: लेमन न्यूज में न्यूज एडिटर रहे रवि पारीख की जुबानी इस चैनल के अंदर की असली कहानी : स्टाफरों व स्ट्रिंगरों की 50 लाख रुपये से ज्यादा की सेलरी डकार गया है आरकेबी : अपनी बीवी को 25 लाख रुपये की कार गिफ्ट देकर भूखे कर्मियों के जले पर नमक छिड़का : झूठ बोलने में महाउस्ताद आरकेबी ने स्टाफरों व स्ट्रिंगरों को रुलाया :
: चार-चार महीने से बिना सेलरी के काम कर रहे हैं लोग : जिसकी भी नियुक्ति हुई, उसे कभी न नियुक्ति पत्र मिला और न सेलरी स्लिप : टीडीएस हर महीने काटते रहे पर सर्टिफिकेट कभी नहीं दिया : लेमन के आफिस की कई बार बिजली कटी, फोन लाइन ठप, आफिस का किराया देना बंद : ये कंपनी नहीं, आरकेबी की दुकान है जिससे सिर्फ आरकेबी का घर भरता है :
ये लेमन टीवी की कहानी है. उस लेमन टीवी की कहानी जिसके बारे में कभी आपके यहां अच्छी-अच्छी खबरें और इस चैनल का विज्ञापन छपा करता था. मुझे पता है आपके रिश्ते आरकेबी से बेहद अच्छे हैं लेकिन यह पत्र मैं इस उम्मीद से भेज रहा हूं कि आप इसे जरूर प्रकाशित करेंगे ताकि लेमन टीवी के पीड़ितों को न्याय मिल सके, उनका हक मिल सके, उनका दुख कम हो सके और उन्हें ये महसूस हो सके कि उनके साथ दुख के इस दौर में कोई खड़ा है.
लेमन टीवी या कहो लेमन न्यूज, अब तक लोगों की आंखों में धूल झोंकता आ रहा है. क्या है ये सारी बात. लेमन की दास्तान हम आपको बताते हैं. लेमन के दो बास हैं. एक- जहीर अहमद और दूसरे राजीव बजाज जिन्हें आरकेबी कहा जाता है. आन पेपर सिर्फ जहीर अहमद चैनल के मालिक हैं पर हकीकत तो ये है कि जहीर सर सिर्फ कागजों पर चैनल के मालिक हैं, असल में लेमन में सारे निर्णय लेते हैं मिस्टर बजार और लेमन की सारी जिम्मेदारी है मिस्टर बजाज की. जहीर सर लेमन के लिए एक भी निर्णय नहीं लेते. आरकेबी ने कहीं से फाइनेंस (तकरीबन 20 करोड़ रुपये) का जुगाड़ किया और हो गया चैनल शुरू. जिसकी बदौलत ये चैनल शुरू हुआ, मतलब जिसने इस चैनल में पैसा लगाया, वो आज भी रो रहा है. उसके बाद जितने भी लोगों ने मिस्टर बजाज को फाइनेंस किया, शायद ही किसी का पैसा वापस मिला होगा. चलो, ये तो बड़े लोगों की बात हो गई, बात करते हैं चैनल में काम करने वाले कर्मचारियों की.
लेमन न्यूज में लोगों की नियुक्ति का दौर शुरू हुआ और लोगों का आना भी शुरू हो गया. मिस्टर बजाज ने मार्केट से ज्यादा सेलरी आफर कर लोगों को लेमन में नियुक्त किया. सभी लोगों को पहली दो-चार सेलरी समय पर मिली, बाकी बाद के दिनों में सेलरी की जगह वादे मिलना शुरू हुआ. नवंबर 2009 में तो ऐसी नौबत आ गई कि कोई कर्मचारी काम करने को तैयार नहीं था. तब जहीर अहमद और राजीव बजाज, दोनों बहुत टेन्शन में थे. पर तकदीर ने एक बार फिर साथ दिया और एक बार फिर से फाइनेंस का जुगाड़ हो गया. एक धर्मगुरु के अनुयायी की कंपनी से फाइनेंस मिला और स्टाफ को सेलरी मिली. यहां तक तो सब ठीक था. जितने पैसे आए, आपस में बांट लिए. फरवरी 2010 से सेलरी लटकाने का दौर फिर शुरू हो गया. फरवरी 2010 से दो-तीन महीने काम कराने के बाद एक महीने की सेलरी दी जाने लगी, ताकि कोई काम छोड़कर चला न जाए.
