राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल समेत सत्ता पक्ष, विपक्ष, नेता, अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी, चिकित्सक से लेकर सभी वर्ग से जाने-माने लोग जुटे थे. वक्ताओं ने खुद स्वीकार किया कि झारखंड को आज जहां होना चाहिए था, नहीं है. खनिज संपदा से भरपूर इस राज्य में आज भी काफी संख्या में लोग गरीब और असहाय हैं. राज्य के विकास की राह में कई अड़चनें हैं. कामकाज में खामियां हैं, जिसके चलते सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ यहां के आम नागरिकों, खासकर गरीबों को नहीं मिल पा रहा है.
सबने राजनीति से ऊपर उठ कर झारखंड के विकास के लिए साथ काम करने का भरोसा दिलाया. अपनी मंशा भी जतायी. मौका था प्रभात खबर द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘झारखंड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2011’ के विमोचन का. किताब का विमोचन राज्यपाल एमओएच फारुख, मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, उप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधानसभा स्पीकर सीपी सिंह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने संयुक्त रूप से किया. इन लोगों ने माना कि विकास को धरातल पर लाने के लिए जरूरी है कि सरकार में डिलेवरी मैकेनिज्म मजबूत हो.
पंचायत चुनाव संपन्न कराकर और राष्ट्रीय खेल आयोजित कर राज्य ने इसे साबित भी किया है. इन लोगों ने विकास के मुद्दे पर साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया. अर्जुन मुंडा ने माना कि राज्य के खनन क्षेत्र में पनपता आर्थिक उपनिवेशवाद चिंता का विषय है. जहां का संसाधन इस्तेमाल हो रहा है कम से कम उस क्षेत्र के लोगों के विकास पर उपयोगकर्ताओं को चिंता होनी चाहिए.