Connect with us

Hi, what are you looking for?

कहिन

25 जून पर विशेष (3) : उस दौर के कुछ कार्टून और तस्वीरें

आज के ही दिन देश में आपातकाल लगा था. सन 1975 की बात है. अखबारों का गला घोंट दिया गया था. प्रेस सेंसरशिप के भयावह दौर से गुजरा भारत का मीडिया. कई पत्रकार जेल गए और कई सरकार के तलवे चाटने लगे. साफ साफ विभाजन दिखा. जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजा दिया गया. उस दौर के कई नायक आज भी हमारे सामने हैं. उस दौर में कई अखबारों और मैग्जीनों ने अपने अपने अंदाज में आपात काल का विरोध किया.

आज के ही दिन देश में आपातकाल लगा था. सन 1975 की बात है. अखबारों का गला घोंट दिया गया था. प्रेस सेंसरशिप के भयावह दौर से गुजरा भारत का मीडिया. कई पत्रकार जेल गए और कई सरकार के तलवे चाटने लगे. साफ साफ विभाजन दिखा. जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजा दिया गया. उस दौर के कई नायक आज भी हमारे सामने हैं. उस दौर में कई अखबारों और मैग्जीनों ने अपने अपने अंदाज में आपात काल का विरोध किया.

आपातकाल के दिनों में प्रकाशित कुछ कार्टूनों और तस्वीरों को यहां दिया जा रहा है. अबू अब्राहम के कार्टून से आप उस दौर की राजनीति को समझ सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि जैसे उस दौर में इंदिरा गांधी खलनायिका हो गईं थी, उसी तरह आज के दौर में उनकी विदेशी बहू खलनायिका बनने की ओर अग्रसर है. इन कार्टूनों को भड़ास4मीडिया के पास पहुंचाया है प्रख्यात मीडिया विश्लेषक रघुनाथ ने. हम उनके आभारी हैं.

अगर आपके पास भी आपातकाल के दिनों के लेख, अखबार, कार्टून, मैग्जीन हों तो उनको स्कैन करके भड़ास4मीडिया के पास भेज सकते हैं ताकि उसे देश भर के लोगों तक साझा किया जा सके और भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में चल रही आंधी को और मजबूती प्रदान किया जा सके. इस आयोजन का यह भी मकसद है कि अगर कांग्रेसियों ने फिर आपातकाल जैसी हरकत की तो अबकी जनता उन्हें सदियों तक माफ नहीं करेगा और कांग्रेस का कम से कम इस देश से तो सूपड़ा साफ हो ही जाएगा, संभव है तब सोनिया अपने देश से जाकर भारत की राजनीति को लेकर बयानबाजी करें. -यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

 

Click to comment

0 Comments

  1. anamisharanbabal

    July 22, 2011 at 5:45 am

    बीमारी की वजह से बहुत देर से देख रहा हूं, इस कारण एक दस्तावेज नुमा चीज से वंचित रहने का बड़ा मलाल है। कमाल है यश भाई वाकई यार आपका संपर्क और मेहनत रंग लाती और दिखाती है। आपातकाल के बाद पैदा हुए ज्यादातर पत्रकारों को अभी भी शायद पुरी तरह आपातकाल और इंदिरा डायन के बारे में पता नहीं होगा, यो हमारी पीढ़ी को शर्मिदा कर देती है। खैर बहुत अच्छी यादगार और एक दस्तावेज सा चीज देकर आपने अपना धर्म निभाया है। आपरो बहुत 2शुभकामनाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement