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आज समाज : प्रबंधन खुश, स्टाफ मायूस

दिवाली के दिन भी स्टाफ से काम कराया पर हाथ में मिठाई का एक डिब्बा तक नहीं पकड़ाया : चंडीगढ़ और दिल्ली में लाखों घरों तक पहुंचा ‘आज समाज’ : प्रिंट मीडिया के पत्रकारों के बारे में कहा जाता है कि उन्हें सामूहिक छुट्टियां गिनी-चुनी ही मिलती हैं। न्यूज चैनल वाले तो इस मामले में और भी अभागे हैं। उन्हें बिलकुल कोई छुट्टी नहीं मिलती क्योंकि उनका चैनल कभी बंद नहीं होता। प्रिंट वालों को जिन दिनों में छुट्टियां मिलती हैं, उनमें होली-दिवाली भी शामिल है। इस बार दिल्ली में जहां सभी अखबार दिवाली के दिन बंद रहे तो सिर्फ एक अखबार रोज की तरह खुला रहा। इस अखबार का नाम है ‘आज समाज’। इसके पत्रकार दिवाली के दिन शाम छह बजे तक बुझे दिल से ड्यूटी पर जमे रहे।

दिवाली के दिन भी स्टाफ से काम कराया पर हाथ में मिठाई का एक डिब्बा तक नहीं पकड़ाया : चंडीगढ़ और दिल्ली में लाखों घरों तक पहुंचा ‘आज समाज’ : प्रिंट मीडिया के पत्रकारों के बारे में कहा जाता है कि उन्हें सामूहिक छुट्टियां गिनी-चुनी ही मिलती हैं। न्यूज चैनल वाले तो इस मामले में और भी अभागे हैं। उन्हें बिलकुल कोई छुट्टी नहीं मिलती क्योंकि उनका चैनल कभी बंद नहीं होता। प्रिंट वालों को जिन दिनों में छुट्टियां मिलती हैं, उनमें होली-दिवाली भी शामिल है। इस बार दिल्ली में जहां सभी अखबार दिवाली के दिन बंद रहे तो सिर्फ एक अखबार रोज की तरह खुला रहा। इस अखबार का नाम है ‘आज समाज’। इसके पत्रकार दिवाली के दिन शाम छह बजे तक बुझे दिल से ड्यूटी पर जमे रहे।

हरियाणा के कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा के इस अखबार के पत्रकारों को सबसे ज्यादा मलाल इस बात का रहा कि दिवाली के दिन काम तो कराया लेकिन बोनस या उपहार के रूप में धेले भर की कोई चीज नहीं दी। दूसरे अखबारों ने रोते-गाते भी अपने स्टाफ को कुछ न कुछ दिया। न कुछ और तो कम से कम मिठाई का एक डिब्बा तो गिफ्ट के बतौर भेंट किया। पर आज समाज अखबार चलाने वालों को संभवतः यह चलन मालूम न हो या उनके मैनेजरों ने उनसे कभी बताया न हो। स्टाफ को दिवाली के दिन छुट्टी न देने के साथ-साथ कोई गिफ्ट तक भी नहीं दिया। सूत्रों के मुताबिक आज समाज प्रबंधन चंडीगढ़, पंचकुला और मोहाली के पाठकों को यहां से अखबार लांच करने के पहले नमूने के तौर पर अखबार की एक-एक प्रति वितरित करना चाहता था। इसके लिए दिन चुना गया दिवाली के अगले दिन का ताकि बाकी सभी अखबार बंद रहें तो पाठकों तक आज समाज की एक प्रति पहुंचाकर सर्वे वगैरह का काम शुरू कराया जा सके और फीडबैक लिया जा सके। इसी क्रम में यह भी तय हुआ कि दिल्ली एडिशन भी मार्केट में भेजा जाए ताकि बाकी अखबारों की बंदी का ज्यादा से ज्यादा फायदा आज समाज को मिल सके। इसके लिए आज समाज के स्टाफ को दिवाली के दिन भी आफिस आने का आदेश जारी कर दिया गया।

मरता क्या न करता की तर्ज पर सभी लोग आफिस पहुंचे। चंडीगढ़ से लांच होने वाले आज समाज अखबार के संपादक स्वतंत्र सक्सेना स्थानीय खबरों की फाइल लेकर आज समाज के दिल्ली स्थित आफिस पहुंचे। अखबार को चार बजे तक फाइनल कर देने की योजना थी लेकिन करते-कराते छह बज गए। स्टाफ भले मायूस हो लेकिन प्रबंधन खुश है। एक तो दूसरे अखबारों के बंदी के दिन अखबार मार्केट में भेजकर ब्रांडिंग के लिहाज से बड़ा काम किया तो चंडीगढ़, मोहाली व पंचकुला में एक लाख से ज्यादा अखबार वितरित कराकर पाठकों से रिश्ते डेवलप करने का नायाब काम किया।

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