कई लोग चले गए पर उन लोगों को उनकी पेंडिंग सेलरी आजतक नहीं दी गई. सभी मिस्टर बजाज को अपनी सेलरी के लिए रिक्वेस्ट करते रहे और बदले में बजाज की तरफ से पाजिटिव जबानी रिप्लाई मिलता रहा, लोगों को आस थी कि मिलेगी सेलरी पर नतीजा जीरो. एक बात कहता हूं कि लेमन के सभी स्टाफ ने अपनी दीवाली और ईद लाचारी से मनाई है और ये सच्चाई है, दूसरों से लोन लेकर स्टाफ ने अपने त्योहार मनाये हैं. जिसका फेमिली बैकग्राउंड अच्छा है, वो इस उम्मीद से इस चैनल में बने रहे कि आज नहीं तो कल, कभी ना कभी तो पेमेंट मिलेगा. पर ऐसा हुआ नहीं. लोगों को गुस्सा तब आया जब राजीव बजाज ने 25 लाख की गाड़ी खरीदी और अपनी बीवी को गिफ्ट दे दी. जो लोग लेमन के आफिस में काम कर रहे हैं, उनकी बहुत बुरी आर्थिक स्थिति है, जो स्ट्रिंगर हैं, उनकी हालत तो इनसे भी बुरी है क्योंकि स्टाफ को तो कभी-कभी पांच हजार रुपये की किश्त मिल जाती थी पर स्ट्रिंगर को कभी पैसा नहीं मिला. ये कहानी हर जगह है. चाहें महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश या पंजाब हो या गुजरात.
किसी भी स्टेट के प्रतिनिधि को अपना पेमेंट नहीं मिला है. स्टाफरों व स्ट्रिंगरों का कुल पेमेंट जोड़ दिया जाए तो लगभग 50 लाख रुपये से उपर ये फीगर पहुंच जाएगी. कहने को लेमन न्यूज चैनल है पर यहां दो बार नान-पेमेंट की वजह से बिजली काट दी गई थी. टेलीफोन तो कई बार पंद्रह-पंद्रह दिन तक काटे गए. आजकल भी सभी फोन लाइनें काट दी गई हैं. चैनल में लगे सभी फोन्स के इनकमिंग और आउटगोइंग बंद है. ड्राइवर और प्यून तक की सेलरी ये खा गए हैं. मिस्टर बजाज सिर्फ बातें करते हैं और बातों से ही दूसरों को चुप रखते हैं. इसी कारण कोई उनके सामने तो बोलता नहीं पर अंदर ही अंदर सब उन्हें गालियां देते हैं. मिस्टर बजाज के रहने की स्टाइल देखो, रुआब देखो तो ऐसा लगता है कि देश का सबसे बड़ा नागरिक हो, पर इनसे अच्छा तो एक पान वाला है जो अपना व्यापार ईमानदारी से करता है. आप सोचो, पचास लाख रुपये से ज्यादा का वेतन ये बजाज खा गया और डकार भी नहीं ले रहा है. उपर से लोगों को अभी भी भरोसा दिला रहा है कि मैं सेलरी दूंगा. कब दोगे, जवाब मिलता है- कल. पर ये कल कभी आता ही नहीं है.
राजीव बजाज पांच हजार रुपये की सेलरी वाले कर्मचारी को छुट्टियों के दिन में चैनल में रुकने और काम करने को कहते हैं और जब घर जाने का समय आता है यानि रात 12 बजे तो उससे कह देते हैं कि पैसा कल मिलेगा. सुबह से आया इंसान रात तक रुक कर बिना सेलरी के ही घर जाता है. दो-तीन घंटा आफिस के बाहर बिठाकर रखने की तो राजीव बजाज की पुरानी स्टाइल है. चैनल के लिए जिन लोगों ने इक्विपमेंट रेंट पर दिए हैं, वे लोग भी परेशान हैं. कुछ तो इक्विपमेंट वापस उठा ले गए हैं. दीवाली में दूधवाले ने दूध देना बंद कर दिया था. इतना सब होता रहा पर मिस्टर बजाज को कोई फर्क नहीं पड़ता था, उनकी एय्याशी बरकरार थी. इसी चैनल में काम करने वाली एक लड़की को 45 हजार रुपये प्रति माह पगार दिया जाता है. वो क्या काम करती है, ये आज तक किसी को नहीं पता. संभवतः सिर्फ बजाज साहब को मालूम होगा कि वो क्या काम करती है. हां, उस लड़की को हर महीने की सेलरी मिलती रही है, चाहे वो आफिसियल तरीके से मिले या अनआफिसियल तरीके से.
पर पुरुष कर्मचारियों की बात करें तो ऐसा कोई नहीं है जिसकी भावनाओं के राजीव बजाज ने खिलवाड़ न किया हो. बल्कि कहें कि दूसरों की भावनाओं से खेलना राजीव बजाज का पेशा है तो गलत नहीं होगा. चैनल से जितने लोग गए हैं, वो सभी पेमेंट नहीं मिलने की वजह से छोड़ गए हैं. एक और बात सुनिए. यहां किसी की नियुक्ति आन पेपर नहीं है. किसी को कोई लेटर नहीं मिलता. न ही सेलरी स्लिप मिलती है. अब तक जितनी भी सेलरी दी गई है उसमें टीडीएस काटा गया है पर टीडीएस सर्टिफिकेट किसी को भी नहीं दिया जाता. कुछ लोगों का, जिनको ये अपना कहते हैं, उनका नाम सेलरी लिस्ट तक में भी शामिल नहीं किया जाता. उनको आफिस में बुलाकर अलग से पेमेंट किया जाता है. कोई हिसाब नहीं है इन बातों का. ऐसा नहीं लगता कि ये एक कंपनी है. ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति (मिस्टर बजाज) के यहां हम निजी काम कर रहे हैं, उनके लिए मेहनत करो, सुबह से रात तक, 14 से 18 घंटे मेहनत करो और सेलरी जो मिलनी चाहिए वो भी ये मालिक खा जाए तो कैसा लगेगा, बस यही लगता है कि यहां पर…..
मेहनत करो और मिस्टर बजाज का घर भरो. दिवाली में शिरडी के स्ट्रिंगर भुजबल राजेंद्र को आफिस बुलाया गया, वो आफिस भी आया. उसके पास आने के लिए भी पैसे नहीं थे तो किसी से लोन लेकर आया. दिन भर उसे बैठाकर रखा और रात में बोल दिया कि पैसा नहीं है. उस स्ट्रिंगर के आंखों से निकल रहे आंसू भी मिस्टर बजाज को नहीं दिखे. लोगों को कहा जाता है कि अपना बैंक एकाउंट नंबर एसएमएस करो, पैसे बैंक में डाल दिया जाएगा, कसम है आज तक उन्होंने किसी का पैसा जमा करवाया हो. लेमन में आज पांच मारुति कार हैं. सभी खड़ी हैं. रिपोर्टर और कैमरामैन ना होने की वजह से ये गाड़ियां बाहर नहीं जाती हैं.
आफिस में गुजरे हुए जमाने के कंप्यूटर हैं जो मकान मालिक की देन है. आफिस रेंट पर है. उस मकान मालिक के साथ रेंट न देने के कारण कोर्ट में मामला चल रहा है. मिस्टर बजाज ने एक आफिस उसी बिल्डिंग में सेवेंथ फ्लोर पर लिया था, सिर्फ परसनल यूज के लिए. उस आफिस को भी उसके मालिक ने भाड़ा न मिलने के कारण वापस ले लिया. इस परसनल आफिस के बारे में शायद बहुत कम लोगों को पता होगा. यहां सिर्फ बड़े और खास (दिल बहलाने वाले) लोगों को ले जाया करते थे. क्या किया जाए ऐसे झूठे और नीयत में खोट रखने वाले इंसान का. मर्यादा में लिख रहा हूं वरना यहां बुरे से बुरे शब्द भी कम पड़ जाते.
बेरोजगार इतने हैं कि नए लोग यहां आते रहेंगे और बुरे-दुखद अनुभवों के साथ अपनी मुंडी कटवाकर चले जाएंगे. ये सब कब बंद होगा? क्या कोई है? इंसान एक बार फंसता है, पर सच्चाई ये भी है कि फंसने वालों की किधर कमी है, पर मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है कि उसकी लाठी और मजबूरों की बद-दुवाएं जब पड़ेगी तो उसमें आवज तक न आएगी. मिस्टर बजाज की ऐय्याश लाइफ के बारे में लिखना उचित नहीं है, इसलिए नहीं लिखा. पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती है दोस्तों. फिर मिलेंगे, जल्द ही. इसी जगह.
आभार
रवि पारीख
पूर्व न्यूज एडिटर
लेमन न्यूज
मुंबई
संपर्क : raviparikh.utsav@gmail.com
Comments on “लेमन की बदहाली कथा”
ravi bhai, apka likha pura ka pura padh gaya. aanko me aasu aa gaye. mai bhi ek stringer hu, bihar mei. en rkb jaise sampadko kutto ke kaarna ham media ki dasha kharab huyi hai…. en logo ko chaar jute maarna chahiye sabke saamne, enke muh par, taaki phir ye kisi ka paisa na maare. aapne dil kholkar apne parichay ke saath likha, ye aapki himmat hai jisko mai salam karta hun. ravi ji aapne sach kaha ki… eshwar ki laathi jab bajaj pe padegi to uski aawaz tak na niklegi. keep it up ravi parikh ji….
your borther
vivek
patna
लेमन न्यूज में कार्यरत लोगों के बारे जानकर दुख हुआ। कभी मुंबई में आरकेबी शो को लोग देखते थे। लेकिन आज शायद ही कोई देखता हो। मेरे जैसे मुंबई कर तो शायद नहीं। अक्सर आरकेबी बडी सी गाडी में आते जाते दिखाई देते हैं। लेकिन यदि वे अपने साथ कार्य कर रहे लोगों का शोषण कर रहे हैं तो यह बहुत बुरी बात है। ऐसे लोगों को संवैधानिक निकायों का सहारा लेना चाहिए।
VERY SORRY TO HEAR ABT YOU GUYS.
>:(rkb jaise choron ki desh me kami nahi hai bhai
sir aap pyment na dene ki wajah hamare call nhi recive kar rhe the.or aaj aapka ye likha lekh dekh kar lag rha is ahesaan faramos inssan ko chullu bhar pani me dub ke mar jana chahiye.bahot afsos ho rha ki is ghatiya insaan ke liye kaam kiya.ye etna bura hai.bad duwa bhi kum padegi.
rkb agar sharm ho to pani me doob maro…kab tak kisi ki hay logo..kitne nir lajya ho
comment deleted
comment deleted
comment deleted
comment deleted
comment deleted
aj hamara media idustries in logon se hin badnam ho gaya hai rkb jaise kai log hai jise saja milani chahiye ye log netaon se bhi jayada bharast hai ye mazboor ladkiyon ka fayada uthana bahut ache tarike se janta hai….
एक ही आईपी एड्रेस से अलग-अलग नामों से आए सभी कमेंट्स को डिलीट कर दिया गया है. कृपया एक आईपी एड्रेस से एक ही नाम से कमेंट करें और कोशिश करें कि एक आईपी एड्रेस से एक से ज्यादा कमेंट्स न आएं.
एडमिनिस्ट्रेटर
भड़ास4मीडिया
comment deleted
comment deleted
comment deleted
comment deleted
comment deleted
comment deleted
ek samay tha jab lemon news ki log misaale diya karte the…aaj media me aise kai chnl hai jo isi chnl ke pattrn ko follw kar trp ki duniya par chaye hue hai…par ab lemon news chnl ek aisa torture room ban gaya hai…jaha log ke mahnat,imaandaari aur dedication with emotion se khilwaad kiya jata hai…hats off to those people who are still wrking in that living hell…
जो भी लिखा है उसका एक एक शब्द सही है ऐसे लोगोने ही मीडिया के होनहार लोगो की हालत ख़राब कर दी है .सच्चे लगन से कम करने वालो की कोई अय्मियत नहीं रवि सर ने जो कुछ लेमों के लिए किया है वो और कोई नहीं कर सकता पूरी ईमानदारी से रवि ने चैनल की हर एक दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की लेकिन जिस RKB राजीव कुमार बजाज के लिए भूखे पेट बिना पैसे का कम किया उसने ही पीठ में खंजीर खोपा महाराष्ट्र के एक भी रिपोर्टर तथा स्ट्रिन्गेर का पैसा इस RKB जैसे नीचले स्तर के इन्सान ने नहीं चुकाया बस बेटा बेटा कहकर धोखा दिया ….इसे बस अपने ऐशो आराम की पड़ी है .लिफेस्त्य्ले तो इंग्लिश बाबु जैसा है लेकिन दिल में खोट है ऐसे लोग मीडिया में रहने ही नहीं चईये RKB SHOW देखना मतलब झूठे की झूटी खबरे सुनना है .420 करने वाला शख्स क्या खबर बताएगा …….भूखे पेट कम करवाता है .इसे तो मीडिया में रहने कोई हक नहीं .जिस चैनल में यह रहेगा उस channel की तो बत्ती गुल समाजों रवि सर आपने अपनी ज़िन्दगी के कई साल इस हरामी की वजह से बर्बाद कर दिए यह कभी आपको आपकी पेंडिंग सलेरी नहीं देगा भगवन करे ऐसे लोग …..की मौत मरे इतने घटिया शब्द है लेकिन यहाँ इस्तेमाल करना उचित नहीं .देहात गों में लोकल चैनल वाले भी अपने स्टाफ का इतना बुरा हहल नहीं करता जो इस RKB ने अपने वफादारो का किया है .
