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‘औरंगजेब की औलाद कहेंगे तो चुप न रहूंगा’

: एंडरसन के बारे में राजीव को कुछ न पता था : तत्कालीन गृहमंत्री नरसिंह राव व राष्ट्रपति भवन की जानकारी में एंडरसन भारत से बाहर गया : “गृह मंत्री पी चिदंबरम जब कुछ ठान लेते हैं तो वे किसी की नहीं सुनते।” न्यूज 24 के विशेष कार्यक्रम ‘आमने-सामने’ में एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से बातचीत में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ये दावा किया।

: एंडरसन के बारे में राजीव को कुछ न पता था : तत्कालीन गृहमंत्री नरसिंह राव व राष्ट्रपति भवन की जानकारी में एंडरसन भारत से बाहर गया : “गृह मंत्री पी चिदंबरम जब कुछ ठान लेते हैं तो वे किसी की नहीं सुनते।” न्यूज 24 के विशेष कार्यक्रम ‘आमने-सामने’ में एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद से बातचीत में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ये दावा किया।

नक्सल मसले पर गृह मंत्री को ‘एरोगेंट’ कहने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने ये जवाब दिया। न्यूज 24 से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने नक्सल मामले में छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला किया और उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार नक्सलियों से मिली है। राज्य में हुए नक्सल हमले की जिम्मेदारी बीजेपी सरकार पर है। आर्मी और एयरफोर्स के जरिए नक्सलियों से नहीं लड़ा जा सकता। स्थानीय जनता को भरोसे में लेकर ही नक्सलियों से लड़ा जा सकता है।”

न्यूज 24 से बातचीत में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ की गई टिप्पणियों का बचाव करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, “गडकरी ओछी बात करते हैं। अगर कोई मुझे औरंगजेब की औलाद कहेगा तो मैं चुप नहीं रहूंगा।” न्यूज 24 से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने दंगों में कट्टरपंथी हिंदुओं के हाथ होने का आरोप जड़ा। उन्होंने सवाल उठाया, “जब बीजेपी कमजोर होती है तभी ब्लास्ट क्यों होते हैं। चुनाव से पहले ही ब्लास्ट क्यों होते हैं बीजेपी इसकी वजह बताए।” दिग्विजय सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यूपी में हाथी की सवारी गुंडे कर रहे हैं। कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी।”

न्यूज 24 से बातचीत में भोपाल गैस त्रासदी के आरोपी एंडरसन के देश से बाहर जाने के मामले में दिग्विजय सिंह ने कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी उस वक्त चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी। उस वक्त ये इतना बड़ा मामला भी नहीं था कि उन्हें जानकारी दी जाती। लेकिन तत्कालीन गृह मंत्री नरसिंह राव और राष्ट्रपति भवन की पूरी जानकारी में ही एंडरसन भारत से बाहर गया। उसे संभवत: अमेरिका के दबाव में भारत से बाहर जाने दिया गया।” न्यूज 24 से विशेष बातचीत में दिग्विजय सिंह ने अपने चुनावी वनवास को खत्म करने का संकेत दिया। उन्होंने कहा, “अगर पार्टी आदेश देगी तो 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ सकता हूं। लेकिन अब राज्य की राजनीति नहीं करूंगा।” प्रेस विज्ञप्ति

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0 Comments

  1. ajay golhani

    July 18, 2010 at 2:24 pm

    “”उस वक्त ये इतना बड़ा मामला भी नहीं था”” jis ghatna mein 15,000 log tatkal mar jayen, toh kya wah chota mamla hota hai. sharm karo diggi raja. chaplosi ki bhi had hoti hai…

  2. Ajay Golhani, Nagpujr

    July 18, 2010 at 3:34 pm

    Rao congress ke liye bali ka bakra hai. chahe Bawri masjid ho ya anderson mamla….

  3. raja

    July 18, 2010 at 3:35 pm

    thhakuron me in se badaa gulam dhhoondhhe se nhi milga…swami bhakti ke sbhi ricord tod diye.

  4. chandan goswami

    July 18, 2010 at 4:03 pm

    enki jaban kya bharosa krna yeh wahi digvijaysingh hei jinhone m.p me election ke samay harne ke bad 10 vrsho tk tajniti se sanyas lene ki bat kahi thee ,koi bhee pad nahi lene ki baat chati thokar kahi thee.

  5. anand sharma

    July 18, 2010 at 5:02 pm

    digvijay jaise neta ochi bayanbazi karke voton ki rajniti karte hain. ye pahle khud apne girebaan me jhaken. muslim barg ko khus karne ke liye kabhi kahenge ki hindu parisad per ben lago to kabhi bajrangdal par. mai punchta hun ki inki sarkar or khud inne desh me aatanki hamlon or seema paar se lagataar ho rahi ghuspaith ki rokthaam ke liye kya kia. shirf mu chalane ke alaba or kuch nahi. ye or ramvilash paasban jaise log bakai orangjeb ki oulad hain. ye pakistan me jaker kisi muslim sangathan ko ben lagane ki baat karke dikhayen to jaane.

  6. sanjay

    July 19, 2010 at 10:23 am

    digvijay sing je appke muh se ye accha nai lagta ki app jaisa neta,appni party congress ke liye former PM RAO sahab ko bali ka bakra bana kr appni jabbabdari se bach jao . chahe Bawri masjid ho ya anderson mamla, inn sub me congress ki bhumika ? eke bar janta ko jabab to dena hi padaga,chaye samay kitna ve lag jay ?….

