वाराणसी: हिन्दुस्तान में चांडाल-चौकड़ी ने आखिरकार तीन और लोगों के पेट पर लात मार दिया। इन सभी को बस इसी महीने तक ही नौकरी पर रखा जाएगा। कहा गया है कि कहीं और देख लो कामकाज, हमें तुम्हारी जरूरत नहीं। वजह बतायी गयी है इनके कामकाज का स्तर खराब है। जबकि यह सभी बरसों से हिन्दुस्तान में काम कर रहे थे और पिछले प्रबंधनों ने तो इन्हें नियमित तक करने की सिफारिश भेजी थी।
पिछले दस साल से फोटोग्राफर का दायित्व सम्भाले अनूप कुमार शील उर्फ पिंटू, फोटोग्राफर सौरव बनर्जी तथा पवन सिंह के जाने के बाद से क्राइम की बीट सम्भाल रहे देवेंद्र सिंह को हिन्दुस्तान प्रबंधन ने बाय-बाय कर दिया है। यह सभी स्ट्रिंगर के पद पर थे और महज चार से छह हजार रुपयों की पगार पर काम कर रहे थे। बताते हैं कि विगत दिनों इन सभी को स्थानीय सम्पादक ने बुलाया और अगले महीने से दफ्तर न आने का हुक्म सुना दिया। इन लोगों ने जब उनसे इस फैसले का कारण पूछा तो उनका कहना था कि उनका कामकाज ठीक नहीं है। सवालों के जवाब में इन लोगों से कहा गया कि डीएनई अनिल मिश्र ने इस बाबत रिपोर्ट की है और कहा है कि आप लोगों स्तरहीन कामकाज है। न फोटो खींचने की तमीज है और न ही खबरें लिखने का सलीका।
हिन्दुस्तान में इस फैसले के खिलाफ कर्मचारियों में खासा रोष है। उनका कहना है कि कई बार सार्वजनिक तौर पर फोटोग्राफर पिंटू को संपादकों और सामाजिक संस्थाओं ने प्रशंसित और पुरस्कृत किया है। देवेंद्र सिंह ने स्ट्रिंगर होने के बावजूद जिस तरह से क्राइम का काम सम्भाला, वह अपने आप में मिसाल है। यही स्थिति सौरव बनर्जी की भी रही है। कभी किसी को उनसे कोई शिकायत नहीं रही। फिर अचानक यह फैसला हो गया जो अपने आप में दुखद है।
चर्चाओं के अनुसार हिन्दुस्तान की इस यूनिट में शुरू से ही कर्मचारियों के बीच भुअरा के नाम से कुख्यात चांडाल-चौकड़ी की साजिशें बतायी जा रही हैं, जिसके चलते पिछले करीब सात बरसों से हिन्दुस्तान का यह संस्करण लगातार पराभव देखने पर मजबूर है।