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अफवाहबाजों के निशाने पर अजीत अंजुम

छुट्टी लेना आम बात है. जो आफिसों में काम करते हैं वे अक्सर साप्ताहिक अवकाश लेते हैं और छह माह या साल भर में इकट्ठी हफ्ते दो हफ्ते की छुट्टियां लेते हैं. पर अजीत अंजुम अवकाश पर हैं तो खास बात है. साप्ताहिक अवकाश मुश्किल से लेने वाले अजीत अंजुम महीने भर की छुट्टी पर हैं. उनके छुट्टी पर जाने के बाद से तमाम तरह की चर्चाएं मीडिया मार्केट में शुरू हो गई है.

<p align="justify">छुट्टी लेना आम बात है. जो आफिसों में काम करते हैं वे अक्सर साप्ताहिक अवकाश लेते हैं और छह माह या साल भर में इकट्ठी हफ्ते दो हफ्ते की छुट्टियां लेते हैं. पर अजीत अंजुम अवकाश पर हैं तो खास बात है. साप्ताहिक अवकाश मुश्किल से लेने वाले अजीत अंजुम महीने भर की छुट्टी पर हैं. उनके छुट्टी पर जाने के बाद से तमाम तरह की चर्चाएं मीडिया मार्केट में शुरू हो गई है.</p>

छुट्टी लेना आम बात है. जो आफिसों में काम करते हैं वे अक्सर साप्ताहिक अवकाश लेते हैं और छह माह या साल भर में इकट्ठी हफ्ते दो हफ्ते की छुट्टियां लेते हैं. पर अजीत अंजुम अवकाश पर हैं तो खास बात है. साप्ताहिक अवकाश मुश्किल से लेने वाले अजीत अंजुम महीने भर की छुट्टी पर हैं. उनके छुट्टी पर जाने के बाद से तमाम तरह की चर्चाएं मीडिया मार्केट में शुरू हो गई है.

अफवाह फैक्ट्री भी सक्रिय है. कई तरह के अफवाह पैदा किए जा रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि अजीत अंजुम प्रबंधन से नाराज होकर अवकाश पर गए हैं. ये लोग बता रहे हैं कि मामला सुप्रिय प्रसाद और अजीत अंजुम के बीच का है. कुछ लोगों का कहना है कि चैनल में एक सीईओ लेवल का नया बंदा लाया जा रहा है जिसके अधीन पूरा चैनल होगा और उसे हर कोई रिपोर्ट करेगा. संभवतः इसी से अजीत अंजुम नाखुश होकर अवकाश पर चले गए हैं. ऐसी ही कई तरह की अफवाहें हैं.

इस बारे में भड़ास4मीडिया ने जब अजीत अंजुम से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों से महीने भर के अवकाश पर हैं. उन्होंने बताया कि एक कान से सुनाई पड़ने में कुछ दिक्कत होने और मस्तिष्क की एक नस में अवरोध होने के कारण वे ट्रीटमेंट करा रहे हैं, साथ ही साथ मौका मिलने पर परिवार के साथ घूमने-मिलने व फिल्म देखने जैसे कार्य भी कर रहे हैं. अजीत के मुताबिक चर्चाएं करना व अफवाह फैलाना कुछ लोगों का शगल है, इस पर कोई टिप्पणी करना बेकार है. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि बैग और न्यूज 24 का हिस्सा मैं कल भी था और आज भी हूं.

उधर, सूत्रों का कहना है कि चैनल में पहले ही शर्मिष्ठा रिजवानी सलाहकार की भूमिका में हैं जो हर सेक्शन की एडवाइजर हैं. वे करीब छह महीने पहले से कार्यरत हैं. ऐसे में किसी सीईओ को लाने की बात अफवाह ही हो सकती है. जो भी हो, पर इन दिनों अजीत अंजुम चैनल से महीने भर का अवकाश लेने के कारण कई तरह की चर्चाओं में घिरे हुए हैं. दरअसल, दिल्ली की मीडिया में सीनियर पदों पर बैठे लोगों के बारे में अफवाहों व कयासों का बाजार लगातार गर्म रहता है. ये अफवाहबाज किसी न किसी बहाने किसी न किसी को हमेशा टारगेट में लिए रहते हैं.

