वाराणसी से खबर है कि आई-नेक्स्ट को नोटिस जारी करने के बाद संपादक आलोक सांवल की ओर से आयी प्रारंभिक आपत्ति श्रम विभाग ने स्वीकार कर ली है. श्रमिक नेताओं ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है. समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी दादा और काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष योगेश गुप्त पप्पू ने यह प्रतिक्रिया दी है.
दरअसल श्रम विभाग ने आई-नेक्स्ट को नोटिस देकर कहा था कि अगर आपने तय अवधि एक माह के भीतर राशि जमा नहीं की तो आपके खिलाफ आरसी जारी की जाएगी. कायदे से देखा जाए तो यह एक तरह की आरसी यानी रिकवरी नोटिस ही है. अब 29 मार्च को आई-नेक्स्ट और गांडीव के मामलों की सुनवाई होनी है. आलोक सांवल के दस्तखत वाले लेटर के अलावा विश्वनाथ गोकर्ण और राजनाथ तिवारी सहित पांच लोगों के दस्तखत वाला एक और पत्र नत्थी है. श्रम विभाग ने नोटिस जारी की थी क्योंकि जागरण कहता था कि उससे आई नेक्स्ट का कोई नाता नहीं है.
आलोक सांवल के दस्तखत वाले कागज पर साफ लिखा है-ए पब्लिकेशन आफ दैनिक जागरण. इसपर श्रम विभाग ने जैसे ही प्रारंभिक आपत्ति स्वीकार की कर्मचारी नेता अजय मुखर्जी दादा ने तीखा विरोध जताया और कहा कि नोटिस जारी करने के बाद प्रारंभिक आब्जेक्शन स्वीकार करने के काफी निहितार्थ निकलते हैं. इसका श्रम विभाग को जवाब देना होगा. अब 29 मार्च को आई नेक्स्ट और गांडीव के श्रमिक प्रतिनिधियों, कर्मचारियों और प्रबंधन की मीटिंग श्रम विभाग में होनी है. आई-नेक्स्ट की नोटिस के बाद आयी प्रारंभिक आपत्ति को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. साभार : पूर्वांचलदीप
Comments on “श्रम विभाग ने कैसे स्वीकारी आई-नेक्स्ट के संपादक आलोक सांवल की आपत्ति!”
bhai ji upper labor commissioner basic objection ka disposal merit par
jane se purva kar sakta ha.sirf union ki na suna kariya,ap to sath bhi rahe ho. satish Dwivedi Hr Manager kanpur