agar itne logo ko is cheez se problemhue hai toh aap log unke khilaf koi case file kyun nahi karte? I am sure koi na koi section mein is cheezon ka zikar humare constitution mein zarur hai. Aur agar itne appeal sath mein honge toh shayad jo hua hai aap logon ke sath uski karawahi hogi.
लगभग सभी चेनलों का यही हाल है. स्ट्रिन्गर तो भूखे मर रहे हैं. इसी तरह के चेनल स्ट्रिन्गर को ब्लेक मेलिंग के लिए मजबूर करतें हैं और मीडिया का नाम बदनाम होता है. इन चेनल की हालत को देख कर लगता है कि खून चूस रहे हैं ये लोगों का. इनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाही होनी चहिये
Ravi Sir Aapki likhi bate sunkar Bahot dukh hua.
Sir is madhyam se mai sabko Batana chahunga ki BJ,MJ hone ke baad youvako ko aasha rahti hai ki wo acche Chenel me kaam kare kyon ki acche chenel me acche Log hote hai aisa Mana Jata hai . Lekin Har chennel Acche log Nahi hote yeh baat Aaj AApne Sabke Samne Laye Hai.
Sir Hum badi badi Baate karte hai. bade bade Ghotalo par Chennelo par Dikhaya Jaata hai. lekin Hamare Payment Ke Ghotalo Par Koi Nahi .Bolta .Jin Stringers Ki badolat Chennel ko Badi Khabre Milti Hai.Sochne baat hai wo khabar chennel tak Aati Kaise hai. mai batata hu .
Pahele 100rs ki tape lekar cemere me daalni padti hai . phir shoot Karna padta hai.phir Footage ko Computer me Lekar cut Karna hota hai.uske liye 100rs lagte hai.phir us Footage ko FTP par upload kiya jaatahai.2rs Per MB lagte hai. use 100rs .toh 300rs EK News Bhejne ka Kharch Hota hai. Itna Kharch aur Mehnat Karne ke Baad Bhi Agar Payment Nahi Milta hai to yeh Bahot Galat Baat Hai.Aur is Galti Ki Saja Nahi Mili to.Aanewale Naye Reporters aur Stringers Ke liye Khataranak Saabit ho Sakta Hai.
AAB HUME APNA DUM DIKHANA HOGA !
NI3
lemon ka ek dusra rup VON yani voice of nation hai jiskey malik shri manish verma bhi pichle 6 months se apne karmchario ka khoon choos rahe hai.ya salary mangna ek apradh hai aur jo ye apradh karta hai use channel se nikal diya jata hai.log kehte hai ki jo dusro k sath bura karta hai us k sath bura hi hota hai lekin RKB aur manish verma jaise log to apne karmchario ka khoon choos kar karodpati hote ja rahe hai……media apne in jalsaj,makkar,dhurt,aur apradhi sathio k khilaf kyo awaz buland nahi karti hai..