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0 Comments

  1. naveen lal suri

    April 10, 2010 at 8:05 am

    sir aap k shigrh swast labh ki kamana karta hu…….regds:naveen lal suri

  2. शेष नारायण सिंह

    March 19, 2010 at 1:06 pm

    यह अफवाह वाले अजीत का क्या बिगाड़ लेंगें . लोगों को मालूम ही नहीं है कि अपने चैनल के संस्थापक के परिवार से अजीत अंजुम के सम्बन्ध क्या हैं. करीब १५ साल पहले अजीत ने अनुराधा जी के साथ काम करना शुरू किया था . कोई ख़ास नाम नहीं था उस प्रोडक्शन हाउस का उन दिनों. मुझे साफ़ याद है कि जब अजीत को एक अच्छा जॉब ऑफर दिया गया था तो उन्होंने कहा था कि अब तो इन लोगों के साथ जीवन भर काम करने की योजना है .कहीं और नौकरी नहीं करूंगा .. आज न्यूज़ २४ जहां तक पंहुचा है ,उसमें अनुराधा जी का हाथ तो है ही , अजीत अंजुम ने भी अपने जीवन के सबसे बेहतरीन वर्ष लगाए हैं . अफवाहबाजों को मालूम होना चाहिए कि इस तरह के सम्बन्ध टूटते नहीं.

  3. vikram dutt vashistha jodhpur

    March 19, 2010 at 4:11 pm

    अगर ये बात सच निकली तो ये बी ऐ जी के लिए घातक होगा ! हमने कई बरस अंजुम जी के साथ काम किया है हम जानते है उनकी मेहनत और लगन को ! पता नहीं बी ऐ जी ने पुरानी टीम को अलविदा कहा फिर नई टीम ने कमाल क्यों नहीं दिखाया ???????? लगता है कुछ बचे खुचे लोग चाहे वो स्ट्रिंगर हो या फिर दिल्ली में बैठे कारिंदे, सभी के पुराने काम को नई टीम ने पैरों तले रौंदा लेकिन कोई चमत्कार नहीं हुआ !!!

  4. Sarvadaman

    March 19, 2010 at 7:20 pm

    अफवाहबाज मीडिया या उनसे सम्बंधित जगत में हमेशा से सक्रिय रहते है. अफवाहबाजो के साथ-साथ पत्रकारों की छवि पर कीचड़ उछालने का कार्य भी कुछ लोग करते है. ये ऐसे लोग है जो चाहते है सब कुछ उनके हिसाब से चले. अगर इनकी सुविधा के हिसाब से नहीं चलोगे तो छवि मटियामेट करेंगे. रिपोर्टर्स के साथ फील्ड में ऐसा रोज – रोज होता है जहाँ इन परेशानियों से जूझना पड़ता है. प्रशासन के खिलाफ एक खबर लिखने से ही अधिकारी पत्रकार को ब्लेकमेलर कह कर बदनाम करने लगते है. और हमारे साथी इसको प्रचारित करने लगते है. इसलिए कुछ समय बाद पत्रकारिता में ‘एक्टीविस्म’ ख़त्म हो जायेगा और लोग परिवार पालने के लिए इसे एक नौकरी ही समझेंगे.

