नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट जल्द ही प्रसार भारती के निलंबित मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) बी एस लाली के खिलाफ अनियमितता के मामले में सरकारी गवाहों से जिरह शुरू करेगा। प्रधान न्यायाधीश एस एच कपाडि़या के नेतृत्व वाली पीठ ने अपनी रजिस्ट्री से कहा कि वह चार हफ्तों में यह जिरह पूरी करे। यह भी निर्देश दिया गया है कि अनियमितताओं से जुड़े सभी सुबूत पंजीयक के समक्ष पेश किया जाए।
साथ ही लाली को भी कहा गया है कि वह अपने गवाहों की सूची दो हफ्ते में पेश करें। पीठ ने राष्ट्रपति के निर्देश पर लाली को हटाने का आदेश जारी किया था। लाली उत्तर प्रदेश कैडर के 1971 बैच के अधिकारी हैं। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पिछले 21 दिसंबर को लाली को निलंबित करने का निर्देश दिया था। कानून के मुताबिक, इसके अध्यक्ष या सदस्य को केवल राष्ट्रपति के आदेश से दुर्व्यवहार के आधार पर ही हटाया जा सकता है। इसके लिए यह भी जरूरी है कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट जांच करे।
लाली ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। साथ ही आग्रह किया था कि कोर्ट उन संदर्भो की शीघ्र सुनवाई करे क्योंकि इसी वर्ष दिसंबर में वह सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कोर्ट ने इस वर्ष 14 फरवरी को लाली को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू की थी और केंद्र सरकार को लाली द्वारा की गई कथित अनियमितताओं के बारे में सुबूत पेश करने को कहा था। साभार : एजेंसी