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इंडिया न्यूज से 100 से ज्यादा छंटे

छंटनी अभियान में इंडिया न्यूज प्रबंधन ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें दिल्ली मुख्यालय से लेकर प्रदेश की राजधानियों तक के ब्यूरो भी शामिल है। खबर है कि इंडिया न्यूज के मुंबई व रांची ब्यूरो के ज्यादातर लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। दिल्ली में कल भी कई लोगों को बुलाकर एक महीने की सेलरी का चेक दिया गया और उनसे इस्तीफा लिखवा लिया गया। इनमें वे लोग ज्यादा था जो वीकली आफ या अन्य किन्हीं वजहों से पहले आफिस न आ पाए थे। करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने, जिनका नाम छंटनी लिस्ट में था, उन्होंने संपादकीय के उऩ असरदार लोगों से जिनका इन दिनों यहां सिक्का चल रहा है, से सेटिंग करके छंटनी लिस्ट से नाम डिलीट करा पाने में सफलता पाई है। सबसे बहादुर निकली एक लड़की जिसने चेक लेने व इस्तीफा साइन करने से मना कर दिया।

<p>छंटनी अभियान में इंडिया न्यूज प्रबंधन ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें दिल्ली मुख्यालय से लेकर प्रदेश की राजधानियों तक के ब्यूरो भी शामिल है। खबर है कि इंडिया न्यूज के मुंबई व रांची ब्यूरो के ज्यादातर लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। दिल्ली में कल भी कई लोगों को बुलाकर एक महीने की सेलरी का चेक दिया गया और उनसे इस्तीफा लिखवा लिया गया। इनमें वे लोग ज्यादा था जो वीकली आफ या अन्य किन्हीं वजहों से पहले आफिस न आ पाए थे। करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने, जिनका नाम छंटनी लिस्ट में था, उन्होंने संपादकीय के उऩ असरदार लोगों से जिनका इन दिनों यहां सिक्का चल रहा है, से सेटिंग करके छंटनी लिस्ट से नाम डिलीट करा पाने में सफलता पाई है। सबसे बहादुर निकली एक लड़की जिसने चेक लेने व इस्तीफा साइन करने से मना कर दिया।</p>

छंटनी अभियान में इंडिया न्यूज प्रबंधन ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें दिल्ली मुख्यालय से लेकर प्रदेश की राजधानियों तक के ब्यूरो भी शामिल है। खबर है कि इंडिया न्यूज के मुंबई व रांची ब्यूरो के ज्यादातर लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। दिल्ली में कल भी कई लोगों को बुलाकर एक महीने की सेलरी का चेक दिया गया और उनसे इस्तीफा लिखवा लिया गया। इनमें वे लोग ज्यादा था जो वीकली आफ या अन्य किन्हीं वजहों से पहले आफिस न आ पाए थे। करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने, जिनका नाम छंटनी लिस्ट में था, उन्होंने संपादकीय के उऩ असरदार लोगों से जिनका इन दिनों यहां सिक्का चल रहा है, से सेटिंग करके छंटनी लिस्ट से नाम डिलीट करा पाने में सफलता पाई है। सबसे बहादुर निकली एक लड़की जिसने चेक लेने व इस्तीफा साइन करने से मना कर दिया।

 उसने खुद के निकाले जाने के पीछे वजह जानना चाहा। जब उसे समुचित उत्तर न मिला तो उसने बिना एमडी से मिले,  इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। एमडी के विदेश होने के चलते फिलहाल इस लड़की का इस्तीफा टल सा गया है। वो रोजाना आफिस जा रही। बड़ी बड़ी सैद्धांतिक बातें करने वाले लोग जब चुपचाप इस्तीफा साइन कर चेक के साथ संस्थान को अलविदा कर रहे थे,  इस एकमात्र लड़की के साहस की पूरे संस्थान में चर्चा है। बताया जाता है कि जो लिस्ट छंटनी के लिए बनाई गई है उसके लिए पहले सभी विभागीय प्रमुखों से काम न करने वाले लोगों का नाम मांगा गया। बाद में इन सभी नामों को कंपाइल करने के बाद लिस्ट तैयार कर उपर भेजी गई। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद एक एक कर इस्तीफा लेने का काम शुरू हो गया।

फिलहाल इंडिया न्यूज संक्रमण के दौर से गुजर रहा है जहां पुरानी टीम लगभग बाहर हो चुकी है और नई टीम कामधाम की कमान अपने हाथों में लेने में लगी है। उम्मीद करें कि यह चैनल कुछ महीनों में आंतरिक राजनीति से मुक्त होकर सुव्यवस्थित तरीके से कामधाम के जरिए अपने लक्ष्य को हासिल कर पाने में सफल हो सकेगा।

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