  7. Haresh Kumar

    July 19, 2010 at 11:06 am

    दिग्विजय सिंह जैसे चापलूसों की बात पर विश्वास कौन करता है। कभी इसी दिग्विजय सिंह ने चुनाव जीतने के लिए विकास को मुद्दा नहीं बनाने को कहा था। इनके शासन में मध्यप्रदेश राज्य लालटेन युग में प्रवेश कर गया था। देश में ऐसे नेता लोग भड़े परे हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी की जूती चाटने के अलावा इनकी औकात एक चुनाव जीतने की भी नहीं है। इनको मध्यप्रदेश की जनता ने नकार दिया है। अब ठोल पीट रहे हैं। खाली बैठे हुए हर जगह पहुंच जाते हैं। और बोल जाते हैं। कभी प्रभात झा से कभी किसी औऱ से बराबर बहस करके अपनी प्रासंगिकता सिद्ध करना चाहते हैं। प्रजातंत्र का इससे बड़ा मजाक औऱ क्या हो सकता है। अंग्रेज राज में राज का फायदा उठाया और प्रजातंत्र आने पर राजनीतिक लबादा ओढ़ लिया। जैसा समय वैसा बर्ताब करते हैं।

  8. trinetra

    July 19, 2010 at 12:11 pm

    ye vahi log hai fir chunav me jitkar janta ka khun chusna chahte hai,ye sala digvijay singh nam ko hi kalank hai,fir ye turk ki olad hai isme Gadkari ne galat kya bola hai.ab sale ko mirchi lagti hai,iska ladka agar batla house encounter me mara jata ya ghandhi parivar ka koi mara jata to vo encounter sahi hota aam aadmi marta hai to encounter galat hai.sale ek din tu bhi esi hi mot mara jayega.

  9. aavi kumar

    July 19, 2010 at 4:05 pm

    दिग्विजय सिंह जैसे लोग जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी चमचगिरी में लगा दी वो क्या स्वाभिमान की बात कर रहे हैं ,कांग्रेस तो हमेशा मुस्लिम तुस्टीकरण की राजनीत करती हैं ,पैर क्या किया जाये हिंदू में रीढ़ की हड्डी ही नहीं है इसलये ऐसे दलाल हिंदू को चरमपंथी और मुस्लिम को मक्खन लगते है दिग्विजय सिंह तो वैसे भी राज-पूत हैं जिसका राज उस के पूत छाए सोनिया और राहुल की जूती कहते या अंग्रजो के जिया जियो बेटा जिया दिग्विजय

  10. N.K.Tiwari

    July 20, 2010 at 1:16 am

    hajaro logo ka mar jaana bhi manniya Diggi Raja ke lie khas maamla nahi tha .Dhany ho Diggi Ji.

  11. Haresh Kumar

    July 20, 2010 at 8:21 am

    दिग्विजय सिंह से एक सवाल है कि अगर आज नरसिम्हाराव जीवित होते और कांग्रेस में सोनिया गांधी से मजबूत होते तो क्या दिग्विजय सिंह आज राजीव गांधी के बारें ऐसे ही नहीं कह रहे होते। इस आदमी को चापलूसी के अलावा अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है। जिसका पलड़ा भारी रहता है उसके पक्ष में बोलता रहता है। ऐसे लोगों से ही राजनीति दूषित हुई है। जब तक ऐसे लोग रहेंगे राजनीतिज्ञों के नाम आते ही लोग गालियों से ही बात करेंगे। ये कुत्ते की दुम हैं सुधरने वाले नहीं हैं। चुनाव जीतना औऱ हारना अलग बात होती है औऱ विचार अलग होते हैं। लेकिन इस आदमी का तो अपना कुछ है ही नहीं। बाटला हाउस इनकाउंटर पर भी सवाल खड़े करने वाला यह दिग्विजय सिंह मुस्लिम मतों के तुष्टिकरण को लेकर आजमगढ़ तक पहुंच कर उन्हें निर्दोष साबित कर देता है न्यायालय का फैसला आने से पहले ही। औऱ राहुल गांधी के विस्वसनीय टींम का सदस्य भी है यह।
    कभी राजीव गांधी चाटुकारों की टीम के चलते ही जनता से दूर हुए थे औऱ प्रचंड बहुमत आने के अगले चुनाव में ही धराशाई हो गए थे। ऐसे चाटुकार लोग हकीकत को सामने आने ही नहीं देते। फिर इनकी दुकान कैसे चलेगी, सवाल लाख टके का यह भी तो है। घिन्न आती है ऐसे राजनीतिज्ञों से। राजनीति इनके लिए पेशा है औऱ आज राजनीति एवं वेश्यावृति में कोई ज्यादा फर्क नहीं। फिर भी अगर आप ईमानदारी पूर्वक देंखें तो कई वेश्यायें अपनो और परिवार का पेट भरने के लिए धंधा करती है लेकिन आज कल के नेता लोग तो अपने फायदे के लिए देश को भी बेच खायें। शर्म इनको आती ही नहीं। बेशर्म जो ढ़हरे। इनको प्रभाष झा क्या हर हिन्दुस्तानी औरंगजेब की औलाद कहता है।

  12. nitin thakur

    July 22, 2010 at 1:29 pm

    “तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी उस वक्त चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी। उस वक्त ये इतना बड़ा मामला भी नहीं था कि उन्हें जानकारी दी जाती”;D;D;D 15000 logon ki maut itna bada maamla nahin tha……aachaa mazaak kar lete hain aap shrimaan ji!!!!

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