RKB matlab Rajeev Kunwar Bajaj nahi, balki Rupaye ka bhookha. Bajaj ek ladki ko bina kam ke pagar deta hai aur vo ladki kuchh nahi karti bas Bajaj ko khush rakhta hai. uska pagar hai 45, 000. Bajaj ko beimani ke dhandhe mein Pradip Nambiyar poora sahyog deta hai. Dono chor chor mausere bhai hain. Lemon ko jisne bhi chhoda hai vo indono ko jamkar baddua de raha hai.
janab kya baat kartey hoo….p7 channel ka yahi hall hai..last joon-july month me ratlam mai mp ki state bjp working samiti ki meeting ki report k rupay aaj tak nahi aaye…..yahi nahi state beuro ko jab bhi kaho kehtey hai ki undar prosess hai…..pata nahi kitna undar prosess rahega….
comment deleted
is problem ke pichhe sabse bada reason to ye hai ki channel ka malik hi bewkoof hai….Zahee sir itne bade bebkoof hai ki RKB jaise log unke dono channel me bhare pade hai…chahe wo lemon ho ya phir Channel one….lemon me RKB hain to Channel one me rajiv, mohit aur brijmohan……journalist to chhodo..kamse kam Zaheer sir agar ek achhe bussiness man hote to aaj kahani kuch aur hoti…
MERA LEMON NEWS SE KUCHH LENA-DENA NAHI HAI; BHAI SAHAB AAP KA KAHANA SAHI HAI, HAMARI JANKARI KE MUTABIK KAI LOG WAHA SALARY NAHI MILNE SE KHUN KE AANSU RO RAHE HAI, BHAGWAN AISE SALERY HADAPU LOGO SE BACHAYE,
kisi bhi channel ko badnam karna ya kisi shakhs par kichad uchhalna bahot aasaan baat hoti hai,lemon news jab shuru hua tha us dauran RKB ne apani ek nayi team banane ki koshish ki thi aur vo isme kamiyab bhi huye lekin jis tarah se financially problems is channel ke samne aane lage hai aur ye problem aur bhi kayiyo ke saath bhi hai jisse ubharne ki leman koshish me hai unme kuchh log channel ka aur channel ke saath vafadari se kaam karne valo ka manobal girane ki koshish chal rahi hai.
lemon news ke saath kaam karne vale aise kayi log hai jo leman ke saath shuru se jude the jo aaj dusare chanels me puri safalta ke saath kaam kar rahe hai.lekin kuchh logo ko shayad kisi baat ko lekar leman me dukh pahuncha hoga jo is vaqt apane tamam kiye karaye par paani fer rahe hai.leman me aaj bhi aise kayi log hai jo puri lagan ke saath kaam kar rahe hai aur chanel on air hai lekin iska matlab ye nahi hai ki jo log aaj bhi yaha par kaam kar rahe hai unhe dusari jagah par kaam nahi mil raha hai ye log puri nishtha ke saath yaha kaam kar rahe hai aur utani nishtha ke saath jitani nishtha ke sath shayad ravi parikh bhi kar rahe the.
Ravi parikh ko mr rkb ne News Editor banaya tha yani sabse ahem jimmedari unpar thee fir kya baat huyi ki vah itane naraj ho gaye hai aur sidhe rkb ke khilaf iss tarah se kichad uchhalne ki koshis sarvajanik taur par ho rahi hai.kyo ki itana sabh padhne ke baad dukh hota hai ki kuchh mangadhat baato ko yaha par likha ja raha hai shayad iska dushparinaam nayi peedhi par pad sakta hai aur ve isse sach maan sakte hai is liye ravi parikh se kahena hoga ki agar kisi aur baat ko lekar aapka Mr RKb ke sath manmutav hua hoga tab aap usi baat ko lekar unse fight kijiye na ki kisi teesari baat ko lekar jisme koyi sachchayi bhi nahi ho ya fir uska koyi tatparya bhi na ho.
comment deleted
baja k sath jhigalala karna chahiye
Ravibhai kya news editor hai, koi isko reporter ki naukri na de. I have personally known RKB, Mahadev jaise behaviour hai inka, gadhe ko bhi ghoda bana dete hai. The donkeys later forget that their stature has been elevated due to people like RKB. Their incompetence causes their downfall. Ravi Parekh is a non entity in this industry, who has made him NEWS EDITOR, chaprasi ki aukad jis ke nahi hai , kisi par bhi kichad uchal de. Bhadas4media before publishing shud study the credentials of the complainant
Rajiv bajaj jaisa makkar aur jhuta insan nahi dekha. kai logoke paise hadap gaya hai. He will pay for all his sins. Will be behind the bars one day or the other I only pray his family if at all clean should not have to pay for his sins.
यशववंत जी आपको सुनकर हैरानी होगी कि लेमन में भडास की साइट खोलने के लिए ना किया गया है..लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि यह आदेश सिर्फ लेमन की ही चार दिवारी के तक सीमित रहेगा…मै एक ही बात कहता हूं.कि बजाज साहब ऐसा क्यों कररहे हो कि इन सबकी नौबत आए…..जिस तरह से इंटरटेंटमेंट के लोगों को सैलिरी देते हो सब को उसी तरह से दे दो…मगर नही उनके बगैर लेमन कहां चलेगा….बल्कि यह कहना दुरुस्त होगा कि…इंटरटेंटमेंट लेमन के टक्कर का आज तक और एनडी भी नही है……क्या अब भी आपको नही लगता कि आप जो कररहे हो गलत कररहे हो..नही ऐसा नही है सारी दुनिया एक तरफ और आपके फैसल और आपकी बात एक तरफ..आपको बताते चलूं कि भडास जो आप देखने के लिए मना कररहे इस पर शुरूवात आपने ही की थी..अब इसे खतम आपको ही करना होगा…यशवंत जी मैंने इस दौरान बजाज साहब की मिसेजको भी एक एसएमएस किया था..क्यों कि इंसान या मैं जिस पोजीशन में हूं मुझे हर वह दहलीज जहां प लगता है कि कुछ भी मदद की उम्मीद है वहां जरूर दस्तक दूंगा….एक SMS जो आप सब भी पढें…MAM MAI SHAHID ANSARI MAINE LEMON K LIYE AOR BAJAJ SAHAB K LIYE WO SAB KCH KIYA JO M,JSE MUMKI THA..LEKIN AAJ MERI HALAT BAHT KHARAB HAI MAI APNE PAISON K LIYE BAJAJ SAHAB KO BOLA..LEKIN WO INKAAR KARRAHE..AAP SAMJHIYE MERI PARESHANI..MJE PAISE PAISE DILWA DIJIYE….APKA EHSAN HOGAMJHPAR..MADAM HAM HAMESHA APAKE BARE ME TAREEF KARTE HAIN….PLS AAP MERI MADAD KIJYE…..यशवंत भाई यही वह दर्द है जो मैंने बयान किया….लेकिन इसका भी कोई असर नही पडा..बात तो सही है जो महल में रहते हैं वह भला जमीन पर रहने वालों की हालत कैसे समझ पाऐंगे…यह SMS मैं ने 27 जवनरी को भेजा थे….उसके बाद बजाज साहब को फिर मैंने एक SMS भेजा..वह भी पढिए…MAI 14 DINO SE MERE GHAR SE BAHAR HU.MAINE APNE SARE HALAT BATAYE BHI AAPKO ..AAP CHAHTE TO EK MINT ME MERI PARESHANI DOOR KARE SAKTE THE….LEKIN AISA NAHI HUWA…..KIYOKI HAMNE AAPKE LIYE APNI JAAN KI PRWA NAHI KI KABHI BHI…US DIN MERE SAGE BHAI KI SHADI THI JAB AAPNE KAVITA KI COMPLAIN KARNE KO KAHA THA….LEKIN MAINE UF TAK NAHI KIYA THA….LEKIN BAAD ME TO MAI DALIT BAN GAYA…..MJHE IS BAAT KA AFSOS HAI KI MAI MERE GHAR WALO KI MUSHKIL GHADI ME KUCH NHI KAR PAYA…AB MJHE PATA CHALA KI AAPNE BAHT ACHCHA KIYA…MJHE MJHE LAGTA THA KI…..NAHI MAI GALAT THA…LOG MJHE MANA KARTE THE….LEKIN MAI UNHE NAZAR NDAZ KARTA THA….SIRF AAPKE LIYE……LEKIN IN SAB SE AAPKO KOI FARK NAHI PADTA……HAMARE HALAAT KAISE BHI HO…..KIYOKI MERE JAISE EK NAIHI HAZARO AAPKO MILENGE…….
यशवंत भआई यह मैंने 29 जनवरी को किया था….लेकिन बजाज साहब को इससे कोई फर्क नही पडता ..बात तो सही है…….बजाज साहब उन्हें बराबर पैसे देते हैं….जो उनकी ही साथ रहकर उनकी ही पीठ मे छूरा घोपते हैं…मिसाल है आपके सामने ….काफी कोना…..जिसमें उनके पैसे कचरे के तरह बह गए…र मिला कुछ नही उलटा और अपने जेबह से लगाना पडता है…और होटल भी अभीजीत भट्टा चार्या की………….
यशवंतजी अब तो पता चला है कि मेरी और रवि पारीक की फिल्डिंग लगाई गई है वह भी प्रदीप नबंयार के गुंडों से…………….मेरी यह समझ में नही आरहा है कि जब सही बात है तो बुरा क्यों लगे…..मैं बजाज साहबको या उनके सलाहकारों को एक बार सिर्फ बार जानेने की की कोशइश क्यों नही करते कि आपकी वजह से हम किस गत को पहुच गए……………….
मैं एख ही बात करता हूं कि अगर फाइट करना है तो भडास का मुफ्त का उपयोग करें ..गुडो मवालियों को पैसे देने से बेहतर है हमे ही पैसे दे दो…..अगर किसी ने भी मेरे ऊपर हाथ उठाया….तो अंजाम भी वह सोच लेगा….उसके बाद का….वह अपने पैदा होने का अफसोस करेगा….और मेरे लिए रोने के लिए कोई आगे नही आए गा…लेकिन जो यह कदम उठाएगा उसके बच्चों को उसकी कमी महसूस नही होने दूंगा……
Ravi Sir
ka dukh sahi hai
me bhi lemon india ka pidit
hangig briz hadsa se
ek sal ka pament mera bhi due chal rha he
per rkb show ke name se apni dukan chalane wale rajiv bajaj
ko apne workers ka dukh nazar nahi ata
rajiv bajaj ko yah sochna chahih ki
worker kam to karata hai par parivr kese chalaya
me bhi lemon TV ka kota savandadata hu
rajiv bajaj ne kisi bhi worker ka payment nahi kiya
kya hoga lemon chanel ka v chanel 1 ka
Writer gourav chaturvadi kota ls reporter
Ravi Parik jaise chaprasi ko itna importance kyo diya jaa raha hai. Abhi woh chaprasi “poorva news editor” apne aap ko kehta hai. Mufth me apna TRP bada raha hai , aur sab ko bewkoof bana raha hai.
Ravi parik -Chaprasi ko bahut pehle se laat marke bahar karna chahahiye tha, he does not know the abc of journalism
सलाम उन वफादोरों को जो आज आरकेबी और लेमन की तारीफ के पुल बाध रहे….शायद यह भूल गए कि 2 दिन पहले तक चाय की दुकान पर यही चाय पी पी कर आरकेबी को गाली बक रहे थे……….जनाब किसी का कोई और मामला नही बल्कि सैलिरी का है जो आपको अच्छे से पता है……….पने दिल पर हाथ रखो और अपने बच्चों की कसम खा कर बोलो ……क्या जो भी रवि पारीख की तरफ से आया है वह गलत है…………आप शायद भूल रहे हो अय्यूब भाई कि आपने ही कहा था..कि आप के चाचा गांव मे इतेकाल करगए और आपको आकेबी ने पैसे नही दे रहे थे…..आपने कहा थआ कि आपको ईद के समय बुललिकर पैसे नही दिए आरकेबी फरि आप गालियां देते हैं………अय्यूब भआई इसे क्या समझा जाए कि आपको पैसे बराबर मिलते रहे आप खाली दिखा रहे थए लोगं को ……..कि आपको नही मिलेत थे…….और अगर आरकेबी सहीं हैं……तो सहारा में 12 पेज का कंम्लेन लेटर किसने लिखा था…आपने ही ना…तो वह गलती आपने कैसे कि…………..अब कौन सही कौन गलत है यह बताने की जरूरत नही…………..
Ravi Parik the most incompetent person , jab “1 lac per month salary” le raha tha tab RKB was God. Aur Incompetency ke wajah se lath mar kar naukri se nikal diya tho RKB is bad…….
Ravi Parik is a loser- Yeshwantji aap hi us ko naukri dena, aur jab incompetency ke liye laat mar kar Ravi ko bahar karoge tho Yashwantji aap hi ko Ravi “…….” kahenge.
Ravi parik jaise chaprasi ko jiske aukad 10,000 pm tha, RKB ne 1,00,000 pm diya, deserving reporters ka paise Ravi Parik kha gaya….
Life is for winners not losers, you should not be promoting losers like Ravi- give him a job
Raviji…main zyada nahi kahonga,aapki har baat sach hai aur jo RKB ki jhooti tareef kar rahe hai unka maqsad hamhe nahi maloom…..RKB sabse bada chor hai……..kripya karke is aadmi se door rahe……..[b][/b][b][/b]