Connect with us

Hi, what are you looking for?

कहिन

यशवंतजी, ‘अभी-अभी’ से आपको कितना माल मिला?

मेरी बददुआएं हमेशा श्योराण और लाठर के साथ हैं : यशवंत जी, ‘अभी-अभी’ अखबार के साथ पुलिस जो कर रही है वह बहुत बुरा है। मैं इसकी निन्दा करता हूं। आप अपने पोर्टल में खूब छाप रहे हैं, मैं आपकी प्रशंसा करता हूं। मझे याद है जब ये अखबार शुरू हो रहा था तब भी आपने खूब प्रचार किया था इस अखबार का। लेकिन भ्रष्टाचार की पोल खोलने का दावा करने वाले इस अखबार के तथाकथित मालिकों ने मेरे जैसे पत्रकारों के साथ क्या किया, यह बताने की आपने जरूरत नहीं समझी। हमारे जैसे नौकरी करके बच्चों को पालने वाले लोगों का आपके इस परम मित्र श्योराण और लाठर ने सड़क पर लाकर पटक दिया। बच्चों को खाने की व्यवस्था तक नहीं हो पायी। स्कूल से बच्चों का नाम कट गया। आपके ये दोनों मित्र मोबाइल तक नहीं उठाते थे। आप खुद को निष्पक्ष बताने वाले लोग सच में कितने बडे़ पाखंडी हैं।

मेरी बददुआएं हमेशा श्योराण और लाठर के साथ हैं : यशवंत जी, ‘अभी-अभी’ अखबार के साथ पुलिस जो कर रही है वह बहुत बुरा है। मैं इसकी निन्दा करता हूं। आप अपने पोर्टल में खूब छाप रहे हैं, मैं आपकी प्रशंसा करता हूं। मझे याद है जब ये अखबार शुरू हो रहा था तब भी आपने खूब प्रचार किया था इस अखबार का। लेकिन भ्रष्टाचार की पोल खोलने का दावा करने वाले इस अखबार के तथाकथित मालिकों ने मेरे जैसे पत्रकारों के साथ क्या किया, यह बताने की आपने जरूरत नहीं समझी। हमारे जैसे नौकरी करके बच्चों को पालने वाले लोगों का आपके इस परम मित्र श्योराण और लाठर ने सड़क पर लाकर पटक दिया। बच्चों को खाने की व्यवस्था तक नहीं हो पायी। स्कूल से बच्चों का नाम कट गया। आपके ये दोनों मित्र मोबाइल तक नहीं उठाते थे। आप खुद को निष्पक्ष बताने वाले लोग सच में कितने बडे़ पाखंडी हैं।

यदि पाखंडी नहीं हो तो मेरी इस चिट्ठी को भी छापो। बताओ पत्रकार जगत को कि ये जो आज पुलिस से बचने के लिए पत्रकारों और भड़ास4मीडिया जैसे पोर्टल का इस्तेमाल कर रहे हैं, इन्होंने सैकड़ों परिवारों को भुखमरी की कगार पर पहुंचा दिया था। मेरी बददुआएं हमेशा श्योराण और लाठर के साथ हैं। आप जैसे लोग इन्हें पुलिस से बेशक बचा लो, मेरी जैसे लोगों की बददुआओं से बचा सको तो बचा लेना और खबरदार ऐसे लोगों का ज्यादा पक्ष न लिया करो, भगवान से भी डरो।

आज आपको चिन्ता है कि पुलिस पत्रकारिता का गला घोंट रही है, जब ये दोनों पत्रकारों का गला घोंट रहे थे, बेरोजगार कर दिए गए पत्रकारों के बच्चे भूखे थे और ये दोनों अपनी आलीशान गाड़ियों पर घूम रहे थे तब कहां चले गये थे आप। ऐसी हरकतों से बाज आइये जनाब। ये निष्पक्ष पत्रकारिता का चोगा उतार फेंकिए और श्योराणों-लाठरों के जमात में शामिल हो जाइये। सुना है ‘अभी-अभी’ की आड़ में मोटा कमा गये हैं, शायद कुछ आपको भी मिल जाये और हो सकता है मिल भी गया हो वरना यह जानते हुए भी कि दोनों महाचोर हैं, कैसे इनके साथ ऐसी सहानुभूति रखे हुए हैं?

मेरा नाम त्रिलोचन भट्ट है। ‘अभी-अभी’ में फरीदाबाद में था। दैनिक भास्कर से आया था मैं। ये लोग खुद मोटा खाते रहे, हमारे बच्चों को कई बार रोटी तक नहीं मिली और आप हैं कि इनकी चिन्ता में पतले हुए जा रहे हैं। ये लोग सौ चूहे खाकर हज को जाना चाहते थे, दबोच लिया पुलिस ने। पुलिस के चंगुल से छूट भी जायें तो भी जिन्दगी में चैन नहीं पायेंगे ये।

त्रिलोचन भट्ट

पत्रकार

[email protected]

Click to comment

0 Comments

  1. trilochan

    February 13, 2010 at 6:24 pm

    bhai trilochan ,,,shyoraan aur laathar ke sath ap ki bate kadvi hain aur sachhi bhi ,,,

    Trilochan s kalra
    Photojournalist/Actor/Anchor/Script writer
    Sr Lecturer Amity school of communication lko–09451781960

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement