मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा पेड न्‍यूज जटिल समस्‍या

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पेड न्यूज की प्रवृत्ति को एक जटिल समस्या करार देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि इसे मीडिया और राजनीतिक दलों द्वारा स्व नियमन के जरिये हल किया जा सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने एक कार्यक्रम में कहा कि चुनाव आयोग पेड न्यूज के माध्यम से मतदाताओं के मन पर पड़ने वाले अनुचित प्रभाव को लेकर चिंतित है. मतदाताओं के सही और निष्पक्ष सूचना पाने के अधिकार को संरक्षित करने की जरूरत है.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राष्ट्रीय मतदाता दिवस और चुनाव आयोग की हीरक जयंति के समापन समारोह से एक दिन पहले दिल्‍ली में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि हमारा अनुमान है कि पेड न्यूज की समस्या से मीडिया और राजनीतिक दल स्व विनियमन के जरिये बेहतर तरीके से निपट सकते हैं. श्री कुरैशी ने ऐसे मामलों की जांच के लिए किये जा रहे उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि आयोग ने पेड न्‍यूज पर नजर रखने के लिए सतर्कता प्रकोष्ठों का गठन किया है. उन्‍होंने कहा कि हाल ही में एक राज्‍य में हुए विधानसभा चुनाव के बाद 86 नोटिस जारी किए गए. इसके परिणामस्‍परूप कई उम्‍मीदवारों ने पेड न्‍यूज के आरोपों को स्‍वीकार किया. इसमें हुए खर्च का ब्‍यौरा भी चुनाव आयोग में दाखिल किए जाने वाले अपने शपथ पत्र विवरण में दिया.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने चुनाव प्रबंधकों द्वारा मतदाताओं को शिक्षित करने के काम को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्‍यकता पर बल दिया. उन्‍होंने चुनाव में लगातार बढ़ते धनबल की भूमिका पर भी विस्‍तार से चर्चा की. उन्‍होंने कहा कि लोकसभा उम्‍मीदवार के लिए पच्‍चीस लाख तथा विधान सभा उम्‍मीदवार के लिए दस लाख रूपये खर्च करने की सीमा निर्धारित की गई है, लेकिन गैर सरकारी अनुमानों के अनुसार उम्‍मीदवार इससे कई गुना ज्‍यादा की धनराशि चुनावों में खर्च करते हैं.

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