  5. यशवंत सिंह

    March 20, 2010 at 4:55 pm

    कुछ घटिया और कुंठित लोग बिना अपना नाम व पहचान उजागर किए जिस तरह से अनाप शनाप लिख रहे हैं वह निंदनीय है. इसी कारण शुरू में इस पोर्टल पर कमेंट आप्शन नहीं रखा गया था. जिन्हें बहुत ज्यादा खुजली हो रही है वे एक फ्री का ब्लाग बनता है, बना लें और अपनी बात वहां पर कह दें. पर दिक्कत है कि आजकल दूसरों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने का चलन है, सो, ऐसे छुपेरूस्तम चले आते हैं और बिना नाम पहचान के कुछ भी कह देते हैं जिसका कोई ओरछोर नहीं होता. सारे कमेंट, जो किसी अभद्र महाशय के देने के बाद शुरू हुए थे, हटा दिए गए हैं और इस तरह के कमेंट को भविष्य में इंटरटेन नहीं किया जाएगा. आज दिन में कमेंट्स मैं खुद नहीं देख पाया था और भड़ास4मीडिया के कुछ साथियों ने उसे पास कर दिया था, इसलिए सफाई दे रहा हूं.
    यशवंत

  6. surendra joshi

    March 21, 2010 at 6:18 am

    यशवन्‍त जी आपने सही लिखा कि कुछ घटिया और कुण्ठित लोग बिना अपना नाम और पहचान उजागर किये अनाप शनाप लिखते है…… और इसीलिये मैने भाषा के स्‍तर पर एतराज दर्ज कराया था……अजीत अंजुम को मैं व्‍यक्तिगत रूप से नही जानता लेकिन उनके लिखे हुये शब्‍दो को पढता हूं और बोले गये शब्‍दो को टेलिविजन पर सुनता हूं….लिहाजा उनके प्रति सम्‍मान का पैदा होना कोई गलत बात नही है…..किसी के प्रति श्रद्वा का प्रदर्शन जिन लोगो को चुभता है वही गलत नाम का सहारा लेते है……लेकिन भाषा के स्‍तर से आप भी जान गये होंगे की लिखने वाले कौन है और उन्‍हे अजीत जी से क्‍या तकलीफ है……..रही बात खुद का ब्‍लाग शुरू करने की तो बता दूं कि वे सज्‍ज्‍न अपना ब्‍लाग भी चला रहे है लेकिन उनकी इतनी हिम्‍मत नही है कि वे सीधे तौर पर अपने नाम के साथ बात कह सके…..ज्‍यादा तो मैं नही जानता लेकिन लगता है कि अजीत अंजुम एक ऐसा आइना है जिसके सामने जो खडा होगा….उसे अपनी शक्‍ल खुद ब खुद नजर आ जायेगी….. आपका ब्‍लाग किसी के चरित्रहनन का माध्‍यम नही बने यही इच्‍छा है और आपने इसे गम्‍भीरता से लिया उसके लिये आपका आभार………. सुरेन्‍द्र जोशी

  7. Tehseen Munawer

    March 21, 2010 at 4:24 pm

    GET WELL SOON BHAI……..APNA KHAYAL RAKHIEN….REFRESH HO KER WAPAS AAYEN……

  8. banjara

    March 22, 2010 at 2:55 am

    jo aadmi pne kam ko ghar-pariwar se jyada ahmiyat de, wo lambi chhutti pe jaye to hairat to hogi hi!!!!!!!!!

  9. junior

    March 22, 2010 at 9:20 pm

    ajit sir

    aap ko log baba kai rup mai jantai hai aap iss media kai baba hai humarai jaisai kitnai media kai bachhai aap sai media ki abc sikh kar bahut staphipt jagh par kaam kar rahai hai.mai aaj tak aap sai mila nahi hu par aapki chhavi 1 achai media guru ki tarah apnai mann mai bana kai rakha hu.sir plz 1 swatantra media ki jarurat hai 1 sahi news ki jarurat hai aap uss kai marg darsak thai aur rahiyaga.so sir plz kaam par aayai aur iss bhav sagar sai media ki chandal caukri ko bachaiya.

    apka anuj
    …………

  10. Saleem Saifi

    March 23, 2010 at 6:49 pm

    Guru ji ( Ajeet Ji ) is a University of Journalism aur University ka aakaar hamesha bada hota hai.

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