद उसने एक मोबाईल होम में रहना शुरू कर दिया। मोबाईल होम में उसे शरण कैसे मिली, इस बारे में उसने जेन को एक चिट्ठी में लिखा।

“एक सुबह मैं जब शेविंग कर रहा था तब एक बूढा मेरे पास आया। मुझसे पूछा कि क्या मैं बाहर सोता हूं, मैंने हां कहा। उसने कहा कि वह एक पुराने ट्रेलर में सोता है। अगर मैं चाहूं तो वहीं बगल के एक दूसरे ट्रेलर में सो सकता हूं लेकिन एक समस्या है कि वह ट्रेलर किसी और का है। इसलिए उसने मुझे हमेशा मालिक की नजर से बचने की बात कही। मुझे उसका प्रस्ताव अच्छा लगा। ट्रेलर अंदर से बेहतर दिख रहा था। साफ सुथरा होने के साथ इसमें पर्याप्त जगह है और कुछ बिजली के स़ॉकेट भी काम करते हैं। इसमें एक ही खराबी है और वह है यह बूढ़ा जो मुझे पागल लगता है और इसके साथ रहना कभी-कभी काफी कठिन हो जाता है।“

वह बूढा चार्ली अभी भी वहीं रहता था। उसी छोटे पुराने से जंग खा रहे ट्रेलर में। उससे जुड़ा हुआ वह बड़ा सा ट्रेलर था जिसमें मैकेंडलेस सोता था। पश्चिम में दूर तक नंगे पहाड़ दिख रहे थे। एक फोर्ड टोरिनो वहीं गंदे यार्ड में पड़ा था जिसके ईंजन से कोई पौधा निकलता दिख रहा था। बगल की झाड़ी से पेशाब का दुर्गंध यहां तक फैला था। अपनी याद्दाश्त को टटोलते हुए चार्ली चिल्ला उठा, “क्रिस, क्रिस, अच्छा वो, हां, हां, याद आ गया वो।“ चार्ली, स्वीटशर्ट और खाकी पैंट में शरीर से कमजोर और नर्वस लग रहा था। उसने याद करते हुए कहा कि मैकेंडलेस वहां एक महीने तक रुका था।

“बहुत अच्छा था वो, बहुत बेहतर इंसान”, चार्ली बोला। “अपने आसपास ज्यादा लोगों को पसंद नहीं करता था। अच्छा था, लेकिन मुझे लगता था कि उसके अंदर बहुत सारी मानसिक उलझनें थी। वह हमेंशा अलास्का के जैक लंडन को पढ़ता रहता था। ज्यादा नहीं बोलता था। मूडी था। किसी बात की परवाह नहीं थी उसे। बच्चों की तरह कुछ न कुछ खोजता रहता था। मैं भी कभी वैसा ही था लेकिन जल्द ही मुझे समझ में आ गया कि मैं क्या खोज रहा हूः पैसा! हा हा! वह हमेंशा अलास्का जाने की बातें किया करता था। शायद उसके लिए, जिसे वह खोज रहा था। जब वह यहां से गया तो वह क्रिसमस के आसपास का समय था। उसने मुझे 50 बक और सिगरेट का पैकेट दिया।”

नवंबर के आखिर में मैकेंडलेस ने जेन को कैलिफोर्निया के इंपेरियल वैली के एक छोटे से शहर निलांद के पते पर पोस्टकार्ड लिखा। “बहुत दिनों के बाद उसने हमें ये पोस्टकार्ड लिखा था जिसपर मैकेंडलेस ने अपना पता भी लिखा था। इसलिए हमने तुरंत उसे जबाब दिया कि हम उससे मिलने अगले सप्ताह बुलहेड आ रहे हैं, जो निलांद से नजदीक ही था।“ जेन ने याद करते हुए कहा।

जेन की चिट्ठी पाकर मैकेंडलेस बहुत रोमांचित हुआ। “ मैं तुम दोनों को जिंदा और सुखी पाकर बेहद खुश हूं। इतने खूबसूरत क्रिसमस कार्ड का शुक्रिया। यह मेरे लिए बहुत सुखद है। मैं यह सुनकर रोमांचित हो रहा हूं कि कि तुमलोग मुझसे मिलने आ रहे हो। हमेंशा तुम्हारा स्वागत है। डेढ साल बाद तुमलोगों से मिलने का मौका फिर से मिलेगा“ 9 दिसम्बर 1991 को चिट्ठी में उसने लिखा। उसने चिट्ठी में बुलहेड सिटी के उस ट्रेलर तक पहुंचने का नक्शा खींच दिया। चार दिन बाद, चिट्ठी मिलते ही जेन और बॉब ने उससे मिलने की तैयारी करनी शुरू कर दी। दोनों उसे खोजते हुए ट्रेलर तक पहुंच गए और गाड़ी के पीछे एलेक्स के बैग को उनलोगों ने पहचान लिया। जेन ने बताया, “ हमारे साथ हमारा कुतिया सुन्नी भी गयी था जिसने हमसे पहले ही एलेक्स को सूंघ लिया। मुझे आश्चर्य हुआ कि उसे अभी तक एलेक्स याद था। उसे देखते ही वह पागल सी हो गई।”

मैकेंडलेस ने जेन से कहा कि वह बुलहेड शहर से उब चुका है और अपने साथ काम करने वाले नकली इंसानों से भी उब चुका है इसलिए इस शहर को वह जल्दी छोड़ देगा। जेन और बॉब  निलांद से तीन मील दूर ऐसी जगह रहते थे जिसे लोग स्लैब कहते थे। स्लैब पहले एक नौसेनिक एअर बेस था जिसे वहां से हटाया जा चुका था और अब वहां पर कंक्रीट का मकान रेगिस्तान में चारों तरफ बिखरा था। नवंबर की सर्दियों में देश भर से पांच हजार से ज्यादा कई तरह के आवारे आकर यहां की धूप में डेरा जमाते थे। निलांद स्लैब उनलोगों के लिए मौसमी राजधानी की तरह था, जो समाज में उपेक्षित, उबे हुए, बेरोजगार और जलावतन थे। हर उम्र के लोग यहां आते थे। जब मैकेंडलेस यहां आया तो वहां रेगिस्तान में एक बड़ा बाजार लगा था। एक जगह जेन कुछ फोल्डिंग टेबल्स और सेकेंड हैंड सामान लेकर बैठी थी। मैकेंडलेस भी उसके सेकेंड हैंड किताबों के ढेर का दुकानदार बनकर बैठ गया। जेन उस पल को याद करते हुए बोली,” उसने मेरी बहुत सहायता की। जब मैं कहीं जाती थी तो वह टेबल के पास बैठता था। उसने किताबों को कैटेगराईज किया और बहुत सारी किताबें बेची। एलेक्स को क्लासिक का बहुत ज्यादा ज्ञान था। जैक लंडन की किताबों से उसे खास लगाव था। जो भी दुकान पर आता उससे वो कहता कि जैक लंडन की किताब ‘कॉल ऑफ दी वाईल्ड’ जरूर पढना चाहिए।”

मैकेंडलेस बचपन से ही जैक लंडन की किताबों से प्यार करता था। उसके पूंजीवादी समाज की भर्त्सना के साथ, आदिम जीवन के सौंदर्यबोध ने मैकेंडलेस के अंदर जुनून भर दिया था। जैक लंडन के अलास्का के वर्णन से मोहित मैकेंडलेस उसके किताबों को बार-बार पढ़ता था। वह भूल चुका था कि ये सब साहित्य में रची गई कल्पना है, जिसका संबंध जैक लंडन की रुमानी फैंटेसी से ज्यादा है, जबकि आर्कटिक क्षेत्र के जीवन की हकीकत कुछ और है। मैकेंडलेस ने इस तथ्य को भी नजरअंदाज कर दिया था कि जैक ने सिर्फ एक जाड़ा, अलास्का में बिताया था। जैंक लंडन शराबी था और उसकी खुद की जिंदगी की हकीकत उसके किताबों में लिखी आदर्शों से कोसों दूर थी।

निलांद स्लैब में एक सत्रह बरस की लड़की भी रहने आयी थी जिसका नाम ट्रेसी था। वह मैकेंडलेस से प्यार करने लगी थी। जेन उस वाकये को याद करते हुए बोली, ”वह बहुत सुंदर और अच्छी थी और उसके मां-बाप की गाड़ी हमसे चार गाड़ी बाद लगी थी। बेचारी ट्रेसी ने एलेक्स के साथ निराश कर देने वाला इश्क करना शुरू किय़ा। हमेंशा वह एलेक्स को एकटक देखती रहती। मुझे वो कहती रहती एलेक्स को वो उसके साथ घूमने जाने को कहे। एलेक्स उसके साथ अच्छे से पेश आता था। लेकिन उसे छोटी बच्ची समझता था। ट्रेसी अपना टूटा दिल लेकर रह गई। हलांकि एलेक्स ने ट्रेसी के प्यार पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन ऐसा नहीं था कि वह तन्हा रहता था। वह अपने आसपास के लोगों से खूब बातें करता था लगभग सात दर्जन लोगों को उसने दोस्त बनाया था। वह तन्हाई चाहता था लेकिन उसकी प्रवृति साधुओं जैसी नहीं थी। वह सबसे मिलता-जुलता था।

”जेन ने कहा कि मैकेंडलेस उसके साथ हमेशा हंसता-खेलता रहता था। “उसे मुझे परेशान करने में मजा आता था। जब मैं कपड़ा सूखने के लिए रस्सी पर टांगने जाती थी तो मेरे कपड़ों में वह पेपर पिन लगा देता था। वह बच्चे की तरह मुझसे खेलता रहता था। वह मेरे पिल्लों को लांड्री बास्केट में रख देता था और पिल्ले चिल्लाते-चिल्लाते उस बास्केट से उछलकर निकलने की कोशिश करते थे। मैं जब परेशान होकर मैकेंडलेस पर चिल्लाती थी तब जाकर वह रूकता था। उसके बाद पिल्ले उसके आसपास मंडराते थे और उसे खोजते रहते थे। एलेक्स जानवरों से भी घुल-मिल जाता था।”

एक दिन मैकेंडलेस किताब की दुकान पर बैठा था कि कोई जेन को एक गिटार दे गया, बेच देने के लिए। “एलेक्स उसे उठाकर बजाते हुए गाने लगा और उसे सुनने के लिए भीड़ जुट गई। उसकी आवाज बहुत सुंदर थी। तब तक मैं ये बात नहीं जानती थी“, जेन ने कहा।

मैकेंडलेस हमेंशा सबसे अलास्का जाने की बात किया करता था। वह रोज सुबह कसरत किया करता था। बॉब से हमेंशा देहातों में जिंदा रहने के तौर-तरीके पर लम्बी-चौड़ी बातें किया करता था। जेन बोली,”मैं सोचती थी कि एलेक्स का दिमाग खराब हो गया था, जब वह अलास्का की बर्फीली वादियों में जाकर कुछ दिन बिताने की बात करता था। एलेक्स ने अपने मां-बाप के बारे में कभी नहीं बताया। मैं पूछती थी कि तुम जो कर रहे हो, उसके बारे में तुम्हारे मां-बाप या परिवार में और किसी को मालूम है कि नहीं। वह जबाव नहीं देता था। वह मुझपे गुस्सा हो जाता था और कहता था कि मैं उसकी मां बनने की कोशिश ना करूं। बॉब उधर से कहता कि एलेक्स को अकेला छोड़ दो। वह आदमी हो चुका है, अब बच्चा नहीं रहा। लेकिन मैं उससे पूछती रहती थी और वह बातचीत का विषय बदलने की कोशिशें करता रहता था। मैं चाहती थी कि उसका कोई देखभाल करने वाला हो, अभी तो मैं उसकी देखभाल कर रही थी।“

“मैकेंडलेस एक बार टेलीविजन पर फुटबाल मैच देख रहा था और मैंने देखा कि वह अमेरिकन आदिवासी खिलाड़ियों का पक्ष ले रहा है। मैंने उससे पूछा कि “क्या तुम ईसा के जन्म से भी पहले का आदमी हो?” तो उसने कहा कि “हां, मैं हूं“। और यही आदिमता उसके मनस में बसी रहती थी।“

एक दिन  मैकेंडलेस ने कहा कि अब उसके जाने का वक्त आ चुका है। उसने कहा कि वह निलांद से पचास मील पश्चिम, साल्टन सिटी जाएगा। मैकडोनाल्ड वालों से उसे पेमेंट भी लेना था। जेन ने उसे वहां तक गाड़ी से छोड़ देने की बात कही जिसे मैकेंडलेस ने स्वीकार किया लेकिन जब जेन ने उसे कुछ पैसे देने की कोशिश की तो वह गुस्सा हो गया। जेन ने उससे कहा था,”इस दुनिया में जीने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है।“ लेकिन उसने जेन की एक न सुनी। जेन ने उससे कहा,” तो फिर ये चाकू रख लो। इसे तुम आसानी से अलास्का ले जा सकते हो और जब कभी पैसे की जरूरत पड़े तो उसे बेच कर कुछ पैसा पा सकता हो।“

बहुत बहस करने के बाद जेन, मैकेंडलेस को कुछ सामान स्वीकार करवाने में सफल रही जिसमें कुछ लम्बे अंडरवियर और गर्म कपड़े थे, जिसके बारे में जेन का सोचना था कि उसे अलास्का के सर्दी में इन सब चीजों की जरूरत पड़ सकती थी। “उसने मुझे खुश करने के लिए ये सब स्वीकार कर लिया था लेकिन जब वह चला गया तो हमने इन सब कपड़ों को अपने गाड़ी में पड़ा पाया। एलेक्स बहुत अच्छा था, लेकिन कभी-कभी मुझे पागल सा कर देता था।“

जेन कह रही थी, “मैकेंडलेस अपने आप में सबसे अलग सा था। मैं सोचती थी कि अंत में सुरक्षित वापस लौट आएगा। क्योंकि वह बुद्धिमान था। उसने मैक्सिको तक की यात्रा डोंगी से कर डाली थी। वह माल ढोने वाले ट्रेनों में बैठकर सफर कर लेता था। वह अपने लिए अकेला ही काफी था। इसलिए मैं सोचती थी कि अलास्का से भी वह ठीक-ठाक लौटेगा।“

किसी ने तब तक अपने अंदर के जीनियस को नहीं पहचाना, जब तक उसके जीनियसनेस ने उसे भटकाव के रास्ते पर नहीं डाला। हां, भटकने का परिणाम ये जरूर होता है कि शरीर कमजोर हो जाता है, फिर भी इस पर कोई दुख नहीं व्यक्त कर सकता क्योंकि जिंदगी उस पल अपने उच्च अस्तित्व को तलाशती रहती है। अगर दिन और रात ऐसे हों, जिसका आप हमेशा खुशी से स्वागत करें, जीवन फूलों की खुशबू बिखेरे, इसमें तारों की जगमगाहट हो- तो यही जीवन अमर और सफल है।

जीवन की इस बड़ी सफलता के प्रशंसक नहीं मिलते क्योंकि उसके अस्तित्व पर सबको संदेह होता है। लेकिन वही उच्च अस्तित्व मेरे लिए परम सत्य है और वही रोज मेरे जीवन की प्राप्ति भी। मेरी ये प्राप्ति उतनी ही रहस्य भरी है जितनी कि सुबह और शाम की रौशनी का सौंदर्य। अपने लिए ब्रह्मांड से कुछ लेता हूं, जैसे इंद्रधनुष का कोई टुकड़ा अपने दामन से पकड़ता हूं। (हेनरी डेविड थोरो की किताब लाइफ इन दी वुड्स से उद्धृत। मैकेंडलेस के पास मिली इस किताब में ये पंक्तियां चिह्नित की गई थीं)।

4 जनवरी, 1993 को इस किताब (Into the wild) के लेखक को एक अंजाने की चिट्ठी मिली जिसमें टेढे- मेढे अक्षरों में कुछ लिखा था, जिसकी लिखावट बताती थी कि चिट्ठी का लेखक शायद कोई बूढा है। चिट्ठी में ये लिखा थाः-

‘मैं उस मैगजीन की कॉपी चाहता हूं जिसमें एक नौजवान के अलास्का में मरने की स्टोरी छपी है। मैंने मार्च 1992 को एलेक्स को साल्टन सिटी से ग्रांड जंक्शन तक छोड़ा था। उसने कहा था कि वह संपर्क में रहेगा। उसने अंतिम चिट्ठी मुझे अप्रील 1992 में लिखी थी। जब तक हमारे साथ रहा तब तक उसने अपने कैमरे से अपनी और मेरी तस्वीरें ली थी। अगर आपके पास उस मैगजीन की कॉपी है तो मुझे भेज दीजिए, पैसे मैं भेज दूंगा….रोनाल्ड फ्रांज।’

जिस स्टोरी के बारे में रोनाल्ड फ्रांज ने लिखा था, वह आउटसाइड मैगजीन के जनवरी 1993 वाले अंक में छपा था। मैकेंडलेस अपनी आवारगी के रास्ते में जिस-जिस से मिला था उसपर ना भूलने लायक प्रभाव छोड़ा था। उनमें से कुछ लोगों ने तो उसके साथ सिर्फ चंद दिन बिताए थे। मैकेंडलेस से सबसे ज्यादा प्रभावित होना वाला शख्स था रोनाल्ड फ्रांज, अस्सी बरस का बूढा जिसने उसे जनवरी 1992 को रास्ते में अपने ट्रक में पहली बार लिफ्ट दिया था।

निलांद  में जेन से विदा लेने के बाद मैकेंडलेस साल्टन सिटी पहुंचा और वहां के रेगिस्तान में अपना कैंप लगा दिया। पूरब में साल्टन सी था, जो शांत और छोटा सा समंदर था, जिसकी सतह समुद्री सतह से 200 फीट ऊपर थी। यह समंदर 1905 में इंजीनयरिंग की एक बड़ी गलती से बना था। कोलोराडो नदी से इंपेरियल वेली घाटी के खेतों की सिंचाई के लिए एक नहर निकाली गई थी। नदी में आयी बाढ का सारा पानी नहर में बहकर साल्टन सिंक(बहुत बड़ा गहरा क्षेत्र) में जमा होने लगा। दो साल तक जमा हो रहे पानी के बाढ ने वहां के सारे खेतों और बस्तियों को डूबा दिया और चार सौ मील के दायरे में रेगिस्तान को समंदर में बदल दिया।

कैलिफोर्निया  के पाम स्प्रिंग्स से, हरे-भरे पेड़ों के बीच से होकर जाते रास्ते पर पचास मील दूर साल्टन सी के पश्चिमी किनारे की जमीन पर रियल स्टेट वालों की नजर गई। टूरिस्टों के लिए आरामदेह रिसोर्टों को बनाने के साथ, बाजार सहित और सारी चीजें वहां बनाने की प्लानिंग की गई। लेकिन काम अधूरा ही रहा। अब वहां पर जो भी खंडहरनुमा चीजें बची थी, उसे भी रेगिस्तान धीरे-धीरे अपने में फिर से समाता जा रहा था। वहां की सड़कों पर पेंड़ों की टूटी टहनियां हवाओं में इधर-उधर घूमती रहती थी । किनारे से एक कतार में लगे ‘फॉर सेल (बिकाऊ है)’ का साइनबोर्ड सूरज की गरमी से मिटता जा रहा था और खाली पड़े बिल्डिंगों का रंग भी उख़ड़ता जा रहा था। ‘साल्टन सी रियल्टी एंड डेवलपमेंट’ के दफ्तर के ऊपर ‘बंद’ लिखी तख्ती टंगी थी। इस पूरे क्षेत्र में पसरे सन्नाटे को सिर्फ हवा के झोंके की आवाज तोड़ते थे। साल्टन सी के किनारे से दूर जाती जमीन उंची उठती चली जाती थी और ‘अंजा बोरेगो’ के विशाल, बंजर और सूखे रेगिस्तान में बदल जाती थी। इसके शुरुआती निचले हिस्से में यह उजाड़ बस्ती थी, जिसे एक बरसाती नदी काटती थी। यहीं से थोड़ी ऊंचाई की ओर जाने पर, सूरज की रोशनी के सामने वाले हिस्से पर इंडिगो और बारह फुट ऊंची ओक्टिलो की झाड़ियां थी। मैकेंडलेस यहीं बालू पर झाड़ियों के नीचे एक प्लास्टिक के नीचे सोता था। जब भी उसे जरूरत पड़ती, वह वहां से चार मील दूर पैदल या लिफ्ट लेकर शहर जाता था और चावल खरीदकर, एक प्लास्टिक जग में पानी भरकर फिर वापस लौट आता था। जनवरी के बीच में एक गुरुवार को वह जग में पानी भरकर वापस लौट रहा था कि एक बूढे आदमी, रोनाल्ड फ्रांज ने उसे अपनी गाड़ी में बिठा लिया।

“तुम्हारा कैंप कहां है?” फ्रांज खोज-बीन करने लगा।

“ओह माय गॉड गर्म झरने के बाद”, मैकेंडलेस ने जबाब दिया।

“मैं इस इलाके में छह साल से रह रहा हूं। मैंने तो कभी ऐसी जगह का नाम नहीं सुना। मुझे वहां ले चलो।“

बोरेगो रेगिस्तान से साल्टन के रास्ते से होते हुए मैकेंडलेस ने बायीं ओर रेगिस्तान में गाड़ी को मोड़ने के लिए कहा। वहां से नीचे की तरफ एक मील आगे चलने के बाद अजीब सा कैंप लगा था, जहां लगभग दो सौ लोग सर्दी बिताने आए हुए थे। उनमें से कुछ लोग वहां नंगे घूम रहे थे। वहां बीच में एक गर्म पानी का कुंआ था। जिससे दो पाईप के द्वारा पानी लाकर पत्थरों से घिरे छोटे-छोटे गड्ढे भरकर तालाब बनाए गए थे, जिससे गर्म पानी का भाप उठ रहा था। यही था ओह माय गॉड गर्म झरना।

मैकेंडलेस उस गर्म झरने के पास नहीं रहता था। उससे भी दो मील आगे उसका कैंप था। फ्रांज, एलेक्स से कुछ बात करते हुए उसको कैंप तक छोड़कर वापस शहर लौटा, जहां वह एक मकान में अकेले रहता था। फ्रांज ने अपनी जिंदगी का अधिकांश हिस्सा आर्मी में रहते हुए शंघाई और ओकिनावा में बिताया था। 1957 की पहली जनवरी की शाम को उसकी बीबी और इकलौते बच्चे की मौत एक शराबी के गाड़ी से कुचलकर हो गई, उस वक्त वह देश से बाहर था। फ्रांज का बेटा अगले जून तक मेडिकल ग्रेजुएशन पूरा करने वाला था। फ्रांज ने इस दुख में अपने आपको ह्विस्की में डूबो दिया। छह महीने बाद वह खुद को संभालने और शराब छोड़ने में कामयाब रहा। लेकिन वह कभी भी इस दुख से उबर नहीं पाया। सालों बाद उसने अपने अकेलेपन से मुक्ति पाने के लिए बच्चों को गोद लेना शुरू कर दिया। अब तक उसने चौदह बच्चे गोद लिए थे जिसमें से एक फिलाडेल्फिया में और एक जापान में मेडिसीन पढ़ रहे थे।

जब फ्रांज मैकेंडलेस से मिला तो उसकी वही अतृप्त पिता की भावना जग गई। वह इस नौजवान को अपने दिलोदिमाग से नहीं निकाल पाया। लड़के ने अपना नाम एलेक्स बताया था और सरनेम बताने से इंकार किया था। उसने अपना घर वेस्ट वर्जीनिया बताया था। वह विनम्र था। फ्रांज को वह दिखने से ही तेज लड़का लगता था। उसने सोचा कि वह इतना अच्छा होते हुए भी इस झरने के पास इन न्यूडिस्टों, शराबियों और नशेड़ियों के बीच क्यूं जी रहा है? रविवार को चर्च में प्रार्थना करने के बाद फ्रांज ने तय किया कि एलेक्स से बात कर पूछेगा कि वह ऐसा जीवन क्यूं जी रहा है। उसने सोचा कि एलेक्स को वह समझाएगा कि वह पढे़, नौकरी करे और जीवन का कुछ सदुपयोग करे। जब फ्रांज, मैकेंडलेस के कैंप पहुंचा और वहां उसे सुधारने के लहजे में बोलना शुरू किया तो मैकेंडलेस ने उसे बीच में रोक दिया।

“सुनो, मिस्टर फ्रांज, तुमको मेरी चिन्ता करने की जरूरत नहीं है। मैंने कॉलेज की पढ़ाई की है। मैं बेघर नहीं हूं। मैं यह जीवन अपनी मर्जी से जी रहा हूं।“ इसके तुरंत बाद एलेक्स अपनी आवाज की कड़वाहट खत्म कर फ्रांज के साथ गर्मजोशी से बोलना शुरू किया। दोनों बहुत देर तक बातें करते रहे। जैसे ही दिन बीता, वे दोनों पाम स्प्रिंग्स की तरफ फ्रांज की ट्रक से गए। वहां एक रेस्टूरेंट में खाना खाया। फिर ट्रामवे से सैन जा सिन्टो की चोटी पर दोनों पहुंचे। अगले कुछ सप्ताह तक मैकेंडलेस और फ्रांज ने एक दूसरे के साथ काफी समय बिताया। एलेक्स अपना कपड़ा साफ करने और मांस पकाकर खाने के लिए अक्सर फ्रांज के यहां आया करता था। उसने फ्रांज को यह बता दिया कि वह बसंत तक यहां रुकेगा, फिर उसके बाद अपने सबसे बड़े साहसिक, अलास्का यात्रा पर निकलेगा। उसके बाद एलेक्स ने अस्सी साल के बूढे़ को लेक्चर देते हुए उसको सुस्त से अस्तित्व से निकलकर सड़क की जिंदगी जीने की सलाह दे डाली। उसने फ्रांज से अपना सारा सामान बेच देने और एपार्टमेंट छोड़ देने को कहा। फ्रांज उस लड़के का साथ पाकर बहुत प्रसन्न था।

फ्रांज चमड़े की चीजें बनाने के काम में मास्टर था। उसने एलेक्स को अपनी कला का रहस्य बताया और सिखाया। पहले काम के रुप में मैकेंडलेस ने अपना लेदर बेल्ट बनाया जिसके ऊपर उसने अपने आवारगी किए हुए जगहों को दर्शाया। बेल्ट के बांयी छोर पर एलेक्स लिखा, उसके बाद ‘सीजेएम’ यानि क्रिस्टोफर जॉनसन मैकेंडलेस। गाय के चमड़े से बने उस बेल्ट पर एक ‘नो यू टर्न’ का चिह्न, कार को डूबोती हुई बाढ और कड़कती हुई बिजली, लिफ्ट के लिए उठा अंगूठा, एक चील, सियरा नेवाडा, प्रशांत महासागर में तैरता सालमोन, प्रशांत के किनारे से गए हाइवे से आरेगॉन से वाशिंगटन, पहाड़ें, मोंटाना के गेंहू के मैदान, साउथ डाकोटा, वेस्टरबर्ग का कार्थेज में घर, कोलोराडो नदी, कैलिफोर्निया की खाड़ी, टेंट के किनारे पड़ी डोंगी, लास वेगास, मोरो बे, एस्टोरिया दर्शाया और बेल्ट के दूसरे छोर पर बक्कल के पास लिखा, एन(N) यानि शायद नार्थ। अपने पीछे मैकेंडलेस द्वारा छोड़ा गया यह बेल्ट रचनात्मकता और कला के अद्भुत नमूना है।

फ्रांज मैकेंडलेस से बहुत प्यार करने लगा था। “वह स्मार्ट बच्चा था।“फ्रांज ने दुखी स्वर में कहा। इतना कहते हुए फ्रांज अपने दोनों पैरों के बीच पड़े रेत के टुकड़े की ओर देखने लगा। उसने बोलना बन्द कर दिया। अपने कमर के सहारे किसी तरह झुककर वह अपने पैंट के निचले हिस्से के धूल को झाड़ने लगा। उसके झुकने से पुरानी हड्डियां के जोड़ के कड़कने की आवाज, शांत माहौल में गूंज गया। कुछ मिनट बाद फ्रांज ने फिर से बोलना शुरू किया। आकाश की तऱफ आंखे छोटी कर देखते हुए फ्रांज उस लड़के साथ बिताए गए पलों को याद करना शुरू किया। फ्रांज ने कहा कि कभी-कभी मैकेंडलेस का चेहरा, गुस्से से काला होने लगता था और वह मां-बाप, नेताओं और अमेरिकी समाज की मानसिकता की आलोचना करता था। लड़का उसे छोड़कर चला न जाय, इसलिए फ्रांज बस चुपचाप सुनता रहता था और उसे बोलने देता था। फरवरी में एक दिन सुबह अचानक मैकेंडलेस ने सैन डियागो जाने की घोषणा कर दी और कहा कि वह अलास्का ट्रिप के लिए कुछ पैसे कमाना चाहता था।

“तुमको सैन डियागो जाने की जरूरत नहीं है।“फ्रांज विरोध करते हुए बोला। “तुमको जितने पैसे चाहिए, मुझसे ले लो।“

“नहीं मैं सैन डियागो जाऊंगा और मैं सोमवार को जा रहा हूं।“

“ठीक है, तो मैं तुमको वहां तक छोड़ दूंगा।”

“बेकार की बातें मत करो।“ मैकेंडलेस फ्रांज के प्रस्ताव से सहमत नहीं था।

“मुझे उधर कहीं जाना है। चमड़े के सप्लाई के सिलसिले में।“ फ्रांज ने बहाना बनाते हुए कहा।

यह सुनते ही मैकेंडलेस ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी। उसके बाद वह कैंप गया और अपना सारा सामान फ्रांज के अपार्टमेंट में ले आया। मैकेंडलेस अब अपना बैग आगे नहीं ढोना चाहता था। फ्रांज की गाड़ी से वह पहाड़ों को पार करते हुए समुद्री किनारे तक आया। फ्रांज ने उसे सैन डियागो के पास उतारा, तब बारिश हो रही थी। “मेरे लिए यह काफी कठिन काम था। उसके जाने से मैं काफी दुखी था।“ फ्रांज बोला।

19 फरवरी  को मैकेंडलेस ने फ्रांज को फोन किया, उसके 81वें जन्मदिन की बधाई देने के लिए। मैकेंडलेस को यह तारीख याद रही क्योंकि खुद उसका जन्मदिन सात दिन पहले पड़ता था। 12 फरवरी को वह चौबीस साल का हो चुका था। इस बातचीत के दौरान मैकेंडलेस ने स्वीकार किया कि उसे सैन डियागो में काम खोजने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

28 फरवरी  को उसने जेन को चिट्टी  में लिखाः- ‘हेलो जेन, पिछले सप्ताह सैन डियागो की गलियों में भटक रहा था। पहले दिन तो बहुत बारिश हुई। नौकरी नहीं मिल पा रही। इसलिए मैं उत्तर की तरफ कल जा रहा हूं। 1 मई से पहले मैं अलास्का जाने की योजना बना चुका हूं। लेकिन मुझे कपड़े खरीदने के लिए कुछ पैसों की जरूरत है। हो सकता है कि मैं साउथ डाकोटा में अपने एक दोस्त के पास लौट जाऊं और वहीं काम करूं। अभी कहां जाऊंगा, मालूम नहीं। जहां जाऊंगा, वहां पहुंचकर पत्र लिखूंगा। आशा करता हूं कि वहां तुम सब ठीक से होगे। एलेक्स।

5 मार्च को मैकेंडलेस ने एक दूसरा पत्र जेन को लिखा और एक पत्र फ्रांज को भी। जेन को उसने लिखाः- ‘सिएटल में हूं। आवारा हूं यहां पर। रेल से सफर करता हूं। लेकिन रेल से सफर करने के कुछ नुकसान हैं। पहला तो ये कि शरीर धूल से भर जाता है। दूसरा, रास्ते में ट्रेन गार्डों से उलझना पड़ता है। कल मैं एक मालगाड़ी में बैठा जा रहा था। जब लगभग 10 बजे मुझे टार्च की तेज रौशनी में एक गार्ड ने पकड़ लिया। उसने कहा, “यहां से जाओ वरना जान से मार दूंगा।“ मैंने देखा कि उसके हाथ में रिवाल्वर था। उसने मेरी तलाशी ली। उसके बाद फिर गुर्राया, ”इस ट्रेन के आसपास मत दिखना वरना जान से जाओगे। जाओ, रास्ता नापो।“ कितना पागल था वह। मैं हंसा और उसी ट्रेन पर पांच मिनट बाद फिर से चढ गया और ऑकलैंड पहुंच गया। मैं पत्र लिखता रहूंगा। एलेक्स।‘

एक सप्ताह बाद फ्रांज का फोन बजा। “आपरेटर का फोन था।“ फ्रांज ने बताया। “ उसने कहा कि क्या वह किसी एलेक्स नाम के लड़के से बात करना चाहेगा। जब मैंने एलेक्स की आवाज सुनी तो वह बारिश के मौसम में सूरज की रौशनी की तरह था।“

“मुझे लेने आओगे।“ मैकेंडलेस ने पूछा।

“हां, कहां हो सिएटल में।“

“रॉन”, मैकेंडलेस हंसा,” मैं सिएटल में नहीं हूं। कैलिफोर्निया में हूं। तुम्हारे सड़क पर।“

नौकरी नहीं मिल पाने के कारण मैकेंडलेस कई मालगाड़ियों की सवारी करते हुए फिर से रेगिस्तान में पहुंचा था। कैलिफोर्निया के कॉल्टन में उसे एक गार्ड ने फिर पकड़ लिया और जेल में डाल दिया। जेल से छूटने पर वह पाम स्प्रिंग के दक्षिण में पहुंचकर फ्रांज को फोन किया था। जैसे ही मैकेंडलेस ने फोन रखा, फ्रांज उसे लेने निकल पड़ा।

“हम दोनों सिजलर गए और वहां मैंने उसे स्टिक और लोबस्टर खिलाया। उसके बाद हम साल्टन सिटी लौट आए।“ फ्रांज ने याद किया। मैकेंडलेस ने कहा कि वह सिर्फ एक दिन रुकेगा। अपना कपड़ा साफ करेगा और अपना बैग पैक करेगा। वायन वेस्टरबर्ग ने उसे कार्थेज काम करने के लिए बुलाया था और मैकेंडलेस वहां पहुंचने के लिए बेसब्र था। 11 मार्च, 1992, बुधवार का दिन था वह।

फ्रांज  ने मैकेंडलेस से कहा कि उसे वह ज्यादा से ज्यादा कैलिफोर्निया के ग्रांड जंक्शन तक छोड़ देगा क्योंकि फिर उसे लौटकर सोमवार को साल्टन सिटी में एक जरूरी आदमी से मिलना था। मैकेंडलेस के स्वीकार करने पर फ्रांज ने राहत की सांस ली। जाने से पहले फ्रांज ने उसे एक बड़ा सा चाकू, एक फर कोट और अलास्का के लिए कुछ जरूरी सामान दिया। ट्रक से गुरुवार को साल्टन सिटी से दोनों चले। बुलहेड सिटी में रूककर मैकेंडलेस ने बैंक में अपना खाता बंद करवाया और फिर दोनों चार्ली के ट्रेलर तक गए, जहां मैकेंडलेस ने अपनी कुछ किताबें, सामान और फोटोफाईल रखा था। मैकेंडलेस उसके बाद फ्रांज को लंच के लिए लौघलिन के गोल्डेन नगेट कैसिनो ले गया जहां एक वेट्रेस ने उसे पहचान लिया,”एलेक्स, एलेक्स! तुम फिर वापस आ गए।“

फ्रांज  ने इस ट्रिप से पहले एक वीडियो कैमरा खरीदा था, जिससे  वह रास्ते भर दृश्यों की फिल्में  बनाता गया। जब भी फ्रांज उसकी तरफ कैमरा करता, मैकेंडलेस नीचे की तरफ झुक जाता, फिर भी कुछ दृश्य उसके भी फ्रांज के कैमरा में कैद हो ही गए। इसी तरह के एक फूटेज में मैकेंडलेस बर्फ के ढेर पर ख़ड़ा था और कह रहा था, “चलो, ऱॉन”। वह फिर कुछ देर बाद वीडियो कैमरा का विरोध करते हुए कहता था,”आगे और भी बहुत कुछ है, रॉन।“ जीन्स और गर्म स्वेटर पहने हुए मैकेंडलेस सांवला, मजबूत और स्वस्थ लग रहा था। फ्रांज ने कहा कि यह यादगार ट्रिप था। “कभी हम बिना बोले घंटो ड्राईव करते रहते। जब वह सो रहा होता तब भी मैं खुश रहता ये सोचकर कि वो मेरे आसपास तो है।“

रास्ते  में फ्रांज ने मैकेंडलेस से अपने दिल की एक खास मुराद कही, “ मेरी मां, अपने मां-बाप की इकलौती संतान थी। मेरे पिता भी अपने मां-बाप के इकलौते थे। मैं भी उनका इकलौता बेटा था। मेरे इकलौते बेटे की मौत हो चुकी है। अब मैं इस वंश में अकेला रह गया हूं। अगर मैं भी मरा तो मेरा परिवार खत्म हो जाएगा। एलेक्स अगर मैं तुमको गोद लूं तो तुम मेरे पोते कहलाओगे।“

मैकेंडलेस उसके इस प्रस्ताव से विचलित हो उठा। और उसने मामले को टालने के लिए कहा, ”रॉन, अलास्का से मैं लौटता हूं, फिर इस विषय पर बात होगी।“

14 मार्च को ग्रांड जंक्शन के इंटरस्टेट 70 के किनारे एलेक्स को उतारकर फ्रांज दक्षिणी कैलिफोर्ऩिया लौट आया। मैकेंडलेस फिर से उत्तर की तरफ जाते हुए रोमांचित था और वह इस बात से खुश था कि एक बार फिर उसने मानवीय रिश्तों के खतरों से खुद को बचाने में सफलता हासिल की, जो अपने साथ कई भावनात्मक बोझ लिए हुए आती थी। वह अपने परिवार के कैद से फरार हो गया। उसके बाद उसने जेन, बॉब और वायन वेस्टरबर्ग को भी खुद से कुछ दूर रखने में सफलता पायी और उसके बाद तुरंत किसी को छोड़कर चल देना ताकि उससे किसी को अपेक्षा ना रहे। और अब रॉन, फ्रांज की भी जिंदगी से भी बिना किसी दर्द के बाहर निकल आया था।

फ्रांज  मैकेंडलेस के साथ क्यूं इतना दिल लगा बैठा था, इस बारे में कोई बस अनुमान लगा सकता है। लेकिन फ्रांज का उससे प्रेम सच्चा, पवित्र और काफी इंटेंस था। फ्रांज काफी सालों से अकेला रह रहा था। उसके पास न तो परिवार था और न ही कोई दोस्त। अनुशासित और स्वतंत्र फ्रांज इस उम्र में भी अच्छी तरह से जी रहा था। जब मैकेंडलेस उसकी जिंदगी में आया तो उसने इस बूढे आदमी के जीवनशैली के विचारों को चुनौती दिया। फ्रांज मैकेंडलेस के विचारों से प्रभावित हुआ लेकिन इसके साथ ही उसे यह भी महसूस हुआ कि वह कितना अकेला था। उस बूढे के मन के खालीपन को एलेक्स ने आकर भर दिया। जब वह वहां से अचानक जाने लगा तो उसके इस अचानक उठाए गए कदम से फ्रांज का दिल बुरी तरह से आहत हुआ।

अपैल में साउथ डाकोटा से फ्रांज के पास मैकेंडलेस की एक लम्बी चिट्ठी आई, जिसमें लिखा थाः-‘हेलो रॉन,! एलेक्स लिख रहा हूं। मैं यहां साउथ डाकोटा के कार्थेज में दो सप्ताह से हूं। ग्रांड जंक्शन से चलकर तीन दिनों में मैं यहां पहुचा था। आशा करता हूं कि तुम साल्टन सिटी बिना किसी समस्या के पहुंच गए होगे। मैं यहां काम करके खुश हूं। सब ठीक चल रहा है। मौसम ज्यादा खराब नहीं रहता, कभी कभी तो आश्चर्यजनक रुप से बढिया रहता है। दक्षिण कैलिफोर्निया में तो अभी काफी गर्मी पड़ रही होगी। मुझे आश्चर्य होगा अगर तुम बाहर निकलने की फुर्सत पाओगे और गर्म झरने के पास जाकर देखोगे कि कितने आदमी 20 मार्च को वहां पर इंद्रधनुष देखने के लिए जमा हो रहे हैं। ऐसा लगता कि वहां खूब मस्ती होगी लेकिन मैं नहीं सोचता कि तुम ऐसे लोगों को अच्छी तरह समझ पाओगे। मैं साउथ डाकोटा में ज्यादा दिन नहीं रहने जा रहा। मेरा मित्र वेस्टरबर्ग चाहता है कि मैं मई तक यहीं ग्रीन एलीवेटर पर काम करूं और उसके बाद पूरी गर्मी उसके साथ दूसरी जगह जाकर यही काम करूं। लेकिन मेरी आत्मा तो पूरी तरह से अलास्का जाने के लिए बेचैन है।

मैं 15 अप्रैल से पहले यहां से निकल जाऊंगा। मुझे नीचे लिखे पते पर पत्र लिखना। रॉन, तुमने जो मेरी इतनी सहायता की, हमदोनों ने जो समय साथ गुजारा, उसने मुझे बहुत सुख दिया। मैं आशा करता हूं कि मुझसे अलग होकर तुम बहुत ज्यादा दुखी नहीं होगे। हो सकता है कि हम दोनों को एक दूसरे से फिर से मिलने में बहुत वक्त लग जाय। लेकिन इस अलास्का यात्रा के बाद तुम मेरी आवाज जरूर सुनोगे। मैं फिर से तुमको ये सलाह देना चाहूंगा कि अपने जीवन में पूरी तरह परिवर्तन लाओ, और उन चीजों के बारे में मजबूती के साथ सोचना शुरू कर दो जिसे तुमने पहले करने का कभी नहीं सोचा या उसे करने से हिचकते रहे। इतने सारे लोग दुखी जीवन जीते हुए भी अपने दुख को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठा पाते क्योंकि वह सोचते हैं कि एक सुरक्षित जीवन, परम्परा के अनुसार जीने से उन्हें शान्ति मिलेगी और वह उसी में जीने के लिए अभिशप्त रहते हैं। लेकिन सच तो ये है कि एक साहसी आत्मा के लिए सुरक्षित जीवन से ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला चीज और दुनिया में कुछ नहीं है। मानव का जीवन साहस, जुनून के साथ आवारगी करने के लिए बना है। जीवन में आनंद नये अनुभवों से टकराने से मिलता है इसलिए अनंत आनन्द के जरूरी है कि जीवन के आकाश का क्षितिज हमेंशा बदलता रहे, जिस पर हर दिन हो एक नये सूरज का उदय। इसलिए रॉन अगर जीवन से कुछ और पाना चाहते हो अपने सुरक्षित जीवन के एकालाप से बाहर निकल आओ, अव्यवस्थित और आवारगी का जीवन शुरू करो, जो तुमको पहले पहल पागलपन सा लग सकता है। लेकिन जैसे ही तुम्हें इसकी आदत लग जाएगी, तब तुम इसके अर्थ और अमिट सौंदर्य का आनंद देखोगे। इसलिए रॉन, साल्टन सिटी से निकलकर रोड की जिंदगी जीना शुरू करो।

मैं गारंटी देता हूं कि तुम बहुत खुश होगे। लेकिन मुझे डर है कि तुम मेरी बात नहीं मानोगे। तुम सोचते हो कि मैं जिद्दी हूं लेकिन रॉन तुम मुझसे ज्यादा जिद्दी हो। तुम्र्हारे पास बहुत अच्छा मौका है कि तुम धरती के सबसे सुंदर दृश्य, ग्रांड कैनयोन, को जाकर करीब से देखो, जिसे हर अमेरिकन को जीवन में कम से कम एक बार देखना चाहिए। कुछ कारणों से, जो मेरी समझ से बाहर है, तुम और कुछ करना नहीं चाहते सिवाय जल्दी से जल्दी घर जाने के, उसी परिस्थिति में फिर से, जिसे तुम रोज-रोज देखते हो। मुझे डर है कि तुम इसी तरह भविष्य में भी जीते रहोगे और खुदा ने जो खूबसूरती इस धरती पर बिखेरी है, उसे खोजने में विफल रहोगे। एक जगह सेटल होकर मत रहो। आवारगी करो, आदिम मानव बन जाओ, हर दिन एक नया क्षितिज तलाशो। तुम अभी बहुत दिन जिंदा रहोगे, रॉन! और यह बड़े अफसोस की बात होगी अगर तुमने अपने जीवन को बदलने के अवसर गवां दिए या नये अनुभवों को नहीं खोज पाए तो। तुम गलत होगे अगर सोचोगे कि आनंद मानवीय रिश्तों से पाया जा सकता है। ईश्वर ने तो आनंद हर जगह बिखेरा है। यह हर चीज में और हर जगह है, जिसे हम अनुभव कर सकते हैं। इसे पाने के लिए बस करना ये है कि जो आदतन हम जीते रहते हैं उसे छोड़कर उससे अलग अव्यवस्थित किस्म का जीवन जीना शुरू करें। मेरा कहना ये है इस तरह की नयी खुशी की रौशनी पाने के लिए तुमको ना तो मेरी जरूरत है और ना ही किसी और की। वह खुशी बाहर तुम्हारा इंतजार कर रहा है, बस बाहर निकलो और उसे पकड़ लो। जो आदमी तुमको बाहर नहीं निकलने दे रहा, वह तुम खुद हो, तुम्हारी नये परिस्थितियों में ना जीने की जिद है।

रॉन, अपने गाड़ी पर कैंप लगाने लायक सामान लादकर साल्टन सिटी से बाहर निकलो और देखो पश्चिमी  अमेरिका की तरफ जाकर कि खुदा ने कितनी खूबसूरती रची है। तुम चीजों को देखोगे, लोगों से मिलोगे, काफी कुछ सीखोगे। और यह सब तुम कम से कम खर्च में करना। होटल में मत रूकना, अपना खाना खुद बनाना। जितना कम खर्च करोगे उतना ही आनंद पाओगे। मैं आशा करता हूं कि जब तुमसे मिलूंगा तो तुम बिल्कुल नए रूप में मिलोगे, तुम्हारे पास साहस के बहुत सारे अनुभव होंगे। सारे संकोच खत्म कर दो और बहाने बनाने बंद कर दो। बाहर निकलो और ये काम करना शुरू करो। तुम बहुत खुशी पाओगे।

अपना खयाल रखना, रॉन

नीचे लिखे पते पर पत्र लिखनाः-

एलेक्स  मैकेंडलेस

मेडिसन, SD 57042

आश्चर्यजनक  रूप से, उस अस्सी साल के बूढे ने चौबीस साल के आवारा  बच्चे की सलाह को दिल से मानना शुरू कर दिया। फ्रांज ने फर्नीचर और अधिकांश  सामान को स्टोर में रख दिया। कैंपिंग के लिए  एक बेड और अन्य जरूरत के सामान उठाकर वह चल पड़ा। उसने अपना अपार्टमेंट छोड़ दिया और रेगिस्तान में जाकर कैंप लगा लिया, उसी के पास जहां मैकेंडलेस रूका था।

उसी गर्म झरने के पास फ्रांज ने मैकेंडलेस की जगह को अपना लिया। उसने कुछ पत्थर को जमाकर अपनी गाड़ी के लिए पार्किंग क्षेत्र बना लिया। उसने आसपास इंडिगो की झाड़ियां और पौधे लगा दिए ताकि लैंडस्केप सुंदर हो सके। उसके बाद वह रेगिस्तान में रहते हुए अपने दोस्त का इंतजार करने लगा।

रोनाल्ड फ्रांज (उसका असली नाम कुछ  और था। उसने लेखक से अनुरोध किया था कि उसके असली नाम  का उपयोग नहीं किया जाय। इसलिए  लेखक ने उसे यह नाम दिय़ा है।) उम्र के नौवें दशक में होने के बावजूद दिखने से मजबूत लगता था, जो दो दिल के दौरे को झेल गया था। छह फीट लंबा, मोटी बाहें और चौड़ी छाती वाला यह बूढा जब खड़ा होता था तो एकदम सीधा, बिना कांधे को झुकाए हुए।

जब रेगिस्तान  के उस कैंप में लेखक उससे मिलने पहुंचा तो उस वक्त वह एक पुरानी जींस और उजली टी शर्ट, अपने द्वारा बनाया हुआ एक सुंदर सजावट वाला चमड़े का बैल्ट, उजले मौजे और एक पुराना सा जूता पहने था। भौंह के इर्द-गिर्द बनी झुर्रियां और नाक पर उभरी नसों, जो खूबसूरती से गढे गए टैटू की तरह लगते थे, से सिर्फ उस बूढे की उम्र का पता चलता था। मैकेंडलेस के मरने के एक साल पूरे हो चले थे।

