रायपुर। डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल परिसर में शनिवार की देर रात जूनियर डॉक्टरों द्वारा मीडियाकर्मियों से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पत्रकारों की शिकायत पर पुलिस अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी सहित जूनियर डाक्टरों (जूडा) के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत बलवा का मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
चिकित्सकों के व्यवहार व सुस्त कार्रवाई से नाराज पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आईजी मुकेश गुप्ता से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। आईजी ने पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि घटना के दोषी चिकित्सकों पर अवश्य कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार भी किया जाएगा। परन्तु घटना के 24 घंटे बाद भी आरोपी चिकित्सकों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, इससे पत्रकार नाराज हैं। मीडियाकर्मियों की शिकायत भी काफी हो हल्ला के बाद दर्ज की गई. मौदहापारा थाना पहुंचे पत्रकार ने अपने साथ हुई घटना की रिपोर्ट लिखानी चाही तो पुलिस ने सामान्य धारा के तहत मामला दर्ज करके बात को टालने का प्रयास किया, मगर मीडिया कर्मी धारा 307 जोड़ने की मांग पर अड़ गए। मगर पुलिस इस धारा के तहत मामला दर्ज करने से इनकार करती रही।
नाराज मीडियाकर्मी थाने से निकलकर मुख्यमंत्री निवास पहुंच गए। उन्होंने सीएम के आवास के बाहर ही धरना शुरू कर दिया, जो सुबह चार बजे तक जारी रहा। मजबूरन पुलिस ने धारा 307 के तहत भी मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी, डॉक्टर्स संघ के अध्यक्ष डॉ. चंदन, डॉ. सौरव व अन्य डॉक्टर्स के खिलाफ मारपीट, बलवा, हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
गौरतलब है कि शनिवार को जूनियर डाक्टर अस्पताल में व्याप्त अनियमितताओं सहित डॉक्टर्स रूम में एयर कंडिशनर व वॉटर कूलर की मांग को लेकर देर शाम धरना-प्रदर्शन कर हड़ताल कर रहे थे, जिसे कवरेज करने के लिए काफी संख्या में मीडिया कर्मी पहुंचे थे। इसी दौरान एक चैनल के संवाददाता द्वारा जूडा के धरना-प्रदर्शन से अस्पताल में फैली अव्यवस्था व मरीजों के हाल पर प्रश्न पूछे जाने से जूनियर डॉक्टर्स बौखला गए। जूनियर डॉक्टरों ने मीडिया कर्मियों से गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। चैनल के ओबी वैन में जबर्दस्त तोड़फोड़ की गई और कई पत्रकारों को पीटा गया।
सिटी एसपी सहित कई आला अफसरों की उपस्थिति में डॉक्टर्स गाली-गलौज कर हंगामा करते रहे, लेकिन उन्हें रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। लिहाजा नाराज मीडिया कर्मी अस्पताल परिसर में ही धरना शुरू कर दिया तथा आरोपी डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे, इसके बाद पुलिस बचाव की मुद्रा में आ गई। पुलिस देर रात मीडिया को दिए गए आश्वासन से पीछे हटते हुए एक चैनल के संवाददाता पर बलवा का मामला दर्ज कर लिया गया। बताया जा रहा है कि उक्त पत्रकार पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी की रिपोर्ट पर लोक सम्पत्ति क्षति निरूपण अधिनियम व बलवा का मामला कायम किया गया है।
इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है, जो जांच के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। इस समिति में स्वास्थ्य सचिव, मेकाहारा के डीन व आरएमई को शामिल किया गया है।
L.K Thapa
October 10, 2011 at 9:34 am
अरे भाई बच कर रहना डा. साहब को गुस्सा आ गया तो आपका किडऩी भी निकाल कर बेच देगें जी, ये लोग आदत से लाचार होते है। कसूर इनका नहीं है।