दैनिक भास्कर ने खुद दावा किया है. आईएमआरबी की रिपोर्ट को आधार बनाया है. दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक वह रांची के अमीर लोगों का पसंदीदा अखबार है. भास्कर में मुंबई डेटलाइन से जो खबर छपी है, वह इस प्रकार है… देश के सबसे बड़े समाचार पत्र समूह – दैनिक भास्कर ने झारखंड में भी इतिहास रच दिया है। मार्केट रिसर्च की अग्रणी कंपनी IMRB की पाठक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक आर्थिक वर्गीकरण पर आधारित सबसे महत्वपूर्ण तबके एसईसी-ए और एसईसी-बी में दैनिक भास्कर अब रांची का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार है।
मध्यप्रदेश में रीडरशिप में पूरी तरह लीडर बनने के बाद भास्कर समूह ने 1996 में राजस्थान में प्रवेश किया। जयपुर में पहले दिन से ही नंबर 1 पर भास्कर ने अपने को स्थापित कर देश में एक नया कीर्तिमान बनाया था। उसके बाद सन 2000 में चंडीगढ़ और हरियाणा, 2003 में गुजराती भाष में अहमदाबाद (गुजरात) में और फिर पंजाब में जालंधर, अमृतसर में भास्कर ने पहले दिन से नं.1 का कीर्तिमान स्थापित किया। श्रेष्ठता की इसी परम्परा को जारी रखते हुए लाखों पाठकों के सहयोग से भास्कर ने रांची में भी ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है।
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Comments on “रांची के अमीरों में दैनिक भास्कर सबसे आगे!”
Raddi mein bech kar koi bhi no.1 ho sakta hai…..hum jamshedpur aur dhanbad mein bhi no1. banenge.
BIHAR JHARKHAND ME NO ONE BHASKAR HONE KE BAD BHARAT KA NO ONE AKHBAR HOGA BHASKAR. KHABAR ME V TO SAB INSE PICHE HI. MAL NIKALNE ME V PICHE. SANSADAN ME V PICHE TO YAGE KASHE RAHOGE YAR.
BHASKAR ne patrakaro ka v sosan band kiye hi. itne din bad akhbaro ko patrakar ke salery ke yad yai hi. RAGVENDRA JEE ke DHANBAD me ane ke khabar ke bad HINDUSTAN KE SATH ANEYE AKHBAR PAGAL HO GIYA HI. Ab PAGAL hone se kuch nahi hoga. bahut SOSAN kiye yar. JO SOSAN nahi karega oh BARA AKHBAR HOGA HI. AMERO ME HI NAHI GAROBO KA V HI BHASKAR. ISHI NE TO DAM KIYA 2 RS
हां. अच्छी बात कही है कि रांची(झारखंड) में दैनिक भास्कर नंबर-1 है। अरे भाई हो भी क्यों न, जब कापियां छापकर डंफ ही करना है तो कितना भी कर लो। वैसे भी नंबर-1 के खेल में सबसे आगे रहने के लिए दैनिक भास्कर कुछ भी कर सकता है। विश्वास न हो तो हाल में राजस्थान के बीकानेर शहर से प्रकाशित कलिनायक का अंक पढ़ लें। सबकुछ साफ-साफ समझ में आ जाएगा। जिस अखबार को खड़ा करने में उसके मालिक रमेश चंद्र अग्रवाल ने भारत की सांस्कृतिक मूल्यों को तार-तार कर दिया हो, वह शख्स किसी तरह अपने आपको कहीं भी नंबर-1 साबित कर सकता है। दूसरी बात दैनिक भास्कर पैसे के लिए क्या कुछ कर सकता है, इसका उदाहरण कलिनायक का विज्ञापन दैनिक भास्कर के जयपुर अंक में छापा जाना साबित कर देता है।
bilkul sahi farmaya hai aapne ki dainik bhaskar ranchi ke amiron mein dainik bhaskar sabse aage bilkul sach hai
bhaskar jahan kahin bhi gaya hai apni chaap chod gaya hai aur no.1 ka khitab hamesa barkarar hai. Ranchi ko bhi no.1bana dala ab aage aage dekhte jaiye kya hota jharkand fateh ke baad bihar next target hai so jagran aur prabhat khabar walo sawdhan ho jaeyan koi aapko takkar dene aa raha hai
mein bhaskar management walo se ye anurodh karna chaoonga ki jis tarah gujrat mein divya bhaskar publish ho rahi hai thik usi parkar punjab mein koi punjabi akhbar launch karenin taki J.K,H.P,Punjab,Uttrakhand,Haryana,Chandigarh,Rajastan aur desh ki razdhani New delhi ke lakhon punjabi bhasi ko ek nayi punjabi akhbar parne ko moka mile jate jate apko bata doon ki yehan jagbani aur Ajit akhbar in chetron mein apna hold banaye hue hai so inki pakar aur ghamand torne ke liye punjabi akhbar ko prakasit kiya jaye
dhanyewad