फ्रांज  को लेखक ने अपना परिचय दिया और उसे विश्वास दिलाने के लिए उसे कुछ फोटो दिखाए  जिसमें उसने पिछली गर्मी में किए गए अलास्का यात्रा की अपनी तस्वीरें दिखाईं जिस दौरान उसने मैकेंडलेस के स्टेम्पेड ट्रेल की यात्रा की खोजबीन की थी। उसमें लैंडस्केप चित्र, ट्रेल, झाड़ियों के चित्र, दूर पहाड़ों और सुषाना नदी के चित्र। फ्रांज उन तस्वीरों को देखता रहा। लेखक तस्वीरों के बारे में बताता जा रहा था और फ्रांज कभी-कभी अपने सिर को समझने की मुद्रा में हिला रहा था। वह उन सबको देखकर खुश था। जैसे ही उस बस की तस्वीरें उसके सामने आयीं, उसकी नजर थोड़ी सख्त हो गई। जैसे-जैसे मैकेंडलेस के सामानों की तस्वीरें उसके नजर से गुजरने लगी, उसकी आंखे नम होने लगी। उसको एहसास होने लगा कि वह कितना दुखदायी चीज देख रहा है और आगे और किसी तस्वीर को देखे बिना उसने फोटो एलबम को अपने आगे से हटा दिया। अपने आपके शांत करने के लिए फ्रांज टहलने लगा।

फ्रांज  अब मैकेंडलेस वाले जगह पर नहीं रहता था। उस जगह तक जाने वाली सड़क को बाढ बहा ले गई थी और अब वह बोरेगो बंजरपट्टी की तरफ बीस मील पीछे चला आया था और कॉटनवुड पेड़ों के पास के एकांत में अपना कैंप लगा लिया था। ओह माय गॉड गर्म झरना को भी अब इंपेरियल वेली हेल्थ कमीशन के आदेश पर बुल़डोजर के द्वारा नष्ट कर उसे कंक्रीट से भर दिया गया था। कमीशन के अधिकारियों का कहना था कि उस झरने को इसलिए नष्ट कर दिया क्योंकि वहां नहानेवालों को गंभीर बिमारी होने का खतरा था। लेकिन साल्टन सिटी स्टोर के एक क्लर्क का कहना था कि उस झरने को इसलिए खत्म कर दिया क्योंकि वह बहुत सारे हिप्पियों और आवारा किस्म के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता था।

मैकेंडलेस के जाने के आठ महीने बाद तक फ्रैंज वहीं कैंप में रहा जहां से वह एलेक्स के आने की राह देखा करता था। 1992 के आखिरी सप्ताह में उसने साल्टन सिटी से लौटते समय दो आवारों को अपने गाड़ी में बिठाया। फ्रांज ने याद करते हुए कहा,” उनमें से एक मिसिसीपी से और दूसरा नेटिव अमेरिकन था। गर्म झरने के पास से गुजरते हुए मैंने उसे एलेक्स और अलास्का जाने के बारे में बताया।“

अचानक उनमें से एक बोला,”क्या उसका नाम एलेक्स मैकेंडलेस था।“

“हां, बिल्कुल ठीक, क्या तुम उससे मिले हो”

“मुझे तुमसे ये कहना अच्छा नहीं लगा रहा है मिस्टर कि तुम्हारा दोस्त अब इस दुनिया में नहीं है। वह अलास्का के बर्फ में जमकर मर गया। विश्वास ना हो तो आउटसाइड मैगजीन पढ लो।“

फ्रांज  सहसा इस बात पर भरोसा नहीं कर पाया और उसने उससे लंबी पूछताछ की। जो भी उस आवारे ने बताया, सब सही था। फ्रांज को लगा कि कुछ बहुत ही गलत हो गया। अब, मैकेंडलेस कभी वापस नहीं लौटेगा। फ्रांज ने वाकये को याद करते हुए कहा,” जब एलेक्स वहां से जा रहा था तो उसने गॉड से प्रार्थना किया था कि यह बच्चा बहुत खास है, इसकी रक्षा करना। लेकिन गॉड ने एलेक्स को मरने दिया। 26 दिसम्बर को जब मैंने ये जाना, तब गॉड को मानना छोड़ दिया। मैंने चर्च की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और नास्तिक हो गया। मैंने फैसला लिया कि जो गॉड एलेक्स जैसे बच्चे को इतनी बुरी तरह से मरने के लिए छोड़ सकता है, मैं उसमें विश्वास नहीं कर सकता।“

“जब मैंने उन आवारों को रास्ते पर उतारा, उसके बाद फिर वापस लौटकर, स्टोर से एक बोतल ह्विस्की खरीदी। रेगिस्तान में बैठकर मैं उसे पूरा पी गया। मुझे पीने की आदत नहीं थी इसलिए मैं बीमार हो गया। मैंने सोचा कि इस बिमारी से मर जाऊं तो अच्छा रहेगा लेकिन मैं नहीं मरा। जिंदा बचा रहा, बीमार और कमजोर।“

अमेरिका के भोगवादी जीवन से ऊबे क्रिस्टोफर ने खुद को जानने के लिए आवारगी का रास्ता चुना। सारे पैसे दानकर, परिचय-पत्र फेंककर और परिवार को बिना कुछ बताए उसने गुमनामी-घुमक्कड़ी का जीवन जीना शुरू किया। दो साल बाद वह अलास्का के निर्जन इलाके में जाकर रहना शुरू कर दिया। वहां जीवन की विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए जीवन की खोज जारी रखी। वह ऐसा क्यों बना… अलास्का में उसके साथ क्या हुआ.. यह सब-कुछ जॉन क्राउकर नाम के पत्रकार ने बहुत शोध के बाद अपने किताब ‘Into the wild’ में लिखा। सीन पेन ने इसी नाम से एक बेहतरीन फिल्म बनाई जो विश्व के सौ महान सिनेमा में गिनी जाती है। Into the wild’ का हिंदी में अनुवाद कर रहे हैं युवा पत्रकार राजीव कुमार सिंह। इसका पहला, दूसरा और तीसरा पार्ट आप लोग पढ़ चुके हैं। ये था चौथा पार्ट। राजीव ने इस उपन्यास का अनुवाद करके पत्रकारिता क्षेत्र में दस्तक दी है। उनके अनुवाद में कई कमियां-गल्तियां हैं, ऐसा उनका कहना है। पर इसे एक युवा पत्रकार का शुरुआती गंभीर प्रयास मानते हुए कमियों की अनदेखा की जाए, ऐसा वह अनुरोध करते हैं। राजीव की इच्छा है कि उनके परिचय में लिखा जाए- एक बेरोजगार पत्रकार जिसे एक अदद नौकरी की तलाश है। राजीव से संपर्क rajeevsinghemail@gmail.com के जरिए किया जा सकता है। -एडिटर, भड़ास4मीडिया

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Comments on “भोगवादी जीवन से उबे आदमी की आवारगी (भाग चार)

  • Now Mr. Amitava Bhattacharya is limited to only operations. Managdement is very upset with his behaviour. Sent a written communication to every Department Head. Amitavaji is very much upset and started trials . Beware of new channels.
    Himanshuji is also nowhere, Marketing shifted to Janakpuri and Vikas Sharma would become Marketing Head. Bureaus reporting shifted to Mr. Maroof Raza, Now GNN started taking right decisions.

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *